शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

गर्भ में ठीक किया रक्त प्रवाह स्वस्थ्य शिशु ने लिया जंम

गर्भ में ठीक किया रक्त प्रवाह स्वस्थ्य शिशु ने लिया जंम
ट्रीटमेंट अाफ एकार्डिया बाई रेडियो फ्रिक्वेसी एबीलेशन तकनीक स्थापित करने वाला पीजीआई बना उत्तर भारत का दूसरा संस्थान  




कई बार एक एक कोख से जंम लेने वाले दो भाई या बहन एक दूसरे दुश्मन बन जाते है कि अंकिता के गर्भ में पल रहे दो संतान में से कमजोर(अर्धविकसित) संतान को स्वस्थ्य संतान को मजबूत बनाने के लिए अपने जीवन को खतरे में डाल दिया। समय पर संजय गांधी पीजीआई के  संजय गांधी पीजीआई के मैटर्नल एंड रीप्रोडेक्टिव हेल्थ के विशेषज्ञों की टीम ने स्वस्थ्य संतान में खून  की सप्लाई ठीक कर उसे इस काबिल बनाया कि वह दुनिया में अा सके। अंकिता के गर्भावस्था के पांचवें माह में विशेष तकनीक से खून की सप्लाई ठीक कर दिया उस शिशु ने बुधवार को जंम लिया। ट्रीटमेंट अाफ एकार्डिया बाई रेडियो फ्रिक्वेसी एबीलेशन तकनीक के जरिए स्वस्थ्य संतान को जंम दिलाने के बाद संजय गांधी पीजीआई उत्तर भारत का दूसरा संस्थान हो गया है जहां यह तकनीक स्थापित हो गयी है। विभाग की प्रमुख प्रो.मंदाकनी प्रधान, प्रो.इंदुलता साहू, प्रो. नीता सिंह  प्रो.संगीता यादव, जूनियर रेजीडेंट डा. श्रुति   ने इस सफलता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अंकिता  गर्भ ने गर्भधारण करने के बाद जब अंबेडकर नगर में अल्ट्रासाउंड कराया ।   डाक्टर ने कहा कि एक शिशु के साथ दूसरा गांठ जैसा कुछ है। अंकिता को पीजीआई भेज दिया ।  देखा कि गांठ जैसी दिखने वाला अवकसित भ्रूण है जिसे स्वस्थ्य शिशु खून सप्लाई कर रहा है। स्वस्थ्य शिशु के दिल पर अधिक भार पड़ रहा है जिसके कारण यह हार्ट फोल्योर की स्थित में आ गया है। एेसे में तुरंत स्वस्थ्य शिशु को बचाने के लिए अविकसित भ्रूण में खून की सप्लाई बंद करनी थी नहीं यह शिशु भी पर जाता। 

चुनौती को किया स्वीकार टीम ने बनाई पूरी योजना

खून की सप्लाई रोकना जटिल काम था लेकिन हम लोगों ने इस चुनौती का समना करते हुए तमाम अध्यन किया । तय किया गया कि रेडियोफ्रिक्वेसी तकनीक ही सुरक्षित तकनीक रहेगी। हम लोगों ने इस तकनीक का इस्तेमाल कर अविकसित शिशु में खून की सप्लाई को बंद किया। स्वस्थ्य शिशु का दिल धी-धीरे काम करने लगा । बुधवार को सर्जरी कर इसे जंम दिया गया जो सामान्य है। इस प्रक्रिया में चार घंटे लगे। 

भरी बाल्टी में गेद पर निशाना लगना था रक्त प्रवाह बंद करना

विशेषज्ञों ने बताया कि गर्भाशय में  भ्रूण  एेसे घूमते है जैसे भरी बाल्टी में गेद घूमता हो अब हम लोगों को दो मिमी की नस को फोकस करते वहां पर अारएफए निडिन को प्लेस करना था जो काफी जटिल था लेकिन यह हो पाया। निडिल प्लेस करने के बाद निडिल के टिप पर लगे इलेक्ट्रोड को हाई फ्रिक्वेसी देनी होती है जो गर्म हो कर वहां के टिशू को गला देता है जिससे रक्त प्रवाह बंद हो गया।             


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