पीजीआई - एक नर्स से भरोसे तीस किडनी के गंभीर मरीज
रविवार की रात वार्ड के तीस मरीज रहे एक नर्स के भरोसे
कभी भी मरीज के जान पर बन सकती है यह कमी
संजय गांधी पीजीआई का नेफ्रोलाजी वार्ड ए रविवार की पूरी रात एक नर्से के भरोसे रहा। वार्ड में तीस गंभीर मरीज है जिनकी किडनी काम नहीं कर रही है । साथ में तमाम दूसरी परेशानी भी है । इन मरीजों को अधिक केयर की जरूरत है लेकिन एक नर्स कितनी केयर कर पाएंगी यह बडा सवाल है। वार्ड में भर्ती राम अनुज के परिजन कहते है कि हम लोगों को सिस्टर बता दिया है कि यह दवा खा लेना। जब कोई परेशानी हो तो एेसा कर लेना यानि हम लोगों को अपने मरीज की केयर करनी पड रही है। नर्सेज का कहना है कि इंचार्ज की बेरुख़ी से तिलमिलाया उपचारिका स्टाफ़ भी स्थानांतरण की राह पर चल पड़ा है। देश का चौथा बड़ा चिकित्सीय संस्थान उचाधिकारियो की उपेक्षा का शिकार हो चुका है। सामान्य चिकित्सालय में भी ६ मरीज़ों पर एक उपचारिका का प्रविधान है लेकिन यहां की तीन नर्सेज को ट्रामा सेंटर भेज दिया गया जिसके कारण और कमी हो गयी। एक नर्से ने ट्रांसफर ले लिया। उपचारिका स्टाफ़ की कमी से जूझता किडनी रोग वार्ड ए प्रतिदिन स्तानांतरण की अर्ज़ी लगाने को मजबूर शेष स्टाफ़ उच्चाधिकारियों के चेम्बर के बाहर ट्रांसफर के लिए चक्कर काटते नज़र आते हैं।
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