रविवार, 12 अगस्त 2018

पीजीआई अाफीसर वेलफेयर एसोसिएशन और फैकल्टी फोरम भी नियमावली में बदलाव के लिए एक साथ


पीजीआई अाफीसर वेलफेयर एसोसिएशन और फैकल्टी फोरम भी नियमावली में बदलाव
के लिए एक साथ


नियमावली संशोधन की मांग कर रहे कर्मियों ने आन्दोलन की धमकी दी


संजय गांधी पीजीआई नियमावली 2011 के संशोधन के मुद्दे पर संस्थान के समस्त
कर्मचारीसंगठन और आफीसर वेलफेयर ने संयुक्त मोर्चे की बैठक हुई जिसमें मोर्चे ने
आन्दोलन की चेतावनी दीहै। फैकल्टी फोरम से भी संयुक्त मोर्चे ने समर्थन मांगा है जिस पर फोरमने कहा कि हम इस मुद्दे पर साथ है।https://ssl.gstatic.com/ui/v1/icons/mail/images/cleardot.gifकर्मचारी नेताओं का कहना है कि नियमावली संशोधन के मुद्दे पर पीजीआईप्रशासन ढुलमुल रवैया अपना रहा है। आन्दोलन की रूपरेखा की घोषणा मोर्चाआगामी बैठक में करेगा।
बैठक में शामिल संयुक्त मोर्चा के बैनर तले जुटे नेताओं ने कहा कि नियमावली 2011 में त्रुटियों की वजह से संस्थान के कर्मचारियों को एम्स, दिल्ली की समतुल्यता नहीं मिल पा रही है। जिसकी वजह से वेतनमान व अन्य भत्ते पीजीआई में लागू होने में काफी विलम्ब हो रहा है। जिसको लेकरकर्मचारियों में भारी आक्रोश है। बैठक में मुख्य रूप से प्रशासनिक अधिकारी भरत सिंह के अलावा सीएल वर्मा, केके तिवारी, सीएल वर्मा, एनपी श्रीवास्तव, सतीश मिश्रा, राम कुमार सिन्हा, धर्मेश कुमार, रेखा मिश्रा,सावित्री सिंह, सीमा शुक्ला, अमर सिंह ने नियमावली संशोधनपर अार -पार की लडाई लड़ने को कहा। कहा कि नियमावली संशोधन के मुद्दे सेपीजीआई प्रशासन बच रहा है।  निमावली- 2011 के संशोधन के सम्बंध में राज्यपाल,सीएम और विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन दिया था। राज्यपाल और सीएम के हस्ताक्षेप के बादपीजीआई प्रशासन ने कमेटी बनायी थी। पर अभी तक कमेटी ने यह रिपोर्ट
सार्वजनिक नही की है। बैठक में तुलसी झा, सुजान सिंह, जितेंद्र यादव,प्रेम सिंह बिष्ट, ओमप्रकाशबेचेलाल, चंद्रप्रभा, हेमंत वर्मा, जंग.बहादुर सिंह ज्ञानचंद्र, वीर सिंह यादव, उमेश चंद्र श्रीवास्तव समेत,दर्जनों कर्मचारियों ने एक स्वर में नियमावली संशोधन के मुद्दे परप्रशासन के खिलाफ आवाज बुलंद की।


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