मंगलवार, 24 मई 2022

पेट की चाल को ठीक करने के लिए विशेषज्ञ तैयार करेगा आई फोरम

 पेट की चाल को ठीक करने के लिए विशेषज्ञ तैयार करेगा आई फोरम




जीआई फंक्शनल डिजीज एक्सपर्ट मिलेंगे आप के नजदीक


जल्दी पकड़ में आएगी बीमारी कम होगा इलाज पर खर्च


इंडियन मोटैलिटी एंड फंक्शनल डिजीज एसोसिएशन ने तैयार की कार्य योजना

 

कुमार संजय। लखनऊ

 

देश और प्रदेश में पेट रोग विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए इंडियन मोटैलिटी एंड फक्शन डिजीज एसोसिएशन(आईएमएफए) ने सामान्य फिजिशियन को ट्रेंड करने का खाका तैयार किया है। इसके तहत इच्छुक फिजिशिन को जोड़ कर फंक्शनल डिजीज से जुड़ी बीमारियों के इलाज की नई जानकारी देने के साथ ही इलाज में आ रही परेशानी भी दूर करने की कोशिश की जाएगी। इससे इस बीमारी का पता शुरुआती दौर में लगेगा। इलाज के लिए कई दवाएं नहीं देनी पड़ेगी। इलाज का खर्च कम होगा। इलाज के लिए बडे शहरों और बड़े डॉक्टरों तक भागदौड़ कम होगी। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रो एन्ट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख एवं एसोसिएशन के संस्थापक प्रो. यूसी घोषाल के बताया कि हाल में एसोसिएशन की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस पर काम भी शुरू कर दिया गया। इसके लिए आई फोरम ( इंडियन फिजिशियन फोरम फार मोटैलिटी एंड फंक्शनल जी आई डिसऑर्डर) वेबसाइट तैयार किया है। इसके माध्यम से फिजिशियन ज्वाइन मीटिंग आइकन के जरिए जुड़ सकेंगे। इसके आलावा इंडियन कॉलेज ऑफ फिजिशियन से भी बात हुई है। इसके माध्यम से फिजिशियन को जोड़ने के लिए जागरूक किया जाएगा। सोशल मीडिया के जरिए भी जोड़ने की कोशिश होगी। प्रो. घोषाल ने बताया कि साल में 6 मीटिंग अभी रखी जाएगी जिसका समय और दिन फिक्स होगा। इस मीटिंग में डाक्टर को थियरी नहीं केस बेस जानकारी दी जाएगी। कोशिश होगी उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक फिजिशियन को फंक्शल डिजीज के बारे में ट्रेंड किया जाए। इस कोशिश देश में काफी संख्या में फंक्शनल डिजीज के मरीजों को राहत मिलेगी।

 

60 फीसदी पेट के फंक्शनल डिजीज से ग्रस्त

प्रो. घोषाल ने बताया कि पेट के कुल मरीजों में 60 फीसदी से अधिक लोगों में फंक्शनल डिजीज की परेशानी होती है जिसमें आमाशय, आंत सहित अन्य अंगों की गति कम या अधिक हो जाती है। देखा गया है कि इस बीमारी से ग्रस्त 20 से 30 फीसदी मरीज इलाज के लिए फिजिशियन के पास जाते है। इनको सही जानकारी होने पर सही इलाज मिलना संभव होगा। इन परेशानियों में कब्ज, एसिड रिफलेक्स, उल्टी, पेट में गैस, भूख न लगने सहित कई परेशानी रहती है।

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