45 फीसदी लड़कियों को नहीं है मासिक धर्म के बारे में सही जानकारी
53.3 फीसदी ही इस्तेमाल करती है सेनेटरी पैड
28.3 फीसदी मनाती है ईश्वरीय देन है पीरियड
कुमार संजय । लखनऊ
मासिक धर्म(पीरियड) एक शारीरिक प्रक्रिया है जो प्रजनन जीवन की शुरुआत को निर्धारित करती है। सांस्कृतिक वर्जनाओं, अपर्याप्त जानकारी, और किशोर लड़कियों के बीच गलत ज्ञान के कारण एक अशुद्ध घटना के रूप में माना जाता है, जो उनकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में अनावश्यक सीमाओं का कारण बनता है। ऐसा ही संकेत राम मनोहर लोहिया संस्थान के शोध में मिलता है। डा. नीतू सिंह, डा. रश्मि कुमारी, डा. दीप्ति अग्रवाल और डा. सुगंधा जौहरी के शोध इंडियन जर्नल ऑफ फैमिली मेडिसिन ने शीर्षक कंपैरिजन आफ अवेयरनेस एंड परसेप्शन आफ मेंसचुरल हाइजीन बिटविन प्री एंड पोस्टमेनर्चल एडोलसेंट आफ नार्थ इंडिया से स्वीकार किया है।
शोध रिपोर्ट के मुताबिक मासिक धर्म के दौरान अभी भी केवल 53.3 फीसदी लड़कियां सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करती है। हाइजनिक प्रैक्टिस केवल 66.67 फीसदी लड़कियां करती है। शोध रिपोर्ट का कहना है कि इस दौरान 85 फीसदी लड़कियों पर तमाम तरह की पाबंदी रहती है। 31.7 फीसदी लड़किया स्कूल नहीं जाती है। इस दौरान 35 फीसदी डिप्रेशन की शिकार हो जाती है। मासिक धर्म के बारे में जानकारी सबसे अधिक 49.9 फीसदी को मां से मिलती है। रिपोर्ट का कहना है कि किशोरियां भविष्य की मां हैं। मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में पर्याप्त और सही जागरूकता की आवश्यकता है क्योंकि इससे उन्हें प्रजनन या यौन संक्रमित संक्रमण (आरटीआई/एसटीआई) विकसित होने के जोखिम से बचाया जा सकेगा। यह परेशानी कई महिलाओं को मां बनने में परेशानी खड़ी करता है। अन्य स्वास्थ्य पर प्रतिकूल परिणामों का कारण बनते हैं।
मासिक धर्म के दौरान में प्रैक्टिस फीसदी
हाइजनिक प्रैक्टिस- 66.67
रोज स्नान- 60
सेनेटरी पैड का इस्तेमाल-53.3
कपडे और पैड का इस्तेमाल-26.7
कपड़े का इस्तेमाल-20
दिन भर में तीन पैड बदलना-45
स्कूल में पैड बदलने की सहूलियत-53.3
पैड बदलने के बाद हाथ धुलना-63.3
पैड का दोबारा इस्तेमाल-20
जननांग की सफाई- 75
रक्तस्राव के बारे में ज्ञान फीसदी
शारीरिक प्रक्रिया- 55
ईश्वरीय देन-28.3
कोई जानकारी नहीं-16.7
किस तरह की कितने फीसदी में पाबंदी
मंदिर जाना-पूजा – 41.7
अलग बैठना-18.3
घर के काम से अलग रहना-23.3
खेलना - 28.3
तेज चलना या दौड़-8.3
स्कूल न जाना-31.7
संजय गांधी पीजीआई के एमआरएच विभाग की प्रो. इंदु लता साहू ने बताया कि इस दौरान यह सावधानी बरतें-
- दुर्गंध से बचने और संक्रमण को रोकने के लिए नियमित अंतराल( चार से पांच घंटे) पर अपने पैड बदलें
- पैरों के ऊपरी हिस्से और योनि (वल्वा) को सूखा रखें.
- योनि को पानी से अच्छी तरह से धोएं लेकिन ध्यान रखें कि योनि के पास या अंदर किसी भी साबुन, दुर्गंध और कॉस्मेटिक उत्पाद का उपयोग न करें
- हमेशा मासिक धर्म-स्वच्छता उत्पाद का उपयोग करने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन या हैंडवॉश जेल से धोएं.
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