युवा होने से पहले कम हो रहा है हड्डियों में दम
55 फीसदी स्कूल जाने की उम्र के बच्चों में मिली विटामिन डी की कमी
लड़को से अधिक लड़कियों में अधिक मिली कमी
लड़कियों में धूप और कैल्शियम युक्त आहार की कमी बडा कारण कारण
कुमार संजय। लखनऊ
युवा होने से पहले स्कूल जाने वाली उम्र( 6 से 18) में 55 फीसदी
विटामिन डी के कमी के शिकार है। दूध और धूप की कमी( सन
एक्सपोजर) सबसे बड़ा कारण है। संजय गांधी स्नातकोत्तर
आयुर्विज्ञान संस्थान के पीडियाट्रिक इंडोक्राइनोलॉजी में आने वाले
स्कूल जाने की उम्र के बच्चों पर शोध के बाद यह तथ्य सामने
आया है। इस उम्र के 135 बच्चों पर विटामिन डी की स्थिति
जानने के लिए हाइड्रोक्सी विटामिन डी के स्तर का अध्ययन किया
गया तो देखा गया कि इनमें 55 फीसदी में विटामिन डी का स्तर
12 मोनोग्राम प्रति मिलीलीटर से कम मिला जबकि यह 30 नैनो
ग्राम प्रति मिलीलीटर से अधिक होना चाहिए। देखा गया कि
लड़कियों में हाइड्रोक्सी विटामिन डी का स्तर लड़को के मुकाबले
कम मिला। लड़कियों में औसतन 12.3 और लड़कों में 15.8 नैनो
ग्राम प्रति मिलीलीटर मिला। विटामिन डी की कमी पीछे कारण धूप
और कैल्शियम युक्त आहार की कमी होता तो देखा गया कि
लड़कियां कम धूप लेती है। औसतन यह 38.9 मिनट धूप लेती है
जबकि लड़के 63.0 मिनट धूप में एक्सपोज होते है। कैल्शियम
युक्त आहार लड़कियां 517 मिली ग्राम लेती है जबकि लड़के
623.3 मिलीग्राम कैल्शियम युक्त आहार लेते है जिसमें दूध और
दूध से बने पदार्थ शामिल हैं। संस्थान के एंडोक्राइन विभाग से डॉ.
कीर्ति जोशी, डा. इशिता जोशी, डॉ. निरुपमा सिंह और प्रो. विजय
लक्ष्मी भाटिया के शोध को इंडियन जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक
विटामिन डी स्टेटस आफ स्कूल एज चिल्ड्रेन शीर्षक से शोध पत्र
को स्वीकार किया है। शोध पत्र में विशेषज्ञों ने कहा है कि लड़कियों
मे विटामिन डी के कमी अधिक आशंका है।
कैसे करें कमी पूरी
पोषण विशेषज्ञ डा. निरुपमा सिंह के मुताबिक धूप और दूध से बने उत्पाद,चना
अंडे का सफेद भाग सेवन से कमी पूरी की जा सकती है । सुबह की धूप 45
मिनट लेना चाहिए। धूप सीधे स्किन पर धूप पड़े। चेहरा, गर्दन, कंधे, पीठ खुली
हो। अधिक कमी होने पर चिकित्सक की सलाह पर 60000 आईयू टैबलेट या
पाउच कॉलेकैल्सिफेरॉल लेना चाहिए। यह पहले 6 सप्ताह कर हर हफ्ते एक
इसके बाद महीने में एक गोली लेने से कमी पूरा हो जाती है। यह विटामिन-डी
का एक रूप है। कैल्शियम, फॉस्फेट और विटामिन ए के अवशोषण को बढ़ावा देता है।
यह हो सकती है परेशानी
- मोटापा
-शरीर में लगातार दर्द रहना
- ज्यादा थकान रहना और दिनभर सुस्ती रहना
- जोड़ों में दर्द
- डिप्रेशन
- कूल्हों, पीठ और घुटनों में दर्द
- बच्चों में रिकेट ( हड्डी के कमजोरी )
- ओस्टियोपेनिया (हड्डियों में प्रोटीन की कमी)
- पीरियड्स का अनियमित होना
- ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है । आसानी से टूटने लगती हैं.
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