लंबे समय से किडनी की परेशानी लेकर जूझ रहे एक महिला और एक पुरुष को जिंदगी दे गए प्रदीप विश्वकर्मा।
शनिवार को मेडिकल कॉलेज में ब्रेन डेड के बाद विश्वकर्मा से मिले दोनों किडनी दो लोगों को जिंदगी दे गया । जिन्हें जिंदगी मिली है उसमें से एक जिंदगी देने वाले की धर्म से अलग दूसरे धर्म के हैं । प्रदीप विश्वकर्मा ब्रेन डेड के शिकार थे इनके परिजनों को मेडिकल विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने समझाया और बताया कि अब इनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है। यह 3 लोगों को जिंदगी दे सकते हैं। परिजन अंगदान के लिए तैयार हो गए इसकी सूचना संजय गांधी पीजीआई के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख एवं स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट के नोडल ऑफीसर प्रो राजेश हर्षवर्धन को जैसे ही मिली तुरंत मेडिकल विश्वविद्यालय से किडनी लाने के लिए तमाम इंतजाम कराए। मेडिकल विश्वविद्यालय पहुंच कर यूरोलॉजिस्ट एवं किडनी ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ प्रो संजय सुरेखा ने सर्जरी करके दोनों किडनी को सुरक्षित निकाला। विशेष एहतियात के साथ निकाला लेकर वह पीजीआई। इसके बाद प्रो सुरेखा प्रोफेसर अनीश श्रीवास्तव, प्रो यू पी सिंह सहित अन्य विशेषज्ञों ने दोनों लोगों में किडनी प्रत्यारोपण किया ।
6 लोगों में कराई गई मैचिंग
गुर्दा रोग विशेषज्ञ एवं नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो नारायण प्रसाद ने बताया कि जैसे ही जानकारी मिली कि मेडिकल विश्वविद्यालय से दो किडनी मिल रही है वैसे ही लंबे समय से इंतजार कर रहे किडनी खराबी के 6 लोगों को बुलाया गया किडनी दाता से क्रश मैच परीक्षण फ्लो साइटो मेट्री तकनीक से किया जिसमें से एक महिला और एक पुरुष से दाता की किडनी मैच किया। यह दोनों मरीज ट्रांसप्लांट के लिए बिल्कुल फिट पाए गए इनके अन्य परीक्षण भी सही निकले यह दोनों लंबे समय से डायलिसिस पर थे। तमाम परीक्षण के बाद इन दोनों मरीजों को प्रत्यारोपण टीम को सौंप दिया गया। प्रत्यारोपण प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह देर रात तक चलेगा ।
बना कैरी डोर
मेडिकल विश्वविद्यालय से पीजीआई तक बना ग्रीन कॉरिडोर 17 मिनट मैं किडनी संजय गांधी पीजीआई पहुंच गई।
प्रो राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से बताया गया कि ब्रेन डेड के बाद विश्वकर्मा के परिजन अंगदान के लिए तैयार हैं यह जानकारी मिलते ही संस्थान किडनी को लेने के लिए यूरोलॉजिस्ट प्रोफेसर सुरेखा को जिम्मेदारी सौंपी ग्रीन कॉरिडोर के जरिए मेडिकल विश्वविद्यालय से पीजीआई किडनी लाई गई लीवर मेडिकल विश्वविद्यालय के सर्जिकल गैस्ट्रो विभाग के प्रोफेसर अभिजीत चंद्रा ने मेडिकल कॉलेज में ट्रांसप्लांट प्रक्रिया शुरू किया है।
दीप से मिले किडनी और लीवर का सफल रहा प्रत्यारोपण
सड़क दुर्घटना में घायल प्रदीप विश्वकर्मा से मिले दोनों किडनी का ट्रांसप्लांट संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में सफल रहा। इन से मिली किडनी को एक महिला और एक पुरुष में प्रत्यारोपित किया गया । संस्थान के यूरोलॉजी विभाग के सर्जन एवं किडनी ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट प्रोफेसर संजय सुरेखा प्रोफेसर यू पी सिंह ने अंजाम दिया । नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो नारायण प्रसाद ने बताया कि ट्रांसप्लांट देर रात तक चला यूरीन आउटपुट के आधार पर कहा जा सकता है कि ट्रांसप्लांट पूरी तरह सफल है । रोड एक्सीडेंट मैं घायल प्रदीप विश्वकर्मा का ब्रेन डेथ होने के बाद उनके परिजनों ने अंगदान करने का फैसला लिया था। किडनी का प्रत्यारोपण संजय गांधी पीजीआई में किया गया और लीवर का प्रत्यारोपण मेडिकल विश्वविद्यालय में गैस्ट्रो सर्जरी विभाग विभाग के प्रमुख प्रो अभिजीत चंद्रा के देखरेख में हुआ। इसके अलावा इनके नेत्र का भी प्रत्यारोपण मेडिकल विश्वविद्यालय में हुआ।
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