विश्व नर्सेज डे आज
ट्रेड नर्सेज झेल रही है बेरोजगारी का दंश कमी का फैलाया जा रहा है अफवाह
प्रदेश में हर साल 19 हजार ट्रेंड हो कर निकल रही नर्सेज
आउटसोर्सिंग पर काम लेकर किया जा रहा है शोषण
जागरण संवाददाता। लखनऊ
केस -वन -सरला तिवारी के पिता के पास रोजी रोटी का सहारा चार बीघा खेत है। बेटी को किसी तरह तीन लाख लगा कर जीएनएम कराया कि घर की हालत ठीक हो जाएगी लेकिन सरला आउट सोर्स पर 15 हजार की नौकरी करने को मजबूर है।
केस टू- अनीता उपाध्याय की शादी जल्दी हो गई। घर में कोई कमाने वाला नहीं था पति ने एक बीघा जमीन बेच कर पत्नी को जीएनएम कराया लेकिन ट्रेनिंग दो साल भी निजी नर्सिंग होम 4 हजार की नौकरी करने को मजबूर है।
ऐसी एक नहीं हजारों की संख्या में ट्रेड नर्सेज है जो बेरोजगारी का दंश सह रही है। ट्रेड नर्सेज एसोसिएशन के डा. अजय सिंह और आउट सोर्स नर्सेज संघ की अध्यक्ष साधना और महामंत्री मलखान कहते है कि नर्सेज की कमी बता कर रोज कालेज निजी और सरकारी क्षेत्र में खुल रहे है लेकिन रोजगार के नाम पर केवल शोषण है। कहते है कि उत्तर प्रदेश में एक लाख पांच 263 से अधिक नर्स पंजीकृत है । सरकारी क्षेत्र के पीएमएस में लगभग 10 हजार और चिकित्सा शिक्षा में तीन हजार नौकरी है । इस तरह कुल तेरह हजार नौकरी है । इससे साफ है कि पंजीकृत हजारों नर्सेज बेरोजगार है लेकिन प्रदेश में ट्रेनिंग लगातार जारी है। हर साल उत्तर प्रदेश के नर्सिंग कॉलेज से लगभग 19 हजार नर्सेज ट्रेंड होकर निकलती है। साल-दर –साल संख्या बढ़ती जा रही है । इस पेशे में 90 फीसदी लड़कियां है जिनका शोषण हो रहा है। मजे की बात यह है कि तेजी से निजि नर्सिग कालेजों की संख्या बढी है जिससे बेरोजगार नर्सेज की लंबी फौज है। नर्सिंग काउंसिल आफ इंडिया के अनुसार 2018 में सरकारी क्षेत्र के केवल 8 और निजी क्षेत्र 272 नर्सिग कालेज थे जिसमें 20 फीसदी संख्या कालेजों की बढ़ चुकी है क्योंकि कमाई का अच्छा व्यापार है। ट्रेंड नर्सेज की भारी कमी है लेकिन हकीकत कुछ और है कमी होती तो आउटसोर्सिंग पर काम करने के लिए नर्सेज कैसे मिलती। मानक के अनुसार प्रदेश में 500 की संख्या पर एक नर्स की तैनाती होनी चाहिए इस तरह चार लाख नर्स की तैनाती होनी चाहिए लेकिन मानक के अनुसार तैनाती न कर ट्रेंड नर्सेज को शोषण के लिए छोड़ दिया गया।
संविदा सीएचओ के 28 सौ 80 हजार से अधिक आवेदन
नर्सेज की कमी कहां है सीएचओ 28 सौ पद के लिए हाल में जगह निकली थी जिसमें 80 हजार से अधिक आवेदन आए। इसी तरह पीजीआई में 475 नर्सेज की जगह के 50 हजार से अधिक आवेदन आए।
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