विश्व प्री एक्लेम्पसिया डे
रक्तदाब पर रखें नजर सुरक्षित रहेगी मां और शिशु की जिंदगी
गर्भावस्था के दौरान सात फीसदी महिलाओं में चढ़ जाता है पारा
गर्भावस्था के दौरान चढ़ा हुआ पारा मां और शिशु के लिए खड़ी कर सकता है परेशानी
ब्लड प्रेशर प्रबंधन से संभव है सुरक्षित प्रसव
सात से दस फीसदी महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान चढा हुआ पारा ( हाई बीपी) शिशु और मां दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान बढ़ने रक्तदाब को प्री एक्लेम्पसिया कहते है। इस स्थिति का पता समय रहते लग जाए तो काफी हद तक दोनों का जीवन सुरक्षित किया जा सकता है। 22 मई को विश्व एक्लेम्पसिया जागरूकता दिवस है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के एमआरएच( मैटरनल एंड री प्रोडेक्टिव हेल्थ) विभाग की प्रो. इंदु लता साहू के मुताबिक प्री नेटल चेकअप के दौरान बीपी पर विशेष नजर रखने की जरूत है। जल्दी पता चलने पर एक्लेम्पसिया से बचाया जा सकता है। रक्तदाब नियंत्रित न होने पर गर्भस्थ शिशु का विकास प्रभावित होता है। प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव की आशंका रहती है। समय से पहले प्रसव, गर्भ में शिशु की मौत की आशंका रहती है । 20 से कम और 40 से अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं में आशंका अधिक होती है। एक्लेम्पसिया की स्थिति में दौरे पड़ने लगते हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. सुदीप कुमार के मुताबिक उच्च रक्तचाप कारण का पता लगा कर ब्लड प्रेशर प्रबंधन के जरिए सुरक्षित प्रसव संभव है।
प्री-एक्लेमप्सिया क्या है?
प्लेसेंटा सही ढंग से काम न करने से प्लेसेंटा से रक्त के प्रवाह कम हो जाता है। गर्भस्थ शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलता है। विकास बाधित हो सकता है। गर्भावस्था का आधा चरण पार कर लेने, गर्भधारण करने करने के 20 सप्ताह बाद या फिर शिशु के जन्म के कुछ ही समय बाद होता है।
यह परेशानी तो तुरंत लें सलाह
- हाई ब्लड प्रेशर, पेशाब में प्रोटीन
- पैरों, टांगों और बांह में सूजन
-तेज सिरदर्द
- धुंधला दिखना या आंखों के आगे कुछ चमकता सा दिखना
-मितली या उल्टी
-बहुत ज्यादा एसिडिटी व सीने में जलन (हार्टबर्न)
किसमें कितनी परेशानी की आशंका
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ वोमेन हेल्थ के मुताबिक उत्तर भारत में गर्भावस्था के दौरान होने से परेशानी की आशंका
फीसदी परेशानी
90 - शरीर में सूजन
26.46 - पेशाब में प्रोटीन
42.2 - केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की परेशानी
47.0- बिलीरुबिन का बढा
स्तर,
6.4- देखने में परेशानी
11.3- योनि से रक्तस्राव
2.80 - एचईएलपी (हेमोलिसिस, बढ़ा लीवर एंजाइम, कम प्लेटलेट ) सिंड्रोम
2.8- मातृ मृत्यु एक्लेम्पसिया से ग्रस्त
16.9- मृत शिशु का जंम
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