दो बेटो की किडनी हुई खराब लेकिन नहीं टूटा हौसला
हौसला बनाए रखिए, जरूर छटेंगे जिंदगी पर छाए बादल , जीवन में उतार चढ़ाव आता है लेकिन मुकाबला करिए क्योंकि हम और कुछ कर नहीं सकते है...यह संदेश दिया एक ऐसी मां ने जिसके दो जवान बेटों की किडनी खराब हो गयी है... इस मां के हिम्मत के समाने मुसीबत भी मुंह चुराने लगी है। इनके बडे बेटे साद की किडनी खराब है । एक एक्सीडेंट में आंख की रोशनी भी चली गयी है लेकिन मां और बेटे ने इस मुसीबत का मुकाबला किया । साद दस साल से डायलिसिस पर ही और पूरी तरह ठीक है हौसला बुंलद है सिविल सेवा की तैयारी के साथ कविता लिख रहे है। इसी बीच छोटे बेटे सैयद की किडनी भी जवाब दे गयी तो परिवार पर यह बडी मुसीबत आ गयी । छोटे बेटे के लिए पिता ने किडनी दिया और तीन साल पहले किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। सैयद पूरी तरह फिट है और वह बीबीए कर अपने पैर पर खडे होने के लगातार कोशिश कर रहे हैं। फातिमा ने संजय गांधी पीजीआइ में विश्व किडनी जागरूकता दिवस पर उन तमाम मरीजों को अपनी अप बीती बता कर बीमारी से लड़ने का हौसला बुलंद किया। बताया कि समय पर दवा के साथ डॉक्टर के बताए एहतियात पर ध्यान दें।
चार साल भीख मांग कर गुजारा किया अब दूसरों की दे रहे हैं मदद
बीएस बिष्ट की 2004 में किडनी खराब हो गयी। कमांड में दिखाया तो डॉक्टर ने बताया कि पीजीआई में इलाज संभव है। यहां पर आए तो बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट ही उपाय है। मैरे पास इस इलाज के लिए पैसे नहीं थे लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। 2004 से 2007 तक भीख मांग कर गुजारा किया । 2011 में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। तमाम सरकारी सहायता के जरिए यह संभव हो पाया। अब खुद का बिजनेस शुरू किया जिसके जरिए होने वाली आमदनी का हिस्से से तमाम किडनी मरीजों की मदद करता हूं। 18 घंटे काम करता हूं किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। 36 की उम्र मेरी थी मां बसंती देवी की उम्र 70 जिन्होंने किडनी देकर दोबारा जीवन दिया।
पीजीआइ में बढेंगे 360 बेड
इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि डायलिसिस एंड रीनल सेंटर की स्थापना हो रही है जो इस साल के अंत तक काम करना शुरू कर देगा। इससे 360 बेड के साथ 111 डायलिसिस सेंटर बढ़ जाएंगे।
किडनी को बचाने के लिए छोडे आरामतलबी
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