रविवार, 7 जून 2020

जरा संभल कर बैक्टीरिया की है आपके खाने पर नजर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर विशेष






दूषित खाद्य पदार्थ से नौ मे से एक होते है बीमार



सही तरीके से भोजन न रखने के कारण पहनते है बैक्टीरिया और वायरस



कुमार संजय। लखनऊ







दूषित भोजन से 13.2 फीसदी लोग प्रभावित होते है। सबसे बडे कारण के रूप में बैक्टीरिया का संक्रमण है। विश्वस्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में  44 से ज्यादा लोग हर मिनट दूषित खाने की वजह से बीमार होते हैं।   विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (7 जून)  के मौके पर  संजय गांधी पीजीआइ की पोषण विशेषज्ञ डा.अर्चना सिन्हा और डा.रीता आनंद कहती है कि खराब खाने की वजह में बैक्टीरिया, वायरस और रासायन बडे कारण है।  दूषित खाना खाने की वजह से डायरिया की बीमारी सबसे अधिक होती है। सेलमोनेला, कंपाइलो वेक्टर, ई कोलाई सिहत अन्य  बैक्टीरिया है जिससे संक्रमण होता है।  डायबिटीज जैसीबीमारी खाने की वजह से ही है।  खाना दूषित है तो आपको हार्ट से लेकर मोटापा जैसी परेशानी होने का खतरा हमेशा बनारहता है। इस पर ध्यान न दिया गया तो नौ में से एक व्यक्ति में इससे परेशानी होगी।




बैक्टीरिया है सबसे बडा कारण

इंटरनेशनल जर्नल आफ फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन के मुताबिक भोजन 66 फीसदी मामलों में बैक्टीरिया, 26 फीसदी मामलो में रसायन, 4 फीसदी मामलों में वायरस और 4 फीसदी मामलों में पैरासाइट( परजीवी) के कारण दूषित होता है। 

 



पैक फूड से खतरा



परंपरागत भारतीय खानपान के स्थान पर आधुनिक और पाश्चात्य शैली पर आधारित रेडी-टू-ईट, पैकेज्ड  या डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, जंक फूड और फास्ट फूड के सेवन से हमारे शरीर में हानिकारक तत्वों की वृद्धि होती है।











घर का खाना सबसे बहेतर



पोषण विशेषज्ञा डा. शिल्पी पाण्डेय के मुताबिक जीवन शैली और काम के तनाव के कारण युवा घर पर निर्मितखाद्य पदार्थके सेवन की बजाय मार्केट में उपलब्ध रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थों का सेवन कर भोजन संबंधी आवश्यकताओंकी पूर्ति करते हैं।होटल और टिफिन वाले भोजन में पौष्टिकता की बजाय स्वाद पर बल दिया जाता है। इसीलिए स्वाद औरफैशन के चक्कर में खाद्य पदार्थों के निर्माण में टेस्ट मेकर, हानिकारक रसायनों, सिंथेटिक कलर, वसा, शुगर, ट्रांस फैटआदि का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है।







यह करें नहीं होगी फूड प्वाइजनिंग



-घर में साफ-सफाई के साथ खाना बनाएं और खाएंक्योंकि बाहर के खाने में गंदगी और इंफेक्शन का खतरा हमेशा बनारहता है.







-बाजार में मिलने वाले चमकदार और रंगीन खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें







-फल और सब्जियों को हमेशा ठीक से धोकर खाएं







-स्टीकर वाले फलों का उपयोग करने से बचें.







-हेल्द के लिए जरूरी पोषक तत्व देने वाले खाद्य पदार्थों को भोजन में शामि करें







-अपने खाने को पॉलिथिन या अखबार में लपेटकर न रखें. प्लास्टिक के बर्तन में गरम भोजन न रखें







-4 से 6 घंटे पहले बने भोजन का उपयोग करने से बचें







-फल और सब्जियों का उपयोग करते समय सड़े-गले फलों को न खाएं

- पैक आइटम लेते से उस पर एक्सपाइरी देखे











 भोजन में दिखें यह  बदलाव तो खाने से बचें







-भोजन का रंग बदलना- अगर आप सब्ज़ियों को फ्रिज़ में दो हफ्तों से अधिक समय तक रखते हैं और आपको किसी सब्ज़ीका रंग बदलता दिखे तो समझ जाइए वह खाने लायक नहीं है।







खाने में बुलबुले उठना- सूप या करी पकाते समय उसमें बुलबुले उठते हैं लेकिन इसके अलावा अगर फ्रिज से निकालने केबाद आपके खाने में बुलबुले उठे हुए दिखायी दें तो उसे न खाएं। बुलबुलों का मतलब यही है कि आपके खाने मेंबैक्टेरिया पनपने लगा है।



 फल-सब्ज़ियां नरम हो जाना- खाने से पहले देख लें कि आपके फल या सब्ज़ियां








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