गुरुवार, 4 जून 2020

मलिन बस्ती के 33 फीसदी किशोर-किशोरियां मानसिक रोग के शिकार

मलिन बस्ती के 590 किशोर और किशोरियों पर हुआ शोध



राजधानी के 33 फीसदी किशोऱ मानसिक परेशानी के शिकार
मानसिक परेशानी के कारण भटकते है किशोर
कुमार संजय। लखनऊ

राजधानी के मलिन बस्ती में रहने वाले  किशोर और किशोरियां    मानिसक रोग के शिकार है। इस तथ्य का खुलासा हाल में ही मानसिक रोग विशेषज्ञों ने राजधानी के मलिन बस्ती में रहने वाले   लगभग 590 किशोरों पर करने के बाद किया है। शोध में उन्ही किशोरों को शामिल किया गया जिनके माता-पिता ने शोध में भाग लेने के लिए सहमति दी थी। देखा गया कि  33 किशोर जो मानसिक विकार के गंभीर स्तर से पीड़ित पाए गए। इस अध्ययन के परिणामों से पता चलता है कि 12-15 वर्ष की आयु के किशोरों में 16-19 वर्ष के किशोरों की तुलना में अधिक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं थीं। किशोरियों में  गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने की अधिक मिली।   यह पाया गया कि उम्रलिंगशिक्षाजातिघरेलू आर्थिक स्थितिधर्म मानसिक स्वास्थ्य समस्या से महत्वपूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है। शोध वैज्ञानिकों का कहना है कि  सरकार को किशोरों के बेहतर स्वास्थ्य परिणामों के लिए इन मलिन बस्तियों में किशोरों की अनुकूल स्वास्थ्य सेवाओं (नैदानिकमानसिकपोषण सहित) की एक विस्तृत प्लानिंग की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक परेशानी के कारण कई बार किशोर और किशोरियां गलत रास्ते पर चले जाते है जो कई तरह की सामाजिक परेशानी के कारण होते हैं। प्रिवलेंस एंड प्रिडिक्टरस आफ मेंटल हेल्थ डिसआर्डर एमंग द एडोलीसेंट लिविंग इन द स्लम आफ लखनऊ शीर्षक से शोध हुआ।इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फार पापुलेशन साइंस मुंबई के डा. सतीश कुमार चौहान और इसी संस्थान के डिपार्टमेंट आफ पापुलेशन पालसी एंड प्रोग्राम विभाग के डा.मुरली धर के शोध कम्युनिटि मेंटर हेल्थ मेडिकल जर्नल ने स्वीकार किया है।


क्या है मानसिक स्वास्थ्य

-मानसिक स्‍वास्‍थ्य से तात्‍पर्य भावनात्‍मकमानसिक तथा सामाजिक संपन्‍नता है। किसी व्‍यक्‍ति का मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य वह किस प्रकार सोचता हैमहसूस करता है या व्‍यवहार करता है को प्रभावित करता है ।  अस्‍वस्‍थ मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य का व्‍यक्‍ति के व्‍यवहार संबंधों तथा व्‍यावसायिक कैरियर पर भी भारी प्रभाव पड़ता है।

क्या है लक्षण
असामान्‍य विचारोंभावनाओंव्‍यवहार और दूसरों के साथ संबंधों  के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य का पता लगता है। स्‍किजोफ्रेनियाअवसादबौद्धिक विकलांगता एवं नशीली दवाओं के दुरूपयोग के कारण हैं। 

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