न्यूक्लियर मेडिसिन का एक और
रेजीडेंट फेल
आरडीए ने लगाया उत्पीड़न का आरोप
संजय गांधी पीजीआई में कुछ हफ्ते पहले न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग
के रेजीडेंट डॉक्टर मनमोहन के बाद डॉ विपिन को फेल करने से नाराज डॉक्टरों ने
कैंडिल मार्च निकाला। डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस पर
हैरानी जताते हुए कहा है कि आखिर यह हो क्या रहा है, क्यों रेजीडेंट डॉक्टरों का उत्पीड़न किया जा रहा है। रेजीडेंट
डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आकाश माथुर व महासचिव डॉ अनिल गंगवार ने कहा कि इस बार फैकल्टी का निशाना पूर्व में पीडि़त डॉ मनमोहन के साथी डॉ
विपिन बने हैं। उन्हें प्रैक्टिकल परीक्षा में अनुत्तीर्ण कर दिया गया है। आरोप
लगाया कि यह सब दबाव बनाने के लिए किया गया है, क्योंकि डॉ मनमोहन ने परीक्षा प्रणाली पर कुछ बड़े सवाल खड़े करते
हुए सत्याग्रह किया था।
डॉ माथुर ने बताया कि निदेशक
द्वारा कमेटी गठित कर निष्पक्ष जाँच कराए जाने का आश्वासन प्राप्त कर डॉ. मनमोहन
ने अपना सत्याग्रह खत्म किया था। कमेटी द्वारा हफ्तों बाद भी अभी कोई निर्णय नहीं
दिया गया है, लेकिन निदेशक का लगातार कहना है
कि कुछ वक्त और दें, कमेटी का निर्णय आएगा। उन्होंने
कहा कि निदेशक के आश्वासन पर सभी रेसिडेंट डॉक्टर सकारात्मक निर्णय तथा परीक्षा
प्रणाली में सुधार की आस लगाए अभी कमेटी के निर्णय का इंतज़ार ही कर रहे थे कि
विभाग से यह चौंकाने वाली खबर सामने आ गयी। डॉ गंगवार ने बताया कि न्यूक्लीयर
मेडिसिन विभाग में 2 रेसिडेंट डॉक्टर्स इस वर्ष
परीक्षा में बैठे थे, जहाँ डॉ. मनमोहन को लिखित परीक्षा
में अनुतीर्ण कर दिया गया था वहीं उनके साथी डॉ. विपिन को प्रैक्टिकल परीक्षा में
अनुतीर्ण कर दिया गया है। डा. गंगलार का कहना है कि इसके लिए पीडि़त डॉक्टर
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ ही मुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा मंत्री से भी
मिलकर अपना पक्ष रखेंगे। इस बारे में संस्थान प्रशासन का कहना है कि सभी पक्ष को
ध्यान में रख कर फैसला लिया जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें