60 फीसदी कोरोना को लेकर मजबूत मानते है कि कोरोना से संक्रमित हुए तो भी हो जाएंगे ठीक
72 फीसदी लोग जानते है कोरोना से बचने का तरीका
50 फीसदी लोग कोरोना से है बेचैन
कुमार संजय़। लखनऊ
कोरोना से लड़ने की जानकारी के मामले में प्रदेश के लोग काफी जागरूक है। 60 फीसदी लोग मानते है कि कोरोना से संक्रमित होने पर वह ठीक हो जाएंगे। 72 फीसदी लोग जानते है कि कोरोना से बचने के लिए सेनेटाइजर, हाथ का धुलना और दस्ताने के इस्तेमाल जरूरी है लेकिन इसके साथ ही देखा गया है कि 50 फीसदी लोग कोरोना से बेचेन हो रहे है। देखा गया कि 80 फीसदी लोगों को मेंटल केयर की जरूरत है। विशेषज्ञों ने 662 लोगों पर शोध के बाद किया है। इसमें से 51.2 फीसदी महिलाएं और 48.6 फीसदी पुरूष शामिल हुए। शोध में उत्तर प्रदेश के आलावा , उडीसा, हरियाणा सहित अन्य प्रदेश के लोग शामिल हुए। 29.5 फीसदी को पता है कि कोरोना संक्रमण कैसे फैलता है। 56 फीसदी ने पालतू जानवर से फैलता है नकार दिया। 97 फीसदी को पता है लगातार हाथ धुलने से संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है। 18.2 फीसदी को पता है कि बुखार संक्रमण का मुख्य लक्षण है।
ऐसे हुआ शोध
किंग जार्ज मेडिकल विवि के मानसिक रोग विशेषज्ञ डा.एसके कार के अगुवाई में स्टडी आफ नालेज , एटटीट्यूड, एनेक्साइटी एंड परसिवड मेंटल हेल्थ केयर इन इंडियन पापुलेशन ड्यूरिंग कोविद-19 पैनडेमिक विषय़ पर शोध हुआ जिसमें डा.देवलीना राय, डा. सर्वोदय त्रिपाठी. डा. निवेदिता शर्मा, डा.सुधीर कुमार वर्मा, डा.विकास कुशल शामिल हुए जिसे एसियन जर्नल आफ साइकेट्रिक ने स्वीकार किया।
किंग जार्ज मेडिकल विवि के मानसिक रोग विशेषज्ञ डा.एसके कार के अगुवाई में स्टडी आफ नालेज , एटटीट्यूड, एनेक्साइटी एंड परसिवड मेंटल हेल्थ केयर इन इंडियन पापुलेशन ड्यूरिंग कोविद-19 पैनडेमिक विषय़ पर शोध हुआ जिसमें डा.देवलीना राय, डा. सर्वोदय त्रिपाठी. डा. निवेदिता शर्मा, डा.सुधीर कुमार वर्मा, डा.विकास कुशल शामिल हुए जिसे एसियन जर्नल आफ साइकेट्रिक ने स्वीकार किया।
किनमें हो रही है बेचैनी
- बेचैनी और तनाव उन लोगों में बढ़ रहा है जो घर से बाहर निकल रहे हैं।
-ऑफिस जाना शुरू किया है, जो सामान की खरीदारी करने बाजार जा रहे हैं।
- आस-पास कोई पॉजिटिव मरीज मिल जाता है
-- बुजुर्गों में देखे जा रहे हैं, जो परेशान होकर बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
- पेरेंट्स शामिल हैं, जिनके लिए सबसे बड़ी चिंता बच्चे हैं।
- कुछ समय के लिए ही सही बच्चे पार्क में जा रहे हैं तो वे क्या छू रहे, किससे बात कर रहे हैं, वापस आने पर कहीं वो संक्रमण लेकर नहीं आ रहे हैं। ऐसे मामले पेरेंट्स का तनाव बढ़ा रहे हैं।
ऐसे करें बचाव
-खुद का ध्यान निगेटिव खबरों से डायवर्ट करें। देश में 80 फीसदी कोरोना के मरीज बिना दवा के ठीक हो रहे हैं। दिनभर टीवी पर सिर्फ इसे ही देखते न रहें।
- रोजाना एक घंटा योग, एक्सरसाइज या मेडिटेशन करें। दिमाग को रिलैक्स होने दें। शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाएंगे तो खुद दिनभर तरोताजा पाएंगे।
- मामूली सर्दी-खांसी आने पर लोग बेचैन हो जाते हैं। ऐसे में हर बदलाव को वह शक की नजर से देखते हैं। इससे बचने के जरूरत है।
- कोरोना अब जीवन का हिस्सा बन गया है, लेकिन डरना नहीं है। जैसे मलेरिया और फ्लू जैसी बीमारियों से निपटने के लिए हम सावधानी अपनाते हैं। वैसे ही कोरोना के लिए भी करना है।
- इन दिनों सरकार ने टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू की है। चाहें तो सरकारी मदद या अपने डॉक्टर को फोन पर हालात बताकर सलाह ले सकते है। साइकोथैरेपी और दवाओं से इलाज किया जा सकता है।
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