री लोड स्टेटिन बाई
पास के दौरान रखेगा दिल को मजबूत
सर्जरी के दौरान दिल
को न हो नुकसान खोजा नया नुस्खा
सर्जरी के सात दिन
पहले दिया 40 मिली ग्राम स्टेटिन कम हुआ दिल को नुकसान
कुमार संजय। लखनऊ
संजय गांधी पीजीआइ के
विशेषज्ञों ने बाई पास सर्जरी को सुरक्षित बनाने के नया नुस्खा खोज निकाला है। इस
नए नुस्खे में विशेषज्ञों ने बताया है कि बाई पास सर्जरी के एक सप्ताह पहले से
मरीजों को 40 मिली स्टेटिन देने से दिल को कम नुकसान होता है। इस तथ्य की साबित
करने के लिए विशेषज्ञों ने सौ बाई पास के मरीजों पर शोध किया जिसमें एक वर्ग को सर्जरी
के एक सप्ताह पहले से 40 मिली ग्राम स्टेटिन दिया गया देखा कि जिन में यह नुस्खा
दिया गया उनमें दिल के घात या इंजरी देने वाले एंजाइम का स्तर कम रहा था वेंटीलेटर
सपोर्ट की जरूरत कम पडी। विशेषज्ञों ने यह भी साबित किया कि इनमें बाई पास के इन
मरीजों में ब्लड प्रेशर बढाने वाली दवा की जरूरत कम पडी। विशेषज्ञों का कहना है कि
दिल की बाई पास सर्जरी में दिल की मांसपेशियों की इंजरी होती है जिससे दिल की
मजबूती थोड़ी कम होती है इस कमजोरी को कम करने में रीलोड स्टेटिन तकनीक कारगर
साबित हो सकती है। इससे मरीज का भर्ती होना का खर्च कम होने के साथ रिस्क फैक्टर कम होगा।
कैसे हुआ शोध
विशेषज्ञों के
मुताबिक दिल के बाई पास सौ मरीजों को एक सप्ताह पहले 40 मिली ग्राम स्टेटिन दिया गया। सर्जरी के आठ, 24
और 48 घंटे बाद कार्डियक इंजरी बायोमार्कर
ट्रोपोनिन, सीके-एमबी और बीएनपी एंजाइम की परीक्षण किया गया तो देखा कि ट्रोपोनिन
री लोड वर्ग में 37.96 घंटा प्रति एमएल था जबकि सामान्य वर्ग में 70.12 था। सीके-एमबी(
क्रिएटनिन काइनेज मसल-ब्रेन 229.64
था जबकि सामान्य
में वर्ग 347.04नैनो ग्राम। बीएनपी( बी टाइप नाट्रीयरेटिक पेप्टाइड) री लोड
वर्ग में 5257.56 और सामान्य वर्ग में 15606.68 पिको ग्राम घंटा
प्रति एमएल देखा गया। ब्लड प्रेशर कम करने की दवाएं देने का समय री लोड वर्ग में औसतन
22.9 और सामान्य वर्ग में 31.26 घंटा इसके साथ वेंटीलेटर पर रखने का समय री रोड
वर्ग में औसत 16.94 और सामान्य वर्ग में 23.8 घंटा देखा गया।
संस्थान के तीन विभाग के विशेषज्ञों ने मिल हासिल की कामयाबी
कार्डियोलाजी विभाग के डा. अतुल कौशिक, प्रो.आदित्य कपूर, डा.अर्चना सिन्हा, डा.श्रीधर कश्यप,
प्रो. रूपाली खन्ना, प्रो.सुदीप कुमार,
प्रो. नवीन गर्ग और प्रो.सत्येंद्र तिवारी,
सीवीटीएस विभाग के प्रो.एसके आग्रवाल, प्रो.शांतनु पाण्डेय, प्रो. गौरंग मजुमदार और कार्डियक एनेस्थेसिया विभाग प्रो.प्रभात तिवारी के इस शोध को एनल्स आफ
कार्डियक एनेस्थेसिया इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल ने स्वीकार किया है। विशेषज्ञों ने
स्टेटिन री लोड बीफोर आफ पंप कार्नरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट इफेक्ट- आऩ बायोमार्कर
रीलीज काइनटिक्स
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