सोमवार, 22 जून 2020

योगा से डायबटीज मरीजों कम होगा दिल की बीमारी की बीमारी


योगा से डायबटीज मरीजों कम होगा दिल की बीमारी की बीमारी
देश के 17012 डायबटीज मरीजों पर हुआ शोध
डायबटीज ग्रस्त 29.1 फीसदी में बढा मिला कोलेस्ट्राल
कुमार संजय। लखनऊ

डायबटीज के मरीजों में दिल की बीमारी की आशंका को काफी हद तक योगा के जरिए कम किया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि योगा के जरिए दिल की बीमारी के दुश्मन कोलेस्ट्राल के स्तर को कम कर दिल को सुरक्षित रखा जा सकता है। विज्ञानियों ने उत्तर प्रदेश सहित देश भर से बीस साल की आयु से अधिक 17012  लोगों पर शोध के बाद यह सबित किया है। डायबटीड से ग्रस्त  इन मरीजों में से 29.1 फीसदी लोगों में कोलेस्ट्राल ( टोटल कोलेस्ट्राल) का स्तर 200 मिलीग्राम प्रति डेसी लीटर से अधिक था। इनमें से 69 फीसदी शहरी और 31 फीसदी  ग्रामीण डायबटीज के मरीज थे।  तीन  महीने के योगा के बाद इनमें कोलेस्ट्राला का स्तर देखा गया को पता चला कि 60.3 फीसदी लोगों में कोलेस्ट्राल का स्तर 200 मिलीग्राम प्रति डेसी लीटर से कम हो गया। इफीसिएंसी आफ ए वैलीडेटेड योगा प्रोटोकाल आन डिसलिपिडिमिया इन डायबटीज पेशेंट विषय से हुए शोघ को मेडिसिन ( बेसील) ने स्वीकार करते हुए कहा कि डायबटीज गंभीर परेशानी है जिसमें दिल को बचाने के लिए योगा कारगर साबित हो सकता है। यह शोध सेंट्रल काउंसिल फार रिसर्च इन योगा एंड नेचुरोपैथी दिल्ली के देख –रेख में हुआ था।

डायबटीज के साथ बढा कोलेस्ट्राल है खतरनाक
उच्च रक्तचाप और हाइपरलिपिडिमिया टाइन टू डायबटीज से जुड़ी सबसे आम परेशानी है। यह  गुर्दे और हृदय संबंधी जटिलताओं को काफी बढावा देती है। मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन इन रोगियों में मृत्यु का सबसे आम कारण है। 

 प्रदेश 8.03 फीसदी डायबटीज से ग्रस्त
विकासशील देशों की तुलना में विकासशील देशों में वयस्कों में मधुमेह का प्रसार पिछले 35 वर्षों में पुरुषों में 4.3% से बढ़कर 9.0% और महिलाओं में 5.0% से 7.9% हो गया है।  भारत में, यह अनुमान लगाया गया है कि लगभग 66.8 मिलियन(66,800,000)  लोगों को मधुमेह से ग्रस्त है। उत्तर प्रदेश में 8.03% मधुमेह से पीड़ित है। उनमें 9.91% महिलाएं और 6.79% पुरुष  थे।

853.47 रूपया हर महीने डायबटीज के इलाज में खर्च
 दिलचस्प बात यह है कि टाइप टू डायबटीज के  प्रबंधन में औसत व्यय का आकलन किया और भारतीय रुपये 853.47 प्रति व्यक्ति औसत अनुमानित मासिक खर्च होने का खुलासा किया। यह खर्च बीमारी की अवधि के साथ बढ़ता है और इसके साथ जुड़ी जटिलताओं में वृद्धि की आशंका रहती है।

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