-मरीजों
को कोरोना से उबार रही कोक में मिली कैंसर की दवा
-
ब्लड
कैंसर की दवा ने संक्रमित मरीजों में दिए राहत के संकेत,
- बीटीके
अवरोधक रसायन फेफड़े को बचाने में कामयाब
- शरीर
केे खराब इम्यून सिस्टम को दुरुस्त करने में मददगार
कुमार
संजय़, लखनऊ
कोरोना
संक्रमित मरीजों को बचाने के लिए पूरी दुनिया में चल रही कवायद के बीच नए शोध से
उम्मीद की किरण फूटी है। खास तरह के ब्लड
कैंसर के इलाज के लिए दी जाने वाली दवा
कोक में मिलाकर देने से कोरोना संक्रमित मरीजों को उबारना संभव हो पाया है। रक्त
(ब्लड) कैंसर के इलाज में दी जाने वाली दवा कैल्क्विंस ( रसायनिक नाम) से उन
मरीजों को राहत मिली है, जिनमें ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो गया
था । उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी पर रखा गया था। ऐसे कुछ मरीज वेंटीलेटर तक पर थे। इलाज
की नए कारगर तरीके पर काम नेशनल
इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआइएच) नेे भी किया, जिसका नेतृत्व
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (एनसीआइ) में सेंटर फॉर कैंसर रिसर्च ने किया। नेशनल
इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड संक्रामक रोग (एनआईईडी), अमेरिकी रक्षा
विभाग के वाल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिक व चार अन्य अस्पताल
भी शोध में शामिल रहे। इस शोध को संजय गांधी पीजीआइ, लखनऊ से भी साझा
किया गया है।
चिकित्सा
विज्ञानियों ने कैंसर की दवा से कोरोना पीड़ितों को इलाज शुरू किया तो देखा कि
कोविड- 19 से संक्रमित उन मरीजों को काफी राहत मिली जो ऑक्सीजन थेरेपी पर थे।
कोका कोला में मिलाकर दी गई कैंसर की दवाई का असर ऐसा हुआ कि उनमें 72.2
फीसदी रूम एयर वेंटीलेशन पर आ गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। जो मरीज
वेंटीलेटर पर थे, उनमें 50 फीसदी का
वेंटीलेटर हट गया। यह दवा सभी को 10 से 14 दिन तक दी गई
और ऑक्सीजन स्तर बढने का क्रम एक से तीन दिन में ही दिखने लगा। इस शोध की जानकारी
साइंस इम्यूनोलाजी ने इनहैबिशन ऑफ ब्रुटन टायरोसिन काइनेस इन पेशेंट विथ सीवियर कोविद-19
विषय के नाम से साझा की है। अब वैज्ञानिक दूसरे स्टेज की नतीजे तलाशने में जुट गए
हैं।
बड़े
काम का बीटीके अवरोधक
संजय
गांधी पीजीआइ में क्लीनिकल इम्यूनोलाजिस्ट प्रो. विकास अग्रवाल कहते है कि शोध
रिपोर्ट में बताया गया नुस्खा कोरना संक्रमित मरीजों के लिए काफी कारगर है। इस
रसायन के देने से मरीजों में काफी अच्छा परिणाम मिला है। दवा के बहुत कम दुष्प्रभाव हैं। दवा का जेनेरिक नाम
एकलाबरुटिनीब है, जिसमें
कैल्क्विंस नाम के यौगिक का संस्करण है। यह एक ब्रूटनस टायरोसिन काइनेस (बीटीके) अवरोधक है, जो
सफेद रक्त बी कोशिकाओं को प्रभावशाली बनाकर प्रोटीन बनने से रोकता है। यह अवरोधक
कोविद-19 रोगियों की कमजोर इम्युनिटी को ठीक करता है।
ऐसे
दी दवा की डोज
मरीजों
को रोजाना सौ मिली ग्राम दवा दी जाती है। कोका कोला के साथ कैप्सूल में पाउडर
मिलाया, जो पहले दवा को घोलने में कारगर रही। इसके बाद इस कॉम्बिनेशन को
नासोगास्ट्रिक ट्यूब से होकर गुजारा गया। कार्बोनेशन को कम करने के लिए तीन बार
सोडा मिलाने के बाद डाइट कोक के साथ दवा को मिलाया, जिससे दवा को
एयरोसोल में बदलने की क्षमता है ।
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