शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019

सजगता से शुरूआती दौर में पकड़ में आया प्रोस्टेट कैंसर- पीजीआइ के प्रो.यूपी सिंह ने किया रोबोटिक सर्जरी

सजगता से शुरूआती दौर में पकड़ में आया प्रोस्टेट कैंसर

रोबोटिक सर्जरी कर निकाला कैंसर सेल दोबारा की आशंका खत्म
तेजी से गिर रहा था वजन जिसका कारण खोजने में लग गया चार महीना
कुमार संजय। लखनऊ
बस्ती जिले के रहने वाले 65 वर्षीय आर के मिश्रा का बजन धीरे-धीरे गिरने लगा तो उनके परिजन काफी परेशान हो गए । इनके बेटे पंकज कहते है कि  किसी ने कहा कि डायबटीज के कारण वजन गिर रहा है लेकिन शुगर पूरी तरह नियंत्रण में रहा इसलिए इसे स्वीकार नहीं कर पाए। हारमोन की जांच करायी तो वह भी ठीक। थोड़ी पेशाब में केवल बार खून आया था जिस कारण खुद ही  प्रोस्टेट स्फेस्पिक एंटीजन( पीएसए) की जांच करायी । वह भी सामान्य आया। वजन गिरने का कारण न मिलने के कारण का पता न लगने से परेशान पंकज  चार महीने के तमाम भटकाव के बाद उन्हे लेकर संजय गांधी पीजीआइ के यूरोलाजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ प्रो.यूपी सिंह से सलाह लेने पहुंचे। प्रो. सिंह ने भी पीएसए की जांच करायी और कहा कि इस पर लगातार नजर रखना होगा क्योंकि कई बार प्रोस्टेट निकालने के बाद भी कैंसर होने की आशंका रहती है लेकिन पीएसए का स्तर इनमें लगातार सामान्य रहा। कैंसर का कोई और लक्षण नहीं था वजन गिरने का कोई कारण नहीं मिल रहा था। प्रोस्टेट एरिया का  एमआरआई कराया। देखा कि प्रोस्टेट में कैंसर की शुरूआत है। प्रो. सिंह कहते है कि एक बार मैं भी कंफर्म नहीं  था कि कैंसर हो होगा क्योंकि कोई  विशेष लक्षण नहीं था साथ ही पीएसए भी नहीं बढ़ा था। बजन गिरना एक बडी आशंका की तरफ इशारा कर रहा था।  आरके मिश्रा के परिजन की जागरूकता के कारण ही शुरूआती दौर में कैंसर पकड़ में आया। कैंसर का पता लगते है बाकी जांच करा कर 17 दिसंबर को रोबोटिक सर्जरी कर कैंसर सेल को निकाल दिया । सर्जरी पूरी तरह सफल रही और आर के मिश्रा को अस्पताल से छुट्टी मिल गयी। इस सर्जरी के बाद दोबारा कैंसर की आशंका खत्म हो गयी है क्योंकि कैंसर का पता शुरूआती दौर में लग गया जो फैला नहीं था सारे कैंसर लेकर रोबोट से 360 डिग्री कोड़ पर घुमा कर निकाल लिया गया।

इस तरह के केस बहुत कम आते है सामने
प्रो.सिंह कहते है कि इस तरह मामले काफी कम आते है क्योंकि लोग एडवांस स्टेज में आते है। इस केस में प्रोस्टेट का आपरेशन पहले ही हो चुका था जिसके कारण पीएसए स्तर शायद नहीं बढ़ा। कैंसर सेल प्रोस्टेट के स्थान पर ही लोकलाइज था।


नहीं होगी रेडियोथिरेपी की जरूरत
प्रो.यूपी सिंह का कहना है कि कैंसर का पता काफी शुरूआती दौर में लगने के कारण कोई फैलाव नहीं था रोबोटिक सर्जरी के कारण पूरा कैंसर सेल निकल गया।  

यह तो जरूर कराएं जांच
प्रो.यूपी सिंह के मुताबिक इस मरीज में प्रोस्टेट पहले निकल चुका था जिसके कारण पेशाब में रूकावट नहीं हुई लेकिन एक बार पेशाब में खून आया इसके साथ ही वजन हो रहा था।  लगातार वजन कम होना भी प्रॉस्टेट कैंसर का लक्षण है। यदि बिना कोई उपाय किए शरीर का वजन तेजी से कम होना भी कैंसर की ओर इशारा है।  जब पाचन क्रिया सही तरह से काम नहीं करे तो समझ लेना चाहिए कि आप प्रॉस्टेट कैंसर की चपेट में हैं।  बार-बार पेशाब आना, विशेष तौर पर रात में। पेशाब रुक कर आना या इंफेक्शन होना। पेशाब करते वक्त दर्द व जलन होना। पेशाब या सीमन में खून आना। कूल्हे, जांघ की हड्डियां और पीठ में लगातार दर्द होना। वीर्य में खून आना सामान्य लक्षण है। .

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