रविवार, 2 दिसंबर 2018

86.5 फीसदी मानसिक रोगी नहीं पा रहे है इलाज- मेडिकल विवि के मानसिक रोग विशेषज्ञों ने 3508 लोगो पर किया शोध


 86.5 फीसदी मानसिक रोगी नहीं पा रहे है इलाज
       मेडिकल विवि के मानसिक रोग विशेषज्ञों ने 3508 लोगो पर किया शोध
         6.08 फीसदी मानसिक रोग से ग्रस्त
महिलाओं के मुकाबले पुरूष अधिक है मानसिक रोग के शिकार
        कुमार संजय। लखनऊ
        मानसिक ( साइकेट्रिक) बीमारी से ग्रस्त केवल 13.5 फीसदी लोग ही इलाज पा रहे हैं।  86.5 फीसदी मानसिक रोगी इलाज नहीं पा रहे हैं। प्रदेश में 6.08 फीसदी लोग मानसिक बीमारी के चपेट में है। इस तथ्य का खुलासा किंग जार्ज मेडिकल विवि के मानसिक रोग विशेषज्ञों ने 3508 लोगों पर शोध के बाद किया है।  मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. एसके कार की अगुवाई में शामिल डा. ईशा शर्मा, डा.विवेक अग्रवाल, डा. शिवेंद्र कुमार सिंह , डा. प्रोनोब कुमार दलाल, डा. अमित सिंह, डा. जी गोपीकृष्ना, डा. गिरीश एन राव ने प्रिवलेंश एंड पैटर्न अफ मेंटल इलनेस इन उत्तर प्रदेश पर शोध किया जिसे एसियन जर्नल आफ साइकेट्रिक ने स्वीकार किया है। शोध पत्र में कहा गया है कि मानसिक बीमारी के इलाज के लिए नई सिरे से योजना बना कर काम करना होगा। मानसिक बीमारी से ग्रस्त लोगों में से 0.93 फीसदी में आत्महत्या की प्रकृति देखी गयी है। सही समय पर इलाज दे कर इन्हें बचाया जा सकता है। मानसिक रोगों में मुख्य रूप से टुबैको और एल्कोहल यूज डिसआर्डर, स्क्रिजिफ्रेनिया, मूड डिसआर्डर, बायोपोलर , डिप्रेशन, फोबिक एनेक्जाइटी, पैनिक डिसआर्डर, सोशन फोबिया, आब्सेसिव कपलसिव डिसअर्डर, मिर्गी, स्ट्रेस एंड एडजेस्टमेंट सहित कई है। रिपोर्ट के मुताबिक पुरूषों में मानसिक रोग की परेशानी महिलाओं के मुकाबले थोडा अधिक है देखा गया है कि 6.51 फीसदी पुरूष एवं 5.63 फीसदी महिलाएं मानिसक रोग की शिकार है। ग्रामीण क्षेत्र के 5.17, शहरी 5.30 जबकि मेंट्रो अर्बन( महानागर) में रहने वाले 13.72 फीसदी किसी न किसी मानसिक रोग के चपेट में है।

वैवाहिक स्थित                 मानिसक रोग प्रतिशत
कुंवारे
4.36
विवाहित
6.57
विधवा, तलाक शुदा, अलग रह रहे
11.50


उम्र            मानसिक रोग प्रतिशत
18–29
3.83
30–39
6.89
40–49
9.30
50–59
8.02
60 से अधिक
7.06



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