गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

पीजीआइ में होगी दो गुना अधिक दिल की सर्जरी - दिल की सर्जरी के लिए मिल रहा है 2026 का डेट

पीजीआइ में होगी दो गुना अधिक  दिल की सर्जरी 


दिल की सर्जरी के लिए मिल रहा है 2026 का डेट
किडनी ट्रासप्लांट  सप्ताह में 10 से 15 करने की योजना
 


सब कुछ प्लानिंग के अनुसार चलता रहा तो संजय गांधी पीजीआइ में दिल की सर्जरी के लिए दो से तीन साल का इंतजार नहीं करना पडेगा। हर साल संस्थान में 860 मरीजों में दिल की सर्जरी होती जिसे 2019 के अंत तक बढा 15 सौ करने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। इस समय संस्थान के सीवीटीएस विभाग की एक यूनिट में सर्जरी के 2026 की डेट मिल रही है एेसे में जो इंतजार नहीं कर सकते है वह कारपोरेट अस्पतालों में चार से पांच लाख खर्च कर सर्जरी कराते हैं। संस्थान में 1.5 लाख में सर्जरी का खर्च अाता है। मरीजों को तमाम परेशानी से बचाने के लिए सीवीटीएस आईसीयू की संख्या बढा कर 26 की जा रही है इस समय केवल 12 हैं।  एक अोटी भी बढायी जा रही है। संस्थान के 35 वें स्थापना दिवस समारोह (14 दिसंबर) के मौके पर निदेशक प्रो.राकेश कपूर, डीन प्रो.एसके मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो.अमित अग्रवाल और कार्डियक सर्जन प्रो.एसके अग्रवाल ने अागे योजनाअों और बीते चार साल में उपलब्धियो का खाका रखते हुए बताया कि सर्जरी के तुरंत बाद आईसीयू की जरूरत होती है जहां वह स्वास्थ्य लाभ लेता है। सर्जरी की संख्या बढने के साथ दिल की सर्जरी की वेटिंग कम होगी। इसी तरह किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 1.5 साल की वेटिंग है नए रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर बनने के बाद वेटिंग कम होगी। अभी सप्ताह में तीन से चार किडनी ट्रांसप्लांट हो रहा है नया सेंटर बनने के बाद सप्ताह में 10 से 15 ट्रांसप्लांट होगा। ट्रामा सेंटर को 60 से 2 सौ बेड करने की योजना पर काम हो रहा है। समारोह में मेंदाता अस्पताल के अध्यक्ष पदम श्री डा. नरेश त्रेहन स्थापना दिवस व्य़ाख्यान देंगे।  

क्या है उपलब्धियां
-मेडिटल टेक्नोलाजी कालेज जो 15 साल से पेंडिग था
- 24 हावर लैब जहां इमरजेंसी में दो घंटे में जांच रिपोर्ट
-क्रिटिकल केयर मेडिसिन में 10 बेड बढा
- मरीजों को शुद्ध पानी के लिए सेंट्रल आरअो प्लांट
-नियोनेटोलाजी का विस्तार
-न्यू अोपीडी और न्यू लाइब्रेरी सात साल से पेंडिंग था 
-रिसर्च पेपर की गुणव्ता में देश में नंबर वन और देश टांप 10 मेडिकल संस्थान में स्थान
- लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट क्रियाशील हुअा जो चार साल से बंद पडा था


फैक्ट फीगर...  
- साल में नए मरीज- 10919
-फालोअप मरीज- 459032
- भर्ती- 56509
- बडी सर्जरी- 13987
-संकाय सदस्यों की संख्या- 252
- पैरामेडिकल स्टाफ( नर्सेज और टेक्नोलाजिस्ट)- लगभग 2000
- सपोर्टिग स्टाफ- लगभग तीन हजार 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें