पीजीआई को एम्स के समान भत्ते
पर शासन ने जतायी सहमति
एक माह में मुख्य सचिव को दी
जाएगी रिपोर्ट
पीजीआइ ने अपना पक्ष रखने के
लिए कमेटी
संजय गांधी पीजीआइ के
कर्मचारियों के एम्स के समान भत्ते पर शासन ने सैद्धानतिक सहमति देते हुए संस्थान
को एक्ट के अनुसार विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। संस्थान प्रशासन ने मुख्य
चिकित्सा अधिकारी प्रो. अमित अग्रवाल, सीवीटीएस विभाग के प्रो. एसके
अग्रवाल, ट्रांस फ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्रो. प्रशांत अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी सुधीर
सक्सेना एवं एसके जैन सहित अन्य की कमेटी बना दी है जो एक सप्ताह के अंदर शासन को
रिपोर्ट देगी। संस्थान के एक्ट प्रस्तर 73 और 74 का हवाला देते हुए संस्थान
प्रशासन का कहना है कि संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और अधिकारियों के
एम्स के समान वेतनमान, भत्ते देय होगा । इस आधार पर शासन के बैठक में शामिल अपर
मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डा. रजनीश दुबे, विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा
जंयत नार्लिकर, विशेष सचिव वित्त शंकेश्वर त्रिपाठी ने एम्स के सामन भत्ते
देने कहा कि एम्स के समान भत्ते और वेतन देना उचित प्रतीत होता है। इस बैठक में
हाई पावर कमेटी से कहा गया है कि एक महीने में रिपोर्ट मुख्य सचिव को दें। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि
शासन की मंशा जो भी हो इस पर निर्णय 15 दिन के अंदर लिया जाए।
कर्मचारियों में आक्रोश है हड़ताल पर जाने की सहमति बन चुकी है। 26 दिसंबर के बाद किसी भी हड़ताल
पर जा सकते हैं।
शासन एम्स के समान भत्ते देने
पर सहमति जतायी है। हर स्तर पर खुद पक्ष रख रहा हूं। शासन ने एक माह का समय मांगा
है। इस लिए कर्मचारी नेताअों से अपील है कि एक माह का समय दें। हड़ताल पर जाने से
मरीजों का अहित होगा। कोई एेसा काम न करें जिससे संस्थान की छवि खराब
हो.....निदेशक प्रो.राकेश कपूर
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