मेडिकल कालेज गोरखपुर से पीजीआइ रिफर मरीजों को नहीं करानी पड़ेगी सामान्य जांच
पीजीआइ में बन जाएगी प्राइमरी डायग्नोसिस
गोरखपुर मेडिकल कालेज बना प्रदेश का पहला मेडिकल कालेज
एनएबीएल के वैश्विक स्तर की मिलती है मरीजों को जांच रिपोर्ट
सबसे पिछड़ा माने जाने वाले बाबा राधाव दास मेडिकल कालेज गोरखपुर प्रदेश का कहना मेडिकल बन गया है जहां की खून की जांच की लैब एनएबीएल( नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड आफ टेस्टिंग लैबोरेटरी) का प्रणाम पत्र मिला है। संजय गांधी पीजीआई में गोरखपुर से तमाम मरीज रिफर हो कर आते है । अब वहां की जांच रिपोर्ट होने पर संस्थान में मान्य होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि वहां की जांच रिपोर्ट होने पर प्राइमरी जांच के आधार पर बीमारी का अनुमान लगा कर आगे की जांच प्लान की जाएगी। एनएबीएल उसी लैब को प्रमाण पत्र देता है lजहां पर परीक्षण के सभी मानक पूरे होते है। परीक्षण रिपोर्ट की गुणवत्ता नेशनल लेवल की होती है। प्रमाण पत्र देने से पहले बोर्ड के सदस्य कई मानकों पर मौके पर पहुंच कर मानकों का परीक्षण करते हैं । इसमें लैब में काम करने लैब टेक्नीशियन की योग्यता। मशीन की गुणवत्ता। जांच रिपोर्ट का क्वालिटी सहित कई मानकों को परखते हैं। इससे पहले किंग जार्ज मेडिकल विवि को एनएबीएल का प्रमाण पत्र मिला । किंग जार्ज विवि है जबकि बीआऱडी सरकारी मेडिकल कालेज है। बोर्ड ने एमसी-3035 के जरिए बताया है कि यह प्रमाण पत्र 25 नबंवर 2020 तक के लिए मान्य होगा। एनएबीएल के लिए संजय गांधी पीजीआइ सहित कई संस्थान लगातार प्रयास रत है। मानक में सैपल कलेक्शन, स्टोरेज, उपकरण, मानव संसाधन , वेस्ट मैनेजमेंट, हाइजिन सहित कई मानक पर परखा जाता है।
134 देशों में मान्य होगी जांच रिपोर्ट
एनएबीएल की मान्यता मिलने से मरीजों को दोबारा जांच नहीं करानी पड़ेगी।इससे मरीज आर्थिक, मानसिक व शारीरिक परेशानी से भी बच सकेंगे। पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री लेबोरेटरीज को नेशनल बोर्ड से एक्रीडिएशन कराने के बाद मिलने से मरीजों को वैश्विक स्तर की जांच रिपोर्ट मिलेगी।
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