शनिवार, 18 नवंबर 2023

सर्जरी और इंप्लांट से दोबारा बन सकता है स्तन

 




सर्जरी और इंप्लांट से दोबारा बन सकता है स्तन


स्तन कैंसर के 50 फीसदी मामलों में निकलता है पूरा स्तन


यूपी 15 फीसदी से अधिक महिलाएं स्तन कैंसर से ग्रस्त


 


 


उत्तर प्रदेश में 15.12 फीसदी ब्रेस्ट कैंसर से ग्रस्त है। विकसित देशों में 50-60 वर्ष की औसत उम्र में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा होता है, जबकि अपने यहां अब 30 से 50 वर्ष की औसत उम्र में महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हो रही है। संजय गाँधी पीजीआई में आयोजित इंटरनेशनल ब्रेस्ट री-कंस्ट्रक्शन एंड एस्थेटिक सर्जरी ( ब्रास कान 2023) में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रो. अंकुर भटनागर ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर के मामले में स्तन की सर्जरी होती है। 50 से 60 फीसदी मामलों में पूरे स्तन को निकालना पड़ता है। कैंसर ठीक होने के बाद स्तन न होने पर महिलाएं मानसिक परेशानी की शिकार होती है। स्तन पुनर्निर्माण किया जा सकता है। इसे डाक्टरी भाषा में मास्टेक्टॉमी या लुम्पेक्टोमी कहते हैं। स्तन पुनर्निर्माण की कई तकनीकें हैं। सिलिकॉन या सलाइन स्तन को दोबारा बनाने में करते हैं। शरीर के निचले हिस्से के पेट के ऊतक के एक फ्लैप का उपयोग करती हैं के जरिए भी दोबारा स्तन का निर्माण करते हैं। तत्काल पुनर्निर्माण भी हो सकता है। ह महीनों या वर्षों बाद पुनर्निर्माण हो सकता है। नया स्तन बनाने के लिए शरीर के वसा, त्वचा, रक्त वाहिकाओं और मांसपेशियों का इस्तेमाल किया जाता है। इस ऊतक को फ्लैप कहते हैं। शरीर में एक फ्लैप (पेडिकल्ड फ्लैप) घुमाते हैं। इस तरह फ्लैप अपनी रक्त आपूर्ति को बरकरार रखता है या फ्लैप को उसकी रक्त आपूर्ति (मुक्त फ्लैप) से अलग कर सकते हैं और इसे आपकी छाती में रक्त वाहिकाओं से जोड़ते हैं। इसके अलावा छाती की मांसपेशी के नीचे इम्प्लांट भी लगाया जाता है। ऊतक विस्तारक के साथ प्रत्यारोपण त्वचा के नीचे एक विस्तारक रखता है। प्रति सप्ताह लगभग एक बार एक्सपैंडर को सेलाइन से भरते हैं। त्वचा धीरे-धीरे फैलती (फैलती) है। जब त्वचा इंप्लांट को ढकने के लिए पर्याप्त रूप से फैल जाती है जब इम्प्लांट लगाते हैं।


 


 


 


जागरूकता की कमी  


 ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता की कमी है। अभी भी महिलाएं ब्रेस्ट में होने वाली बदलाव या परेशानियों को लेकर बोलने से झिझकती है। इसकी वजह से 50-70 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर की जांच एडवांस स्टेज में आने के बाद होती है। इलाज में अधिक देरी की वजह से रोग बहुत बढ़ चुका होता है और कैंसर के फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है। यदि ब्रेस्‍ट कैंसर से असामयिक मृत्यु को कम करना है तो यह जरूरी है कि ब्रेस्‍ट कैंसर की जांच प्रारंभिक स्थिति में जल्दी और सही हो, और सही इलाज मिले।


 


यह है कारण


अधिक उम्र में पहला बच्चा होना, नियमित रूप से स्तनपान नहीं कराना, वजन ज्यादा बढ़ना आदि ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा अनुवांशिक रूप से भी स्तन कैंसर की बीमारी हो सकती है। जबकि गर्भाशय कैंसर 30 से 35 साल की उम्र की महिलाओं में यह सर्वाधिक होने वाला कैंसर है।

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