सोमवार, 20 नवंबर 2023

पीजीआई में पहली बार हुई लिवर कैंसर की लेप्रोस्कोप से सर्जरी - पहले पीलिया नियंत्रित किया फिर दिलाया लिवर कैंसर से निजात

 



पीजीआई में पहली बार हुई  लिवर कैंसर की लेप्रोस्कोप से  सर्जरी

पहले पीलिया नियंत्रित किया फिर दिलाया लिवर कैंसर से निजात


 पित्त नली में रुकावट के कारण पीलिया मार्कर बिलीरूबिन पहुंच गया था 24 

 पित्त नली में नली डालकर खोला रास्ता जिससे नियंत्रित किया पीलिया 


गोरखपुर के रहने वाले पेशे से शिक्षक 27  वर्षीय कृपा सिंधु पीलिया की गंभीर  परेशानी हुई। सीरम बिलीरूबिन 24 पहुंच गया । बुखार, उल्टी सहित कई परेशानी होने लगी। कई जगह दिखाया लेकिन कही से राहत नहीं मिली। दर्दपीलिया और बुखार की समस्या बढ़ती गई। संजय गांधी पीजीआई थक हार कर पहुंचे यहां पर गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में प्रो. अशोक कुमार सेकेंड से संपर्क किया। ब्लड जांच तथा सीटी स्कैन में पता चला कि बाई तरफ के पित्त प्रणाली से जुड़े लीवर में कैंसर जिसे डॉक्टरी भाषा में कोलोनजियो कार्सिनोमा कहते हैं।  बढ़ते पीलिया और  संक्रमण के कारण बिलीरुबिन 24 तक हो गया था । प्रो. अशोक ने पहले  पीटीबीडी (यकृत के माध्यम से पित्त नली में नलिकाएं) तकनीक से बाइल डक्ट में ट्यूब डालकर  पित्त नली की रुकावट को दूर किया । इससे  बिलीरुबिन को नॉर्मल हुआ। संक्रमण नियंत्रण के बाद उन्हें सर्जरी की गयी।  लेप्रोस्कोपी तकनीक से ट्यूमर के साथ लीवर के बाई तरफ के सेगमेंट (लेफ्ट हिपेटेक्टमी) को निकाल दिया। 12 घंटे की जटिल लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकल दिया गया और पेट में एक छोटा सा चीरा लगाकर आंत को पित्त नली से जोड़ दिया गया।संस्थान में पहली बार  लेप्रोस्कोपिक मेजर लिवर रिसेक्शन सर्जरी गई है। सर्जरी के बाद मरीज में सुधार तेजी से हुआ और उन्हें सिर्फ एक दिन के लिए उन्हें ऑब्जर्वेशन के लिए आईसीयू में रहना पड़ा।

 

 

सिरोसिस और लिवर में बदलाव ने खड़ी की परेशानी

  बेहद चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था क्योंकि  बिलियरी  सिरोसिस और लीवर के आकार में बदलाव आ गया था। पहले मरीज के पीलिया को सही किया गया। न्यूट्रिशन सपोर्ट के जरिए पेशंट की   फिटनेस को ठीक किया।  

 

 

केवल एक यूनिट ब्लड की पड़ी जरूरत

लिवर निकालने सर्जरी में बहुत सारे मेटाबोलिक बदलाव होते हैं। जिनको सावधानी से ठीक करना पड़ता है। लेप्रोस्कोपिक विधि के कारण ऑपरेशन के दौरान बदलाव न के बराबर ह्आ। ऑपरेशन के दौरान कोई भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत नहीं पड़ी सिर्फ सर्जरी के बाद  एक यूनिट ब्लड चढ़ाया गया।

 

 

तीन दिन में लेने आहार

सर्जरी के सिर्फ 3 दिन बाद आहार लेने लगे।  सर्जरी के अनुभव के बारे में कृपा सिंधु ने कहा कि ऐसा महसूस नहीं हुआ कि उनकी कोई जटिल सर्जरी हुई है। फिट महसूस कर रहे हैं। 

इस टीम ने दिया अंजाम

गैस्ट्रो सर्जरी - प्रो. अशोक कुमार सेकेंड, सहायक प्रो. सोमनाथ, डा.

 दिव्या जैन, डा. अंकित, डा. सात्विक, एनेस्थीसिया- डा. दिव्या

 श्रीवास्तव, डा. सांची, लैब टेक्नोलाजिस्ट अनिल वर्मा.  नर्सिंग  सुशीला, कंचन, आभा


प्रति एक लाख में 9.3 में होता है लिवर कैंसर


लीवर और इंट्राहेपेटिक पित्त नली कैंसर के  मामलों की दर प्रति वर्ष प्रति एक लाख पुरुषों और महिलाओं पर 9.3 है। मृत्यु दर प्रति वर्ष प्रति एक लाख पुरुषों और महिलाओं पर 6.6 है। इलाज का खर्च पीजीआई जैसे संस्थान में 50 से 60 हजार आता है। 

 

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