रविवार, 26 नवंबर 2023

मधुमेह के कारण 15 फीसदी होते है डायबिटिक फुट अल्सर के शिकार

 




 मधुमेह के कारण 15 फीसदी होते है डायबिटिक फुट अल्सर के शिकार

डायबिटिक फुट अल्सर के शिकार 20 फीसदी को खोना पड़ता है अंग

  महंगा है इलाज इस लिए डायबिटीज पर नियंत्रण के साथ पैर पर रखें नजर

डायबिटिक फुट मैनेजमेंट संगोष्ठी आज 




डायबिटिक फुट अल्सर(डीएफयू) एक खुला घाव है, जो मधुमेह से ग्रस्त 15 फीसदी लोगों को प्रभावित करता है। आमतौर पर पैर के निचले हिस्से में होता है। 25 फीसदी मधुमेह रोगियों को अपने जीवनकाल में स समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 50 फीसदी संक्रमित हो जाते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। 20 फीसदी में अंग काटने की आवश्यकता होती है। यह विच्छेदन 30-60 वर्ष की आयु में अधिक आम है। आम तौर पर परिवार में केवल कमाने वाले सदस्य होते हैं और विच्छेदन के कारण उनकी नौकरी छूट सकती है। संजय गांधी पीजीआई के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डायबिटिक फुट एक्सपर्ट प्रो. ज्ञान चंद ने बताया कि डीएफयू देखभाल के लिए भारत सबसे महंगा देश है। अंग विच्छेदन शारीरिक रूप से वे उचित व्यायाम करने में सक्षम नहीं होते हैं । 50 फीसदी डीएफयू रोगी जिनका अंग एक बार कट जाता है, उन्हें अगले 2 वर्षों के भीतर पुनः अंग विच्छेदन कराना पड़ता है। इसलिए उनकी जल्दी मौत हो सकती है। एक अध्ययन के अनुसार भारत में मधुमेह के कारण निचले अंग कटे हुए 50 फीसदी लोग अंग-विच्छेदन के बाद तीन साल के भीतर मर जाते हैं। जागरूकता और शीघ्र उपचार बडे नुकसान से बच सकते हैं।


डायबटिक मरीज करते है पैर की उपेक्षा


मधुमेह रोगियों के उपचार में सामान्यतया पैर की उपेक्षा की जाती है । चिकित्सक भी इस समस्या के प्रबंधन में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, इसलिए हम इस समस्या की बेहतर देखभाल के लिए युवा डॉक्टरों को प्रशिक्षित करना चाहते हैं और मधुमेह रोगियों के बीच जागरूकता बढ़ाना की जरूरत है। इसी उद्देश्य से एंडोक्राइन सर्जरी विभाग 25 नवंबर 2023 को डायबिटिक फुट मैनेजमेंट पर एक दिवसीय सीएमई का आयोजन करने जा रहा है। मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोक्रिनोलॉजी और एंडोक्राइन सर्जरी सहित अन्य विशिष्टताओं के युवा डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। दिल्ली राष्ट्रीय घाव देखभाल परियोजना के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. अशोक दामिर, हुबली कर्नाटक से डॉ. सुनील कारी, वरिष्ठ सलाहकार मधुमेह पैर सर्जन, मधुमेह अंग बचाव विभाग के एचओडी, डॉ. सुरेश पुरोहित मधुमेह देखभाल चिकित्सक, हाइपरबेरिक मेडिसिन मुंबई व अन्य विशेषज्ञ डायबिटिक फुट के प्रबंधन पर जानकारी देंगे। 


इतना है डायबटिक फुट के इलाज में खर्च


  न्यूरोपैथी अल्सर (एम्बुलेटरी देखभाल)- 4666

 संक्रमित न्यूरोपैथी पैर (एम्बुलेटरी देखभाल)-13750,

 उन्नत मधुमेह पैर (बचाव, अंग विच्छेदन, विच्छेदन के बाद बचाव),-90000 

न्यूरोइस्केमिक पैर (बाईपास)-800

00




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