पीएनएच बीमारी के बाद भी मां बनने वाली पहली महिला बनी रेखा
क्लीनिक हेमेटोलॉजिस्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञ ने मिल कर दिया मां बनने का सुख
रॉक्सिस्मल नॉक्टेर्नल हीमोग्लोबिन्यूरिया (पीएनएच) एक दुर्लभ विकार है, जो हेमोलिसिस का कारण बनता है। इस बीमारी में धमनी और शिरा में थ्रोम्बोसिस का खतरा बहुत अधिक होता है। पीएनएच रोगियों के लिए, गर्भावस्था के दौरान परेशानी होती है। पीएनएच के रोगियों में गर्भावस्था के बहुत कम सफल परिणाम सामने आए हैं। डॉ. रेखा शुक्ला को वर्ष 2021 में क्लासिकल पीएनएच का पता चला था। हेमोलिसिस के प्रारंभिक स्थिरीकरण और नियंत्रण के बाद उन्होंने मां की इच्छा व्यक्त की। उनकी प्रसूति एवं स्त्री रोग सलाहकार डॉ. प्रियंका त्रिवेदी से चर्चा करने के बाद आगे बढ़ने का फैसला किया।
सफल गर्भाधान और गर्भावस्था की पुष्टि के बाद संजय गांधी पीजीआई के क्लीनिक हेमेटोलॉजी विभाग चिकित्सकों ने एलएमडब्ल्यूएच और एस्पिरिन प्रोफिलैक्सिस शुरू किया गया। पी एन एच प्रेरित हेमोलिसिस को नियंत्रित किया। 10 नवंबर 2023 को उन्होंने गोमती नगर की डॉ. प्रियंका त्रिवेदी की देखरेख में 2.8 किलोग्राम वजन वाली एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। लखनऊ में पीएनएच रोगी में सफल गर्भावस्था परिणाम का यह पहला मामला है। क्लीनिकल हिमैटोलाजिस्ट डा. संजीव ने बताया कि ऐसी उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं को हेमेटोलॉजिस्ट एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की करीबी निगरानी से मां बनने का सुख दिया जा सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें