बुधवार, 27 दिसंबर 2023

गुर्दा रोगियों के लिए प्रोटीन युक्त भोजन फायदेमंद

 गुर्दा रोगियों के लिए प्रोटीन युक्त भोजन फायदेमंद




-पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग की ओर से सोसायटी ऑफ रीनल न्यूट्रीशन एण्ड मेटाबोल्जिमनिर्धारण पर कार्यशाला

-गुर्दा मरीज अचानक कोई भी खानपान न छोड़ें


गुर्दा रोगी खानपान में परहेज करें, लेकिन पूरी तरह से कोई भी चीज बंद नहीं करें। इन्हें प्रोटीन युक्त भोजन बहुत जरूरी है। प्रोटीन, कैलोरी, मिनरल, विटामिन व अन्य जरूरी पोषक तत्व भोजन के जरिए ही मिलते हैं। गुर्दा मरीजों के लिये इलाज के साथ ही खानपान अहम होता है। मरीज बिना डॉक्टर और न्यूट्रीशयन की परामर्श के खाने में बहुत सी चीजों का परहेज करने लगते हैं। जो सेहत के लिये हानिकारक है। खासकर दूध, दही और अण्डा आदि के न खाने से मरीजों में कुपोषण बढ़ने लगता है। यह बातें यह बातें रविवार को पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नारायण प्रसाद ने विभाग की ओर से सोसायटी ऑफ रीनल न्यूट्रीशन एण्ड मेटाबोल्जिम पर आयोजित कार्यशाला में दी। असंल एक होटल में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान ने किया। कार्यशाला में गुर्दा रोग विशेज्ञों ने 300 से अधिक डायटिशियन को गुर्दा मरीजों के भोजन निर्धारण की जानकारी दी।

नवजातों में होती है ये दिक्कतें

कार्यशाला के आयोजक चैयरमैन डॉ. नारायण प्रसाद ने बताया कि जन्म के समय नवजात में यदि पेशाब रूक-रूक कर हो रहा है। पेशाब का रंग लाल है, पेशाब करते समय नवजात रोता है। तो तुरन्त नेफ्रोलॉजिस्ट की सलाह लें। यह गुर्दे के बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। जन्म के समय नवजात के सभी अंगों को देखना चाहिये। उन्होंने बताया कि बेवजह दर्द की दवा और एंटीबायटिक दवाओं के सेवन से गर्दे की दिक्कत हो सकती है। पेशाब और खून की मामूली जांच से बीमारी की पहचान की जा सकती है।

भोजन के साथ रोज पांच ग्राम नमक खाएं

कार्यशाला के आयोजक सचिव डॉ. मानस रंजन बेहरा ने बताया कि गुर्दा और ब्लड प्रेशर के मरीज नमक का सेवन कम करें। रोजाना पांच ग्राम तक नमक का सेवन फायदेमंद है। खासकर सेंधा नमक खाने से बचें। इसमें पोटेशियम अधिक होता है। शरीर में पोटिशयम की मात्रा बढ़ने पर मरीज बेहोश हो जाता है। इसके अलावा एक ग्राम प्रति किग्रा वजन के हिसाब से प्रोटीन लेना चाहिए। यदि गुर्दा मरीज है तो उसे 0.8 ग्राम प्रति किग्रा. वजन के हिसाब प्रोटीन जरूरी है। 

10 में से एक व्यक्ति सीकेडी का शिकार 

अहमदाबाद के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्विन डाभी ने बताया कि देश में 10 में से एक व्यक्ति क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) की चपेट में है। देश में दो लाख से अधिक गुर्दा रोगियों को डायलिसिस की जरूरत है। अधिक खर्चे और संसाधन न होने की वजह से अधिकांश मरीज गुर्दा प्रत्यारोण नहीं करा पाते हैं। इस दिशा में काम करने की जरूरत है। इस मौके पर पीजीआई की डायटिशियन शिल्पी पाण्डेय, निरुपमा सिंह और अर्चना सिन्हा समेत भारी संख्या में डॉक्टर कौर डायिटिशियन मौजूद रहीं।

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