पीजीआई में डायबिटिक फुट अल्सर पर सेमिनार
पैर की होगी बाई पास सर्जरी सामान्य होगा अल्सर में रक्त प्रवाह
एंजियोप्लास्टी और डिब्रीमेंट से ठीक होगा पैर का घाव
अंग विच्छेदन की से होगा बचाव संभव
एडवांस आर्टिरियल ब्लॉकेज के कारण होने वाले डायबिटिक फुट अल्सर का इलाज पैर बाईपास सर्जरी से संभव है। इसमें रक्त प्रवाह लिए अवरुद्ध धमनी के चारों ओर शरीर के दूसरे अंग से नस लेकर रक्त रोपित किया जाता है जिससे रक्त प्रवाह का नया मार्ग बनाया जाता है। पैर में रक्त का प्रवाह सामान्य हो जाता है। अल्सर में रक्त प्रवाह सामान्य होने के बाद घाव जल्दी भरता है। अंग विच्छेदन की आशंका खत्म हो जाती है। संजय गांधी पीजीआई में डायबिटिक फुट अल्सर पर आयोजित सेमिनार में एंडोक्राइन सर्जन एवं डायबिटिक फुट एक्सपर्ट प्रो. ज्ञान चंद ने बताया कि मधुमेह के मरीजों में लोअर एक्सट्रीमिटी आर्टरी डिज़ीज़ की आशंका रहती है। यह ऐसी स्थिति जिसमें पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। अल्सर को ठीक करने के लिए आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाता है जिससे अल्सर जल्दी नहीं ठीक होता है।
पैर की भी होती है एंजियोप्लास्टी
हुबली कर्नाटक से डायबिटीक फुट सर्जन, मधुमेह अंग बचाव विभाग के एचओडी
डॉ. सुनील कारी ने बताया कि लोअर एक्सट्रीमिटी आर्टीरियल डिज़ीज़ में रक्त प्रवाह को बढ़ाने के लिए एथेरेक्टॉमी की जाती है। इसमें रक्त में वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और अन्य सामग्रियों से आई रुकावट को खोला जाता है। दिल की तरह बैलून एंजियोप्लास्टी कर के स्टेंट यानी एक धातु की जाली वाली ट्यूब डाली जाती है, जिससे रक्त वाहिका में रक्त प्रवाह सामान्य हो जाता है।
डीब्रीमेंट से भी ठीक होता है पैर का अल्सर
मंबई के हाइपरबेरिक मेडिसिन एवं डायबिटिक फुट विशेषज्ञ डॉ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (एचबीओटी)से भी धाव जल्दी भरता है। ऐसे संक्रमणों को ठीक करने में किया जाता है जिनमें ऊतकों को ऑक्सीजन की कमी होती है। औसत से 1.5 से 3 गुना अधिक वायु दबाव के स्तर में शुद्ध ऑक्सीजन दिया जाता है। ऊतकों की मरम्मत और शरीर के सामान्य कामकाज को बहाल करने के लिए रक्त को पर्याप्त ऑक्सीजन से की जरूरत पूरी की जाती है। दवा से ठीक नहीं होता तो डिब्रीमेंट करते है जिसमें अल्सर से मृत या संक्रमित त्वचा और ऊतक को साफ किया जाता है। साफ करने के बाद घाव को कीटाणुनाशक घोल से धोते हैं। हफ्तों या महीनों के दौरान एक से अधिक बार डिब्रीमेंट किया जा सकता है।
यह परेशानी तो ले सलाह
-प्रभावित क्षेत्र पर त्वचा का काला पड़ना।
-गर्म या ठंडा महसूस करने की क्षमता कम होना।
-प्रभावित क्षेत्र का सुन्न होना।
- अल्सर के आसपास दर्द
-पैरों में झुनझुनी
यदि नहीं कराया इलाज तो यह होगी परेशानी
-तंत्रिका और रक्त वाहिका की क्षति के कारण त्वचा और हड्डी में संक्रमण हो सकता है
- किडनी और दिल की बीमारी , मल्टी ऑर्गन फेल्योर
-गैंग्रीन
- पैरों की मांसपेशियों हड्डियों में कमजोरी
- विच्छेदन यानि संक्रमण को फैलने से रोकने के
लिए सर्जन को पैर काटना होगा
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