बेसकान-2023
दिमाग की भी होती है बाईपास सर्जरी
स्कल बेस के धमनी में ट्यूमर की सर्जरी में दिमाग नहीं होगा प्रभावित
दिल की बाईपास सर्जरी के बारे में कई बार सुना होगा लेकिन ब्रेन की भी बाई पास सर्जरी होती है। संजय गांधी पीजीआई में आयोजित स्कल बेस सर्जरी सोसाइटी ऑफ इंडिया(बेसकान-2023) के वार्षिक अधिवेशन संजय गांधी पीजीआई के न्यूरो सर्जन प्रो. अरुण श्रीवास्तव और एम्स भुवनेश्वर के न्यूरो सर्जरी प्रो. आरएन साहू ने बताया कि स्कल बेस में धमनी में ट्यूमर या ट्यूमर में धमनी के होने पर ट्यूमर की सर्जरी में काफी रिस्क रहता है। दिमाग में रक्त प्रवाह कम होने या बंद होने से दिमाग को क्षति हो सकता है । सर्जरी के दौरान कई बार ट्यूमर का कुछ हिस्सा छोड़ना पड़ता है। इस परेशानी से बचने और बचाने के लिए गले पास धमनी से एक नस दिमाग में जोड़ देते है जिससे रक्त प्रवाह सामान्य हो जाता है। इसके बाद ट्यूमर को धमनी सहित निकाल देते है। इस तकनीक वेस्कुल बाई पास सर्जरी कहते हैं। यह तकनीक संजय गांधी पीजीआई में स्थापित है । प्रो. साहू ने बताया कि पहले मैं यहां पर संकाय सदस्य था जिसे यहां से सीखने के बाद एम्स भुवनेश्वर में कर रहा हूं। स्कल बेस 10 फीसदी से अधिक ट्यूमर धमनी में होते है।
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अब दिमागी सात तरह के ट्यूमर को बिना खोपडी निकालना संभव हो गया है। यह संभव हुआ है इंडोस्कोपिक न्यूरो सर्जरी के जरिए। इस पहले दिमाग के तलहटी(स्कल बेस) के ट्यूमर को निकालने को लिए पूरी खोपड़ी खोलनी पड़ती थी , अब इस नई तकनीक से नाक के जरिए दिमाग के निचले हिस्से में पहुंच तक ट्यूमर को निकाला जा सकता है। इससे मरीज जल्दी रिकवर हो कर जाता है।
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