सोमवार, 29 मई 2023

प्रदेश से हर साल निकल रही है 31 हजार ट्रेंड नर्सेज उत्तराखंड की तर्ज पर हो प्रदेश में नर्सेज की तैनाती

 

प्रदेश से हर साल निकल रही है 31 हजार ट्रेंड नर्सेज 

उत्तराखंड की तर्ज पर हो प्रदेश में नर्सेज की तैनाती

आल इंडिया रजिस्टर्ड नर्सेज फेडरेशन ने मुख्यमंत्री के भेजा ज्ञापन

 

उत्तराखंड की तरह प्रदेश में नर्सेज की नियुक्ति की मांग आल इंडिया रजिस्टर्ड नर्सेज फेडरेशन ने की है। इस संबंध में मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, प्रमुख सचिव चिकित्सा, अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी को ज्ञापन भेजा है।  उत्तराखंड में नर्सेज की तैनाती के लिए प्रदेश के मूल निवासी होना अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ वर्षवार मेरिट के आधार पर करने का फैसला लिया है। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग वर्मा ने उत्तराखंड के तरह प्रदेश में व्यवस्था लागू करने की जरूरत है। प्रदेश के लाखों रजिस्टर्ड नर्सेज बेरोजगार है। एक पद से लिए एक हजार से अधिक आवेदन आ रहे है। वर्षवार मेडिकल फैकल्टी की मेरिट के आधार पर सलेक्शन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता रहती है। हाल में ही स्टेट मेडिकल कॉलेजों , सेफैई संस्थान, लोहिया संस्थान और पीजीआई में नर्सेज की तैनाती हुई लेकिन इसमें प्रदेश के लोगों को कोई प्राथमिकता नहीं दी गयी। कुछ राज्यों में दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों के केवल पांच फीसदी सीट रिजर्व रहती है। दूसरे प्रदेश से चयनित नर्सेज को जब उनके प्रदेश में मौका मिलता तो यहां से नौकरी छोड़ कर चली जाती है । 11 फरवरी 2016 के आदेश में साफ लिखा है माध्यमिक शिक्षा परिषद से इंटर पास  होने के साथ स्टेट मेडिकल फैकल्टी से जीएनएम आवश्यक योग्यता है लेकिन विज्ञापन में प्रदेश से इंटर पास नहीं अनिवार्य किया जाता है।

 

नर्सेज की कमी को लेकर फैलाया जा रहा है भ्रम

 

नर्सेज  की कमी बता कर रोज कॉलेज निजी और सरकारी क्षेत्र में खुल रहे है लेकिन रोजगार के नाम पर केवल शोषण है। उत्तर प्रदेश में एक लाख पांच 263 से अधिक नर्स पंजीकृत है । हर साल उत्तर प्रदेश के नर्सिंग कॉलेज से लगभग 18483 जीएनएम और 13120 बीएससी  नर्सेज ट्रेंड होकर निकलती है। इस तरह से साल में 31603 नर्जेस निकल रही है।   साल-दर –साल संख्या बढ़ती जा रही है ।  इस पेशे में 90 फीसदी लड़कियां है जिनका शोषण हो रहा है। नर्सिंग काउंसिल आफ इंडिया के अनुसार निजी एवं सरकारी को मिला कर 382 नर्सिग कॉलेज हैं। 90 फीसदी निजी कॉलेज हैं।  कमाई का अच्छा व्यापार है।

 

मानक के अनुसार हो तैनाती तो एक भी नहीं रहेगी बेरोजगार

   ट्रेंड नर्सेज की कमी होती तो आउटसोर्सिंग पर काम करने के लिए नर्सेज कैसे मिलती। मानक के अनुसार प्रदेश में 500 की संख्या पर एक नर्स की तैनाती होनी चाहिए इस तरह चार लाख नर्स की तैनाती होनी चाहिए लेकिन मानक के अनुसार तैनाती न कर ट्रेंड नर्सेज को शोषण के लिए छोड़ दिया गया।  

 

 

 



 


 

 

 

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