लेजर से पहली बार पीजीआई ने हुई पायलोनिडल सिस्ट की सर्जरी
सामान्य सर्जरी से बार –बार होता रहता है फोड़ा
दोबारा फोड़े की आशंका लगभग खत्म
रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से और मलद्वार से ऊपर बार –बार फोड़े से परेशान 16 वर्षीय राजेश का कैरियर प्रभावित हो रहा था। बार-बार फोड़े के इलाज के लिए सर्जरी कराने और सर्जरी के बाद दवाएं लेना पड़ता था इस परेशानी से हमेशा के लिए मुक्ति मिल गयी है। संजय गांधी पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने लेजर टेक्निक आफ पायलोनिडल तकनीक से सर्जरी कर दोबारा फोड़े की आशंका को लगभग खत्म कर दिया है। विभाग के प्रमुख एवं सर्जन प्रो. राजीव अग्रवाल का कहना है कि इस तकनीक से पायलोनिडल की सर्जरी पहली बार संस्थान में हुई है। दावा किया कि प्रदेश में कोई भी संस्थान इस तकनीक से सर्जरी नहीं कर रहा है। प्रो. राजीव ने बताया कि सबसे पहले लेजर बीम से फोड़े की सतह को साफ करते है फिर अंदर जहां से फोड़े का ओरजिन होता है वहां पर लेजर बीम डाल कर पूरे सेल को जला देते है इससे खराब मांसपेशियां नष्ट हो जाती है।इस प्रोसीजर में सामान्य एनेस्थीसिया दी जाती है। फोड़ा( सिस्ट) से बाल निकालते है। एक से अधिक छिद्र हैं, तो प्रत्येक को साफ कर दिया जाता है।पायलोनिडल साइनस को साफ करने और बंद करने के इस तरीके से पारंपरिक सर्जिकल उपचारों की तुलना में बेहतर दीर्घकालिक परिणाम मिलते हैं।लेजर उपचार के बाद पिलोनिडल सिस्ट की दोबारा होने की आशंका 2.9 प्रतिशत से भी कम है। लेजर उपचार में पारंपरिक उपचारों की तुलना में कम रिकवरी समय की आवश्यकता होती है, और पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द और अस्पताल में रहने दोनों कम हो जाते हैं।
पायलोनियल सिस्ट की इससे बढ़ती है आशंका
-व्यक्तिगत या पारिवारिक इतिहास जैसे कि मुंहासे, फोड़े, कार्बनकल्स, फॉलिकुलाइटिस और सिबेसियस सिस्ट
- क्षेत्र में बड़ी मात्रा में बाल
- टेलबोन चोट
- घुड़सवारी, साइकिल चलाना
- देर तक बैठे रहना
- मोटापा
लक्षण
• रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से और मलद्वार के ऊपर दर्द सूजन, जो आपके टेलबोन के ठीक ऊपर का क्षेत्र है
• उस जगह से दुर्गंध या मवाद निकलना
यह है बचाव के तरीके
- क्षेत्र को साफ और सूखा रखें।
- सख्त सतहों पर लंबे समय तक बैठने से बचें।
क्षेत्र से बाल हटा दें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें