शुक्रवार, 12 मई 2023

एक फीसदी ब्रेन डेड के शिकार परिजन अंगदान करें 440 को मिल जाएगी किडनी

 




एक फीसदी ब्रेन डेड के शिकार परिजन अंगदान करें 440 को मिल जाएगी किडनी

अंग जलाए नहीं अंगों से दें सकते है किसी को जीवन

कैडेवर ऑर्गन डोनेशन पर सीएमई


 

प्रदेश में ब्रेन डेड के शिकार होने वाले केवल एक फीसदी लोगों के परिवार के लोग यदि अंगदान करा दे तो 440 लोगों को किडनी मिल जाएगी। 220 लोगों को लिवर मिल जाएगा। इनकी जिंदगी बच जाएगी। ब्रेन डेड शिकार होने वाले लोगों को परिजनों को इसके लिए आगे की जरूरत है। इनके परिजन का अंग जल कर नष्ट हो जाएगा या गल जाएगा लेकिन किसी के शरीर में अंग जिंदा रहेगा। कैडेवरिक आर्गन डोनेशन को लेकर संजय गांधी पीजीआई सीएमई का आयोजन 13 एवं 14 मई को नेफ्रोलॉजी विभाग कर रहा है । विभाग के प्रमुख प्रो. नारायण प्रसाद , प्रो. धर्मेंद्र भदौरिया, प्रो. अनुपमा कौल, प्रो. मानस रंजन पटेल एवं प्रो. रविशंकर ने सीएमई के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 3341 किडनी ट्रांसप्लांट हो चुका है जिसमें 43 कैडेवरिक ट्रांसप्लांट शामिल है। हमारे पास संसाधन है दो किडनी भी मिल जाए तो हम करने में सक्षम है। स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख अस्पताल प्रशासन के विभाग के प्रो. राजेश हर्ष वर्धन के साथ मिल कर हम लोग ब्रेन डेड लोगों के परिवार को अंगदान के प्रेरित करेंगे। हाई रिस्क किडनी डिजीज वाले लोगों में कैडेवर किडनी की अधिक जरूरत पड़ती है। तमाम ऐसे लोग है जिनके परिवार में कोई किडनी देने वाला नहीं। दोबारा किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत है। सीएमई में न्यूरो सर्जन, न्यूरोलॉजिस्ट, आईसीयू विशेषज्ञों के आलावा आर्गन डोनेशन कोआर्डीनेटर को बुलाया गया है जिससे इस अभियान को आगे बढ़ाया जा सके।

ब्रेन डेड घोषित करने के लिए हर अस्पताल में बने कमेटी

प्रो. नरायन प्रसाद ने कहा कि हर अस्पताल में ब्रेन डेड घोषित करने के लिए कमेटी होना चाहिए। संस्थान में कमेटी है जिसमें न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरो सर्जन, आईसीयू विशेषज्ञ शामिल होते है। कमेटी जब ब्रेन डेड घोषित कर दे तो उसके बाद काउंसलिंग कर परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित करने की जरूरत है।

 

ब्लड ग्रुप भिन्नता वाले लोगों में मंहगा

किडनी दाता और किडनी लेने वाले लोगों को ब्लड ग्रुप में भिन्नता होने पर किडनी ट्रांसप्लांट संभव है। हम लोग 164 लोगों में कर चुके है लेकिन इनमें ट्रांसप्लांट का खर्च 6 से 7 लाख आता है जबकि सामान्य यानि एक ही ब्लड ग्रुप के लोगों में खर्च 2 से 2.5 लाख आता है। कलेवर ट्रांसप्लांट भी एक ही ब्लड ग्रुप के लोगों में होता है जिससे यह महंगा नहीं पड़ता है। 

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