सोमवार, 21 मार्च 2022

सिर मे लगी किसी भी चोट को हल्के में मत लें.

 विश्व सिर चोट जागरूकता दिवस पर पीजीआई में कार्यक्रम





-पीजीआई में सिर की चोट वाले ओपीडी में 20 से 30 मरीज आते हैं



सड़क हादसे, ऊंचाई से गिरने व सिर में लगने वाली किसी भी चोट को हल्के में न लें। चोट लगने के तुरंत बाद घायल बेहोश हो सकता है। कई बार जान पर आ जाती है। कई बार लोग सिर में चोट लगने पर नजर अंदाज कर देते हैं। कोई खास दिक्कत न होने पर डॉक्टर की सलाह तक नहीं लेते हैं। ऐसे लोगों में कुछ समय बाद इनके व्यक्तित्व और व्यवहार में बदलाव, चिड़चिड़ापन व भूलने की समस्या समेत कई दूसरी दिक्कतें हो जाती हैं। यह बातें रविवार को
विश्व सिर चोट जागरूकता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में  विशेषज्ञों ने कहा कि विश्व में 2050 तक मृत्यु दर का प्रमुख कारण सिर की चोट होगा। लिहाजा लोग सिर की चोट को हल्के में कतई न लें। हर साल 20 मार्च को विश्व सिर चोट जागरूकता दिवस मनाया जाता है।



ट्रामा सेंटर के प्रभारी प्रोफेसर राज कुमार ने कहा कि देश में सड़क यातायात दुर्घटनाओं में हर साल लगभग 80,000 लोग मारे जाते हैं। जो दुनिया भर में होने वाली मौतों का लगभग 13% है। पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर व न्यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में सिर में चोट लगने से होने वाली समस्याओं के करीब 20 से 30 मरीज आते हैं।  ट्रॉमा सेंटर में सुविधाएं और बढ़ाये जा रहे हैं।


 सिर की चोट को नजरअंदाज न करें

निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन ने कहा कि सिर की चोट से इंसान जीवन भर दिव्यांग हो सकता है। ऐसे में सिर की चोट को नजरअंदाज न करें। सिर में चोट लगने पर डॉक्टर की सलाह लें।
डॉ. राजकुमार ने कहा कि यातायात नियमों का सख्ती से पालन कर हादसों से बचा जा सकता है।

यह अपनाएं
-यातायात नियमों का पालन करें
-अच्छी गुणवत्ता का हेलमेट पहनें
- हमेशा सीट बेल्ट लगायें।
- सड़क पर चलते समय मोबाइल पर बात न करें।

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