गुरुवार, 24 मार्च 2022

रक्त में बढ़ा शुगर बेअसर कर देता है टीबी की दवा



 रक्त में बढ़ा शुगर बेअसर कर देता है टीबी की दवा

अनियंत्रित शुगर तो काम नहीं करती टीबी की दवाएं

 एनीमिया और कैल्शियम की कमी के कारण बच्चों में काम

 नहीं करती है टीबी की दवाएं 

 


डायबिटीज के परेशानी पहले से है और टीबी का संक्रमण हो

 जाए तो टीबी की दवा के साथ शुगर के स्तर पर नजर

 रखने की जरूरत है। शुगर का स्तर नियंत्रण में नहीं है 

तो टीबी की दवा काम नहीं करेगी। संजय गांधी पीजीआई के

 पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में हर सप्ताह चार से पांच ऐसे

 मरीज आते है जिनमें टीबी की दवा का असर नहीं होता है 

कारण पता करने पर कारण अनियंत्रित शुगर का स्तर होता 

है। विभाग के प्रमुख प्रो. आलोक नाथ ने विश्व टीबी दिवस 

पर बताया कि शुगर का स्तर बढा होने पर इम्यून सिस्टम 

कमजोर होता है जिसके कारण दवा का असर नहीं होता है। 

 किडनीलिवर की परेशानी है तो भी दवा का नए तरीके से 

निर्धारित करनी होती है। प्रो. आलोक के मुताबिक बच्चों में 

टीबी का इलाज देने के समय इनमें कैल्शियम और आयरन 

स्तर पर नजर रखने की जरूरत है। इसका स्तर कम है तो 

दवा का ठीक तरीके से काम नहीं करती है। कैल्शियम और 

आयरन की कमी के कारण इम्यून रिस्पांस कम हो जाता है। 

बच्चों में आयरन की कमी एक बड़ी परेशानी है। देखा गया है 

कि 25 फीसदी बच्चे कुपोषित होते है।  इस लिए बच्चों में 

पोषण पर ध्यान रखने की जरूरत है जिससे टीबी की दवा का 

पूरा लाभ  मिले।

 

ब्रोंकोस्कोपी से चलता है टीबी का पता


रोज दो से तीन मरीजों में  टीबी का पता लगाने के लिए 

ब्रोंकोस्कोपी का सहारा लेना पड़ता है। इनमें टीबी ग्लैड फेफड़े 

के अंदर होती है जिसके लिए इस तकनीक से फेफड़े के 

अंदर 

से द्रव लेकर उसमें टीबी की जांच की जाती है।

यह परेशानी तो तुरंत ले सलाह

-छाती में दर्द

- खांसी: खून के साथ या दीर्घकालीन

-अच्छा महसूस न करनाथकानपसीना आनाबुखारभूख न लगनाया रात में पसीना

- बलगम

- बिना कारण वज़न में बहुत ज़्यादा कमी होना

- मांसपेशी का नुकसान

 सांस फूलना

- सूजी हुई लसीका ग्रंथियां यानी लिम्फ़ नोड (छोटे बीज के आकार की ग्रंथियां जो पूरे शरीर में होती हैं)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें