पीजीआईः मरीजों के हित के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार टाला
हम अपना जीवन दे रहे जो आप भी हमारा पेट परिवार देखिए सर
संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की पीजीआइ इकाई ने गुरूवार 22 अप्रैल) को प्रस्तावित कार्य बहिष्कार टाल दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना के बढ़ते संकट के कारण यह आंदोलन टाला जा रहा है। एक घंटे भी कार्य बहिष्कार के तमाम मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगा। संघ के पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें कहा गया कि हम लोग निदेशक, सरकार को पत्र के माध्यम से अपनी मांग के बारे में अवगत कराने के साथ इसे पूरा करने के लिए अनुरोध करेंगे। हम अल्प वेतन भोगी जैसे इस आपदा में अपने जीवन की बाजी लगाकर सेवा परमानेंट के बराबर कर रहे है तो सरकार और संस्थान को भी हम लोगों जीवन के बारे में सोचना चाहिए। हम लोग केवल एम्स के समान वेतन, 60 साल तक सेवा की गारंटी मांग रहे है । खाली पेट सेवा संभव नहीं है जब मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान रहेंगे तो कैसे गुणवत्ता परक सेवा होगी। सेवा प्रदाता कंपनी के पुष्कर श्रीवास्तव ने भी कर्मचारियों से कहा कि हम आप के साथ लेकिन इस समय हालात ठीक नहीं है। हमें एम्स के समान वेतन देने में परेशानी नहीं है बस हमें भी सरकार उतना पैसा दे।
पिछले कोरोना काल में पूरी जान लगा कर हम लोगों ने सेवा किया लेकिन संस्थान प्रशासन ने कुछ नहीं किया। हमें कुछ हो जाए तो कोई जिम्मेदार नहीं होता है। केवल काम के लिए पूछा जाता है बीमार होने पर कोई पूछने वाला नहीं है। कर्मचारी सीपी तिवारी, साधना, विमल, रिजवान, अंजली, अभिषेक, स्वाती , अनिरुद्ध, तपशीर, निशांत, पंकज , कादिर सहित अन्य का कहना है कि संस्थान के निदेशक को सरकार ने वेतन बढ़ाने का अधिकार भी दे दिया लेकिन कुछ नहीं हुआ।
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