गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

पीजीआइः आरडीए ने कोरोना से निपटने के लिए दिया मंत्र - रेजीडेंट डाक्टर, नर्सेज की तुरंत की जाए भर्ती

 

पीजीआइः आरडीए ने कोरोना से निपटने के लिए दिया मंत्र  

 

 

रेजीडेंट डाक्टर, नर्सेज की तुरंत की जाए भर्ती

 

एमबीबीएस छात्रों को सैंपल कलेक्शन और जांच में लगाया जाए

 

 

 सरकारी संस्थान में खर्च वहन करने वाले लोगों न मिले फ्री इलाज

 

 

 

संजय गांधी पीजीआइ रेजीडेंट डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. आकाश माथुर और सचिव डा. अनिल गंगवार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए कई मंत्र दिया है। कहा कि तुरंत सरकारी चिकित्सालयों में भर्ती निकाल डॉक्टर्स, नर्सेज और अन्य पैरामेडिक स्टाफ  की संख्या और फिर पलंग बढ़ाए जाएँ प्रदेश के बड़े सरकारी चिकित्सालयों में पहले से ही स्वीकृत सीनियर रेसिडेंट्स के पद खाली हैं। किसी एक विभाग में भर्ती हेतु ज्यादा प्रतिभागी हैं तथा किसी अन्य विभाग में कम तो ऐसी स्थिति में सभी उपलब्ध पदों का एक साझा पूल बना सभी इच्छुक प्रतिभागियों को समायोजित कर लिया जाए |    आयुष चिकित्सालयों को  एल वन, टू अस्पताल के रूप में विकसित किया जाए।  एमबीबीएस छात्रों को उचित मानदेय तथा प्रशिक्षण दे उन्हें कोविद सैंपल कलेक्शन हेतु लगाया जा सकता है जिससे कलेक्शन सेंटर्स पर भीड़ काम होगी तथा आसानी से सैंपल दिए जा सकेंगे | प्राइवेट अस्पतालों में सरकार कोविड प्रबंधन हेतु सब्सिडी दे तथा पीपीई किट सरकार सस्ती दरों पर उपलब्ध कराए |  सरकारी संस्थानों में जो मरीज़ खर्च वहन कर सकते हैं (खास तौर पर वह जो प्राइवेट वार्ड में भर्ती हैं) उनका उपचार मुफ्त ना हो | बड़े संस्थानों द्वारा भी स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित रखने हेतु किये जा रहे प्रयास नाकाफी सिद्ध हुए हैंइस बाबत हमारा आग्रह है की रेजिडेंट डॉक्टर्स, नर्सेज. पैरा मेडिकल स्टाफ जैसे प्रथम पंक्ति में सीधा ग्राउंड पर रह कर कार्य करने वाले लोगों से सुझाव ले स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण की रोकथाम एवं उचित प्रबंधन हेतु सक्रिय प्रयास किये जाएं।बड़े होटलों में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा अपने संसाधन उपयोग में ला अस्थायी अस्पताल चलाये जाएं। स्वास्थ्य कर्मियों के क्वारंटाइन हेतु पूर्व की भांति सरकार द्वारा उचित व्यवस्था की जाएसंस्थानों द्वारा की जा रही व्यवस्था नाकाफी सिद्ध हो रही हैं।


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