पीजीआइः इलाज न मिलने से नाराज धरने पर कर्मचारी
हर के लिए सीएमएस और निदेशक तक संभव नहीं सिफारिश
इलाज की मांग की मांग को लेकर संजय गांधी पीजीआइ के कर्मचारी प्रशासनिक भवन के सामने सांकेतिक धरने पर बैठे गए। चार घंटे बाद निदेशक जब प्रशासनिक भवन पहुंचे तो धरने पर बैठे देख कर्मचारियों से वहीं पर बात किया । कहा कि कल आप लोग आए बैठ कर उचित हल इलाज का निकाला जाएगा। इस इलाज में लगे लगभग तीन सौ कर्मचारी और परिजन इस समय कोरोना संक्रमित है। अधिकतर लोग घर पर है लेकिन हालात बिगड़ने पर संस्थान में स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती के आते है तो वहां पर कोई सुनने वाला नहीं है जिससे रोष है। कर्मचारी महासंघ के महामंत्री धर्मेश कुमार , नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने बताया कि बीमारी कर्मचारी को भर्ती कराने के लिए कोविड अस्पताल के प्रभारी फोन तक नहीं उठाते है। शुक्रवार को एक कर्मचारी के पत्नी की हालत बिगड़ने पर जब भर्ती नहीं किया तो कई अधिकारियों को फोन किया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। सीएमएस प्रो. सोनिया नित्यामंद को फोन किया तो उन्होंने रिस्पांस देने के साथ भर्ती कराया । इस तरह एक-एक के लिए कहां तक हम लोग सीएमएस और निदेशक को कहेंगे बाकी अधिकारी और प्रभारी क्यों जिम्मेदारी नहीं ले रहे है। इस तरह की परेशानी रोज आ रही है। भर्ती होने के बाद भी दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही है।
आरसीएच टू किया जाए रिजर्व
महासंघ सहित अन्य कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि आरएसीएच टू के कर्मचारियों के संरक्षित जाए है। इसमें आउटसोर्स और परमानेंट को इलाज की सुविधा मिल सके।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें