शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

तांबा करेगा कोरोना वायरस और बैक्टीरिया का खात्मा

 

तांबा करेगा कोरोना वायरस और बैक्टीरिया का खात्मा

 

तांबे पर चार घंटे के अंदर हो जाता है  कोरोना बेदम

अस्पताल में भी कम होगा हॉस्पिटल एक्वायर्ड इंफेक्शन




तांबे के इस्तेमाल से बैक्टीरिया और वायरस से निपटना संभव होगा।

 तांबे के इस्तेमाल से अस्पताल में होने वाले हॉस्पिटल एक्वायर्ड इंफेक्शन से भी राहत मिलेगी। शोध विज्ञानियों ने भी साबित किया है कि तांबे की सतह पर बैक्टीरिया और कोरोना वायरस भी लंबे समय तक टिक नहीं पाता है। कॉपर बैक्टीरिया वायरस के सुरक्षात्मक परतों के साथ क्रियाशील होकर इसकी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को बाधित करता है। इससे वायरस और अन्य कीटाणुओं मर सकते हैं। अस्पतालों और अन्य स्थानों पर कॉपर के इस्तेमाल  कीटाणु फैलने की संभावना को रोका जा सकता है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के शोध विषय एइरीसोल एंड सर्फेस स्बेबिटिलिटी आफ कोरोना वायरस के अनुसार कॉपर सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ प्रभावी हो सकता है । अध्ययन से पता चला  कि चार घंटे के बाद वायरस  तांबे की सतह पर संक्रामक नहीं था । इसकी तुलना में कोरोना वायरस ७२ घंटे के बाद प्लास्टिक की सतहों पर  संक्रामक था ।इस शोध के एक और शोध बल देता है । हेल्थ एनवायरमेंट रिसर्च एंड डिजाइन जर्नल के शोध के अनुसार कॉपर  बैक्टीरिया  एमआरएसएई. कोलाई,इन्फ्लूएंजा ए,नोरोवायरस,को नष्ट करने में प्रभावी साबित हुआ है।  इसे कांटेक्ट किलिंग के रूप में जाना जाता है।

 

कैसे करता है तांबा

 

यह बैक्टीरियल सेल झिल्ली को बाधित करता है - तांबा आयन कोशिका की झिल्ली या "लिफाफे" को नुकसान पहुंचाता है और माइक्रोब के डीएनए या आरएनए को नष्ट कर सकता है। यह बैक्टीरियल कोशिकाओं पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस उत्पन्न करता है और हाइड्रोजन पेरोक्साइड बनाता है जो कोशिका को मार सकता है। यह प्रोटीन के साथ क्रिया करता है जो महत्वपूर्ण कार्यों को संचालित करते हैं जो बैक्टीरियल कोशिकाओं को जीवित रखते हैं

 

तांबे के इस्तेमाल कम हो गया बैक्टीरियल लोड

तांबे का इस्तेमाल  अस्पताल के कमरे में बैक्टीरिया या वायरस जमा होने वाले   सतहों बिस्तर कॉल बटनकुर्सी ट्रेटेबलडेटा इनपुटऔर आईवी पोल जैसे कई जगह तांबे का सतह बनाया जा सकता है। जिससे बैक्टीरिया वायरस उस पर मर जाएं। देखा गया है कि पारंपरिक सामग्रियों के साथ बने कमरों की तुलना मेंतांबे के घटकों वाले कमरों में सतहों पर बैक्टीरियल लोड में 83% की कमी आई थी। इसके  रोगियों की संक्रमण दरों में 58% की कमी की गई थी। अस्पताल के वातावरण में बैक्टीरिया होते है जो सतहों पर जमा रहते है जिससे सामान्य लोगों को भी संक्रमण की आशंका रहती है। इसे हॉस्पिटल एक्वार्ड इंफेक्शन कहते है।

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