रविवार, 6 जनवरी 2019

अब एआरबी संभालेगा किडनी की सेहत


अब एआरबी संभालेगा किडनी की सेहत


डायबटीज और उच्च रक्तचाप के कारण प्रभावित किडनी की खराबी दूर करना संभव
कुमार संजय। लखनऊ
डायबटीज और उच्च रक्त चाप के कारण चालिस फीसदी लोगों की किडनी कम काम करने लगती है। इस खराबी को समय से दूर कर दिया जाए तो किडनी को पूरी तरह खराब होने से बचाया जा सकता है। संजय गांधी पीजीआइ के किडनी रोग विशेषज्ञ प्रो.नारायन प्रसाद ने  बताया कि एआरबी( एंजियोटेंनसिन रिसेप्टर ब्लाकर) दवाएं रेनिन एंडियोटेंनसिन एल्डोस्ट्रान सिस्टम पर क्रियाशील होती है जिससे रक्त चाप कम होता है। इसके साथ ही किडनी का जीएफआऱ भी बढ़ जाता है। एक शोध का हवाला देते हुए बताया कि 55 ऐसे किडनी के मरीजों को एआरबी( टेलमीसारटन) दिया गया जिसमें से 96.3 फीसद हाइपरटेंसिव और 63.61 फीसद डायबटिक थे। इनको तीन महीने 40 मिलीग्राम दो बार देने दिया गया। देखा गया कि रक्त दाब कम हुआ साथ ही जीएफआर( ग्लूमर फिल्टरेशन रेट) बढ़ गया है। जीएफआर से किडनी कितना विषाक्त तत्व छान रही है इसका पता चलता है। सिरम क्रिटएनिन भी कम हुआ। प्रो.नरायन का कहना है कि पेशाब में प्रोटीन आते ही यदि सही इलाज दिया जाए तो किडनी को पूरी तरह खराब होने से बचाया जा सकता है। 

क्या करता है एआरबी
प्रो. नरायन ने बताया कि यह दवा किडनी से छन कर निकलने वाले खून वाली नली पर बदाव करती है जिससे किडनी पर प्रेशर कम हो जाता है। किडनी में खून का छानने के लिए ग्लूमर होते है। इस पर दबाव होने पर अधिक ग्लूमर अधिक फिल्टरेशन करने लगता है जिससे हाइपर फिल्टर इंजरी हो जाती है। इससे फिल्टरेशन कम हो जाता है। 

आठ फीसदी लोग डायबटिक

8.03फीसदी लोग डायबटीज के गिरफ्त में है। पुरूषों के मुकाबले महिलाएं अधिक डायबटीज के चपटे में है। देखा गया कि डायबटीज ग्रस्त लोगों में से 9.91 फीसदी महिलाएं और 6.79 फीसदी पुरूष चपेट में हैं। इसी तरह 10 से 15 फीसदी लोग उच्च रक्त चाप के चपेट में ऐेसे में किडनी की खराबी की आशंका अधिक लोगों में है। 
   


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