मंगलवार, 1 जनवरी 2019

पीजीआइ फैकल्टी फोरम प्रतिऩिध मंडल प्रमुख सचिव वित्त से मिला -भत्ते के लिए अवरोध


पीजीआइ फैकल्टी फोरम प्रतिऩिध मंडल प्रमुख सचिव वित्त से मिला 

वित्त विभाग ने कहा हमने नहीं रोका भत्ते चिकित्सा शिक्षा भेजे प्रस्ताव 


संजय गांधी पीजीआइ के संकाय सदस्यों को शासन के वित्त विभाग के अधिकारियों ने आश्वस्त किया है उनका नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। फैकल्टी फोरम के प्रतिऩिध मंडल में शामिल प्रो. नरायान प्रसाद, प्रो.एमएस अंसारी, प्रो.सुभाष यादव और प्रो. सुशील गुप्ता ने सोमवार को प्रमुख सचिव वित्त से मुलाकात कर एम्स के समान भत्ते पर पक्ष रखा तो मांग पर सहमति जताते हुए
 प्रमुख सचिव ने कहा कि हमारी तरफ से भत्ते पर कोई रोक नहीं है लेकिन भत्तों का नाम बदल दिया जाए।  चिकित्सा शिक्षा विभाग सही तरीके से प्रस्ताव भेजे हम उचित फैसला लेंगे। संस्थान के फैकल्टी फोरम के आम सभा की बैठक हुई थी जिसमें एम्स के समान भत्ते पर रोक लगाने के सरकार के प्रस्ताव पर एतराज जताते हुए आंदोलन की बात कही थी। आंदोलन पर फैसला लेने से पहले शासन के अधिकारियों के सामने अपनी बात रखने का फैसला लिया गया था। इसी क्रम में फोरम का प्रतिनिध मंडल मिला था। दूसरी तरफ संस्थान के कर्मचारी नेता चार जनवरी से कार्य बहिष्कार की तैयारी कर रहे है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि कार्यबहिष्कार से इलाज ठप्प हो जाएगा।


 कारपोरेट अस्पताल की और करेंगे रूख
एक तरफ एम्स बना रहा है दूसरी तरफ अच्छे तरीके से चल रहे विश्व के विशेष संस्थान को कमजोर करने की साजिश रची जा रहा है। नेताओं का कहना है कि एम्स के समान भत्ते न मिलने पर 50 से अधिक विशेषज्ञ कारपोरेट अस्पताल का रूख कर लेंगे ऐसे में संस्थान में उत्कृष्ट इलाज बंद हो जाएगा। संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट, हार्ट सर्जरी, गैस्ट्रो मेडिसिन और सर्जरी, क्लीनिकल इम्यूनोलाजी सहित कई ऐसी विशेषज्ञता उत्तर भारत के केवल दो अस्पतालों में है। प्रो.सुभाष यादव ने कहा कि पीजीआइ सुपर स्पेशिएल्टी संस्थान है अब प्रदेश में के सभी मेडिकल कालेजों को इसके बारबर मान लिया जाए तो यह गलत है। सरकार के पास बजट है तो दे लेकिन बराबरी करने के बाद हमारे एम्स से समानता खत्म करने से पलायन होगा।   

सरकार और शासन एम्स समान भत्ते के मामले पर पाजिटिव है। हम लगातार मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव सहित अन्य से बात कर रहे है लेकिन इसमें 10 से 15 दिन का समय लगेगा। कर्मचारी धैर्य रखें कोई ऐसा फैसला न लें जिससे मरीजों का नुकसान हो...निदेशक प्रो.राकेश कपूर


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