मंगलवार, 1 जनवरी 2019

थैलेसीमिया एनीमिया का दूसरे बडा कारण - पीजीआई ने 17 हजार से अधिक मरीजों किया खुलासा


थैलेसीमिया एनीमिया का दूसरे बडा कारण

पहली बार पीजीआई ने 17 हजार से अधिक मरीजों पर शोध के बाद किया खुलासा
प्राइमरी हेल्थ केयर में स्क्रीनिंग की सिफारिश

कुमार संजय। लखनऊ


थैलेसीमिया  आयरन की कमी के बाद  एनीमिया का दूसरा  सबसे बडा कारण साबित हो रहा है। इस तथ्य का खुलासा एनीमिया से ग्रस्त 17 हजार से अधिक मरीजों पर शोध के बाद संजय गांधी पीजीआइ के मेडिकल जेनटिक्स विभाग ने किया है। विभाग की प्रो.सरिता अग्रवाल और उनकी टीम ने 2009 से 2018 के बीच इस परेशानी से आए मरीजों कारण जानने के लिए लंबा शोध किया तो देखा कि एनीमिया के सबसे बडा कारण थैलेसीमिया और हीमोग्लोबीन वैरिंएट और आयरन की कमी है। देखा कि 15.2 फीसदी लोगों में एनीमिया का कारण थैलेसीमिया है। 59.8 फीसदी में कारण आयरन की कमी है। 1.2 फीसदी लोगों में विटामिन बी 12 की कमी और 0.2 फीसदी में जी6पीडी की कमी है। स्पेक्ट्रम एंड हिमैटोलाजिकल प्रोफाइल आफ हैरिडिटरी एनीमिया इन नार्थ इंडिया- एसजीपीजीआई एक्सपीरिएंस के इस शोध को इंटरैक्टेबिल एंड रेयर डिजीज रिसर्च मेडिकल जर्नल ने स्वीकार किया है।  शोध में कहा गया है कि थैलेसीमिया की दर को देखते हुए प्राइमरी हेल्थ सर्विस में हिमैटोलाजिकल स्क्रीनिंग प्रोग्राम लागू करने की जरूरत है। कहा गया है कि हीमोग्लोबीन वैरिएंट का पता करने के लिए कैटआयन एक्सचेंज हाई पर परफार्मेस लिक्विंड क्रोमोटोग्राफी तकनीक उपयुक्त जांच है जिससे थेलेसीमिया का पता लगा कर इलाज की दिशा  तय की जा सकती है।
क्या है थेलेसीमिया
हीमोग्लोबीन दो तरह के प्रोटीन से बनता है अल्फा ग्लोबिन और बीटा ग्लोबिन। थैलीसीमिया इन प्रोटीन में ग्लोबिन निर्माण की प्रक्रिया में खराबी होने से होता है। इससे लाल रक्त कणिकाओं की औसत आयु 120 दिन से घटकर लगभग 10 से 25 दिन ही रह जाती है। इससे प्रभावित व्यक्ति एनीमिया से ग्रस्त हो जाता है। इसमें रोगी के शरीर में खून की कमी होने लगती है।  बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
   थैलेसीमिया से बचने के लिए करें यह


- शादी करने से पूर्व लड़का एवं लड़की के रक्त का परीक्षण अवश्य करवा लेना चाहिए। 

- नजदीकी रिश्ते में शादी-विवाह करने से परहेज रखना चाहिए। 

- गर्भधारण के चार महीने के अंदर भ्रूण का परीक्षण कराना चाहिए। 


बीमारी
पूरूष
महिला
कुल
सामान्य
2,273 (31%)
1,643 (16.9%)
3,916 (22.9%)
मीगैलोब्लास्टिक एनीमिया
94 (1.3%)
117 (1.2%)
211 (1.2%)
आयर की कमी वाली एनीमिया
3,555 (48.5%)
6,646 (68.4%)
10,201 (59.8%)
जी6पीडी की कमी
37 (0.5%)
0
37 (0.2%)
थैलेसीमिया और हीमोग्लोबीन वैरिएंट
1,334 (18.2%)
1,273 (13.1%)
2,607 (15.2%)
कुल
7,330 (43%)
9,717 (57%)
17,047



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें