कब्ज को भगाना है तो
कमोड को कहें बॉय-बॉय
आपको कब्ज है तो अपने शौचालय में कमोड (विदेशी टायलेट सीट)
की बजाए देशी इंडियन स्टाइल टायलेट सीट लगवाएं। क्योंकि जब आप इंडियन टायलेट सीट
पर बैठते हैं तो पैर मोड़ते हैं और जांघ से पेट पर जोर पड़ता है। पेट की मसल को
ज्यादा ताकत नहीं लगानी होती और आराम से स्पिंक्टर वॉल्व खुल जाता है। व्यक्ति आराम
से शौच कर लेता है। गैस बनने की दिक्कत है और खट्टी डकार आती है तो टुकड़े में
भोजन करें।
खाने से आधा घंटे
पहले या तो पानी पी लें या फिर खाना खाने के करीब डेढ़ से पौने दो घंटे बाद। यह
दिक्कत नहीं होगी। खाना टुकड़े में खाएं तो एसिडिटी नहीं होगी। यह सलाह एसजीपीजीआइ
के गैस्ट्रो इंट्रोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. यूसी घोषाल ने बुधवार को दैनिक
जागरण द्वारा आयोजित प्रश्न पहर कार्यक्रम में दी। उन्होंने लोगों की पेट व गैस की
बीमारी से संबंधित सवालों के जवाब दिए।
प्रश्न : मुझे गैस की दिक्कत है और पखाना करने के लिए
प्रेशर नहीं बनता क्या करूं
प्रश्न : मुझे गैस के साथ डकार आती है, एसिडिटी रहती है और पेट भारी लगता है। क्या करूं
उत्तर : आपको
डिस्पेप्सिया हो गया है यह करीब बीमारी पेट के रोगियों में से 20 प्रतिशत लोगों में होती है। आप टुकड़े में भोजन करें। खाना
खाने के आधा घंटा पहले पानी पिए या फिर खाना खाने के डेढ़-पौने दो घंटे बाद।
उत्तर : देखिए आप
जो खाना खाते हैं उसमें से जो नहीं पचता उसे आंत नीचे लाती है। जब आप सुबह-शाम
दौड़ भाग या वॉक कम करते हैं तो आंत ढंग से नहीं चलती। ऐसे में सुबह या शाम तेज
वॉक जरूर करें। पानी खूब पिए, ताकि लैटरीन पतली
हो जाए। रात में दूध पीकर सोए तो भी लैटरीन साफ होगी। फिर भी आराम न हो तो ईसबगोल
की भूसी पानी में डालकर प्रयोग करें और बेल का सेवन करें।
प्रश्न : मुझे गैस खूब बनती है और पखाना ढंग से नहीं होता
क्या करूं
उत्तर : देखिए
जिसे गैस की दिक्कत है वह सर्दी के मौसम में बंद गोभी, फूल गोभी व मूली आदि जो हाई फोडमैप डाइट हैं उसे न खाएं।
बल्कि लो फोडमैप डाइट लें। रोटी खाने में कम कर दें और चावल थोड़ा बढ़ा लें।
प्रश्न : सर मुझे डकार आती है, बहुत दिक्कत होती है क्या करूं
उत्तर : पेट में
तरल पदार्थ या फिर भोजन की जगह होती है, हवा के लिए नहीं।
आप किसी न किसी तरह हवा भी पी रहे हैं। ऐसा तब होता है जब मनुष्य टेंशन में होता
है और मुंह बंद करके बार-बार सांस लेता है। खाना खाने में जल्दबाजी करता है और
पानी पीते समय गिलास में ढंग से मुंह नहीं लगाता। ऐसे में हवा भी पेट के भीतर चली
जाती है। इसके लिए डायफ्रेमेटिक एक्सरसाइज यानी कपालभाति करें।
प्रश्न : मेरे पेट में हल्का दर्द होता है और पेशाब भी ढंग
से नहीं होती।
उत्तर : देखिए
आपको इरिटेबल बॉबल सिन्ड्रोम हो गया है। ठंड में ज्यादा दिक्कत बढ़ती है। आप लो
फोडमैप डाइट लें। रोटी खाने में कम कर दें और थोड़ा चावल बढ़ा लें।
प्रश्न : मेरे गैस बनती है और सीने में जलन होती रहती है, क्या करूं
उत्तर : आपको
गैस्ट्रो ईसोफिजियल रिफ्लैक्स बीमारी हो गई है। पेट में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल होता
है। पेट के अंदर झिल्ली एल्किलिन होती है जो इसे बाहर आने से रोकती है। यह इसे
खाने की नली ईसोफेगस में नहीं जाने देती। मगर जब इस नली व पेट के बीच का वाल्ब
कमजोर हो जाता है तो एसिड इसमें पहुंचता है जो पेट के ऊपर चढ़ जाता है। ऐसे में
भरपेट खाना न खाएं, क्योंकि इससे एसिड ज्यादा बनता है। खाने में नीबू व
अचार का सेवन भी बंद कर दें।
प्रश्न : मुझे गैस की दिक्कत रहती है और खाना खाते ही यह
छाती पर चढ़ जाती है। क्या करूं
उत्तर : आप खाना
टुकड़े में खाना शुरू कर दें। जब आप किसी बैग में ज्यादा सामान भरेंगे तो दिक्कत
होगी, वैसे ही पेट में होती है। टुकड़े में भोजन करने से
गैस कम बनती है। आप स्टूल की जांच करवाएं कहीं पेट में कीड़ा तो नहीं।
प्रश्न : मेरा पेट साफ नहीं होता और पखाना करते समय दर्द
होता है।
उत्तर : आपको
एलनफिशर हो गया है। इसमें मल मार्ग में जख्म हो जाता है। आप गरम पानी से इसकी
सिंकाई करें। टब में हल्का गर्म पानी लेकर उसमें बैठ जाएं। पखाना करके आएं तो
दोबारा उसमें बैठें। इससे जख्म भरेगा। पानी खूब पिए और मिर्च व मसालेदार चीजों का
सेवन कम करें।
प्रश्न : मेरे पित्त की थैली में पथरी है और मैं गर्भवती भी
हूं? दर्द बहुत है क्या करूं
उत्तर : पित्त की
थैली में पथरी रहना ठीक नहीं। आप इसका तुरंत आपरेशन करवाएं। इसके लिए अच्छी स्त्री
रोग विशेषज्ञ व सर्जन से मिलें।
प्रश्न : मुझे खाने के तुरंत बाद पखाना लगता है, क्या करूं
उत्तर :अपने
स्टूल की रुटीन जांच करवा लें। आपके पेट में जियाडिया कीड़ा हो सकता है। पेट में
इसके होने से इस तरह की दिक्कत होती है।
प्रश्न : मेरे छाती में अचानक गैस चढ़ती है और पसीना आने के
साथ दर्द होने लगता है। क्या करूं
उत्तर : हो सकता
है यह पेट की समस्या न हो। क्योंकि आपका ब्लड प्रेशर बढ़ता है। यह हृदय की समस्या
हो सकती है। हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलें।
खाना खाने के आधा घंटा पहले या दो घंटे बाद पिए पानी
क्योंकि पेट का
बैग ज्यादा खाने से भर जाता है। फिर जब आप पानी व खाना साथ-साथ खाते-पीते हैं तो
दिक्कत होती है। पानी पीने के बाद वह पेशाब के माध्यम से पंद्रह से 30 मिनट में निकलता है और खाना डेढ़ से पौने दो घंटे में पचता
है। ऐसे में एक साथ दोनों का सेवन करने से अच्छा है कि आप अंतराल बनाएं।
टुकड़े में करें भोजन नहीं बनेगी गैस
हमेशा दिन भर में
एक साथ भोजन न करें बल्कि टुकड़े में भोजन करें तो अच्छा होगा। इससे गैस नहीं
बनती। खाना भी आराम से पच जाता है।
गैस बने तो रोटी कम कर दें और चावल बढ़ा लें
गैस बनने की
दिक्कत है तो आप अपने भोजन में रोटी को कम कर दें और चावल की मात्रा बढ़ा लें।
क्योंकि चावल लो फोडमैप डाइट की श्रेणी में आता है। इससे गैस नहीं बनती।
पेट व गैस के रोगी इन बातों का रखें ख्याल
·
संतुलित भोजन करें, इसमें 60 प्रतिशत 50 से 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट 30 प्रतिशत तक
प्रोटीन व 15 से 20 प्रतिशत तक फैट
होना चाहिए।
·
शाकाहारी भोजन करें, मांसाहारी का
सेवन कम करें।
·
रोज व्यायाम जरूर करें
·
मोटापे पर नियंत्रण रखें
·
धूमपान न करें। पान मसाला, तंबाकू व अल्कोहल का सेवन पेट के लिए अच्छा नहीं होता।
यह हैं लो फोडमैप भोज्य पदार्थ
चावल, गाजर, संतरा, अंगूर, खीरा, भुट्टा, टमाटर, ब्लैक टी, बैगन, नींबू, ग्रीन बीन्स आदि।
यह है हाईफोडमैप भोज्य पदार्थ
गेंहू, प्याज, लहसुन, भिंडी, मशरूम, पत्ता गोभी, फूल गोभी, मटर, सेब, तरबूज, दूध व उससे बने पदार्थ, राई, बेक्ड बीन, केन में पैक्ड
फ्रूट आदि
यह वेबसाइट पेट रोगियों के लिए मददगार
प्रोफेसर डॉ.
यूसी घोषाल ने बताया कि उन्होंने www.spreadhealth.in पर पेट के रोगियों
को क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए। क्या खाना चाहिए और कैसी जीवन
शैली अपनानी चाहिए। इसके बारे में पूरी जानकारी वीडियो सहित दे रखी है। कोई भी इस
वेबसाइट से मदद ले सकता है।