स्वास्थ्य आउटसोर्स कर्मचारी का वेतन बढ़ाने के लिए सरकार को लिखा पत्र
2 महीने से लंबित है शासन में कमेटी की रिपोर्ट
संयुक्त आउटसोर्स कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिदानंद मिश्र ने कहा कि पूर्व में माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय निर्धारण के लिए कमेटी गठित हुई थी और कमेटी ने अपना प्रस्ताव दो माह पूर्व ही शासन को भेज दिया था ।
प्रदेश के उच्च चिकित्सा संस्थान केजीएमयू , डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, एस जी पी जी आई तथा कैंसर संस्थान में कुल लगभग 12000 तथा प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों को मिलाकर कुल 20 हजार से अधिक कर्मचारी सभी संवर्ग के कार्यरत है। जिनका पिछले 8 वर्ष से वेतन नहीं बढ़ा है । इससे कर्मचारियों में हीन भावना उत्पन्न हो रही है और वेतन बढ़ोत्तरी का आदेश शासन द्वारा जारी न होने से कर्मचारियों में आक्रोश विद्यमान है । सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थान के कर्मचारियों की निगाहे आने वाली लोकसभा चुनाव पर है सब उम्मीद लगाए है कि चुनाव से पहले सरकार वेतन बढ़ाएगी । ऐसे में अगर वेतन बढ़ोत्तरी नही हुई तो आक्रोशित कर्मचारी एवं उनका परिवार विरोध कर सकते है क्योंकि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में अन्य विभागों से भी कम वेतन दिया जा रहा है जबकि यह कर्मचारी पूरे प्रदेश को चिकित्सा जैसी महत्वपूर्ण सेवा उपलब्ध करा रहे है ।
आज पुनः संविदा कर्मचारी संघ की ओर से मा मुख्यमंत्री जी को पत्र भेजा गया है और मांग की गई है कि वेतन बढ़ोत्तरी का आदेश जारी हो।
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