शनिवार, 23 सितंबर 2023

दर्द को न बनने दे बीमारी इलाज है संभव





 पीजीआई पेन मैनेजमेंट जागरूकता पर कार्यक्रम

दर्द को न बनने दे बीमारी इलाज संभव

  शांति का जाम हो गया था कंधा का उठने लगा हाथ  

दिल की परेशानी के कारण सबने इलाज कर दिया था मना

आरएफए तकनीक से मिली दवाओं से मुक्ति


 नोएडा की रहने वाली 62 वर्षीय शामित देवी के कंधे जाम हो गए थे। हाथ उठाने में ही दर्द से बेहाल हो जा रही थी। इस परेशानी के साथ उन्हें दिल की परेशानी थी जिसके कारण कई डॉक्टरों ने दवा के किसी भी दूसरे इलाज से हाथ खड़ा कर दिया। वह संजय गांधी पीजीआई के पेन मैनेजमेंट की ओपीडी में सलाह के लिए आयी तो जांच बाद पाया कि नर्व से दर्द का एहसास हो रहा है जिसके कारण वह हाथ नहीं उठा पा रही है। इस परेशानी का इलाज विशेषज्ञों ने रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन(आरएफए) तकनीक से किया। दर्द खत्म हो गया।  पेन मैनेजमेंट पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में शांति देवी के केस को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया। एनेस्थीसिया विभाग के पैन मैनेजमेंट विशेषज्ञ प्रो. सुजीत गौतम के मुताबिक शांति देवी फ्रोजेन शोल्डर की परेशानी से ग्रस्त थी जिसके कारण कंधा जाम हो गया था। हाथ उठाने में दर्द होता था । हम लोगों ने आरएफए तकनीक से दर्द को दिमाग पहुंचाने वाली नर्व सुप्रा स्कैलपर नर्व के कनेक्शन को खत्म कर दिया जिसके कारण दर्द का एहसास कम हो गया। इसके बाद उन्हें कुछ एक्सरसाइज बताया जिसके बाद से कंधे का मूवमेंट शुरू हो गया। इसी तरह से ट्राइजमल न्यूरोलॉजिया, ओस्टियो अर्थराइटिस में भी आरएफए तकनीक से राहत दी जा रही है। प्रो. संजय खूबा ने बताया कि कमर दर्द जिसमें फेसिट ज्वाइंट में परेशानी होती है उनमें आर्थोपैथी के माध्यम से राहत मिल सकता है। दर्द को बीमारी बनने से रोकने के लिए इलाज जरूरी है। दर्द कई परेशानी का कारण बनता है।  

  


किडनी और लिवर को बचा सकता है नर्व ब्लॉक और आरएफए

  

विभाग के प्रमुख प्रो. एसपी अंबेश ने बताया कि हर 5 वां व्यक्ति दर्द से परेशान है। इनमें 30 फीसदी की इलाज नहीं मिल पा रहा है। इलाज न मिलने के पीछे डाक्टर, नर्स और मरीज में जानकारी का अभाव है। दर्द की दवा लंबे समय तक लेने से किडनी और लिवर प्रभावित होती है। आरएफए और नर्व ब्लॉक तकनीक से लंबे समय तक बिना दवा के दर्द से राहत मिल सकती है।

 


दर्द बनता है कई परेशानी का कारण


प्रो. संजय कुमार और प्रो. चेतना शमशेरी ने बताया कि दर्द सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक परेशानी का कारण बनता है। अलग –अलग लोगों में दर्द सहने की क्षमता अलग होती है देखा गया है कि अधिक उम्र, अकेलापन से ग्रस्त लोगों में दर्द का एहसास अधिक होता है। दर्द के कारण मानसिक रोग के शिकार हो जाते है। हम लोगों के मेडिकल ट्रीटमेंट के साथ अल्टरनेटिव थेरेपी को भी शामिल किया है।  



किसी भी दिन ले सकते है सलाह

संस्थान के न्यू ओपीडी भवन में प्रथम तल पर डी ब्लाक में रोज ओपीडी होती है जिसमें पेन मैनेजमेंट विशेषज्ञ सलाह देते है। जरूरत के आधार पर मैनेजमेंट के लिए दिशा तय करते हैं।

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