न चीरा न टांका बंद हो गया दिमाग को खून पहुंचाने वाली नस का सूजन
इंटरवेंशन रेडियोलाजिकल तकनीक से नस में पहुंच कर रक्त प्रवाह किया बंद
पहले दायीं और बायीं तरफ के कैरोटिड आर्टरी में बना एन्यूरिज्म
अयोध्या की रहने वाली कौशल्या देवी को सिर दर्द के साथ पलके बंद होने की परेशानी हो रही थी। पलक न रूक ही नहीं रही थी। इलाज के लिए वह कई जगह गयी तो बताया गया कि सर्जरी के जरिए इलाज होगा । कौशल्या देवी की उम्र 65 से अधिक थी जिसके कारण वह सर्जरी से डर रही थी । इसी बीच वह किसी डाक्टर के सलाह पर संजय गांधी पीजीआई के इंटरवेंशन रेडियोलाजिस्ट प्रो. विवेक सिंह से संपर्क किया। परीक्षण के बता पता लगा कि दिमाग को खून सप्लाई करने वाली मुख्य रक्त वाहिका में कैरोटिड आर्टरी में एक जगह नस कमजोर हो कर फूल गई है जिसे डॉक्टरी भाषा में एन्यूरिज्म कहते है कि इसके कारण पलक को खोलने बंद करने वाली नर्व पर दबाव पड़ रहा है। इसके कारण पलक नहीं खुल रही है। सिर दर्द का कारण भी यही एन्यूरिज्म है। प्रो. विवेक सिंह के मुताबिक गले के पास दोनों तरफ मोटी नस होती है जिसे कैरोटिड आर्टरी कहते है। इनके दायीं तरफ के कैरोटिड आर्टरी में एन्यूरिज्म था जिसके कारण उसी तरफ की पलक बंद थी। गनीमत थी कि जो सूजन( गुब्बारा) हुई थी उसमें रक्त स्राव नहीं हो रहा था । हमने नस के जरिए गुब्बारे के पास पहुंच कर उसके नीचे फ्लो डायवर्टर लगा दिया जिससे गुब्बारे में रक्त जाना बंद हो गया। रक्त प्रवाह दिमाग में सामान्य हो गया । परेशानी दूर हो गयी लेकिन दो साल फिर बायीं तरफ के कैरोटिड आर्टरी में यही परेशानी हो गयी । इस एन्यूरिज्म का भी इलाज इसी तकनीक से बिना किसी सर्जरी के हो गया। कौशल्या पूरी तरह ठीक है।
मुख्यमंत्री कोष से मिला सहायता तभी संभव हुआ विशेष इलाज
फालोअप पर आयी कौशल्या ने बताया कि बिना सर्जरी इलाज का खर्च काफी अधिक था। आर्थिक भार वहन करना मेरे परिवार के लिए संभव नहीं था। मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता के लिए प्रार्थना पत्र दिया 15 दिन में पैसा आ गया और मेरा इलाज संभव हो गया। प्रो. विवेक सिंह कहते है कि इंडोवैस्कुलर प्रोसीजर में क्वाइल और फ्लो डायवर्टर काफी महंगा होता है। कई बार सामान्य लोग इलाज कराने में असमर्थ होते थे। आयुष्मान, मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता के कारण गरीब मरीजों का भी विशेष इलाज संभव हो पा रहा है।
किसी भी दिन में ले सकते सलाह
प्रो. विवेक सिंह ने बताया कि एन्यूरिज्म, दिमाग में नस के गुच्छे, चोट के कारण दिमाग की नसों के आपस में जुड़ने. बच्चों में वेना गैलेन की बनावट में खराबी का इलाज बिना सर्जरी के इंटरवेंशन रेडियोलाजिकल तकनीक से संभव है। किसी भी रेडियोलॉजी विभाग में सलाह लिया जा सकता है।
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