शुक्रवार, 29 सितंबर 2023

वेलसन मेडीसिटी ने वर्ल्ड हार्ट डे के अवसर पर वाकेथोन का आयोजन





 वेलसन मेडीसिटी ने वर्ल्ड हार्ट डे के अवसर पर वाकेथोन का आयोजन 


वेलसन मेडीसिटी हॉस्पिटल में  29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे के अवसर पर एक जागरूकता वाकेथोन का आयोजन किया गया।


इस वाकेथोन का उद्देश्य था कि आम जनता को जागरूक किया जाए कि वो अपने हार्ट को स्वस्थ कैसे रखें, जन साधारण को बताना है कि वो स्वस्थ हार्ट के लिए अपनी जीवन शैली को नियमित करें और व्यायाम, भोजन एवं दिनचर्या पर विशेष ध्यान दें। क्योंकि स्वस्थ तन ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है। 

वेलसन मेडिसिटी के कैम्पस से वाकेथोन को वृंदावन क्षेत्र, खरिका वार्ड 2 की सभासद रजनी अवस्थी एवं वेलसन हॉस्पिटल के चेयरमैन डाक्टर शैलेश त्रिपाठी जी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।


इस वाकेथोन में वृन्दावन क्षेत्र एवं लखनऊ शहर के अनेकों अनेक गणमान्य व्यक्तियों एवं संस्थान के चिकित्सकों एवं कर्मचारियों ने बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया।  संजीव कुमार अवस्थी जी ने भी इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


आज इस अवसर पर वेलसन हॉस्पिटल के कार्डियक साइंसेज विभाग के चेयरमैन डाक्टर मोहम्मद मुबीन, कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक डॉक्टर सतेंद्र तिवारी जी, सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर मोहम्मद तारिक अली, कंसल्टेंट डॉक्टर गौरव पांडे ने भाग लिया और इन सभी कार्डियक साइंसेज के चिकित्सकों ने जनता को बताया कि कैसे आप अपने ह्रदय को स्वस्थ रखें और कैसे अपनी दिनचर्या को ठीक करें।



मंगलवार, 26 सितंबर 2023

लोहिया मेडिकल कॉलेज पीजीआई के आउटसोर्स कर्मचारी का वेतन बढ़ाने के लिए शासन को लिखा पत्र





स्वास्थ्य आउटसोर्स कर्मचारी का वेतन बढ़ाने के लिए सरकार को लिखा पत्र

2 महीने से लंबित है शासन में कमेटी की रिपोर्ट


संयुक्त आउटसोर्स कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिदानंद मिश्र ने कहा कि पूर्व में माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय निर्धारण के लिए कमेटी गठित हुई थी और कमेटी ने अपना प्रस्ताव दो माह पूर्व ही शासन को भेज दिया था । 

 प्रदेश के उच्च चिकित्सा संस्थान केजीएमयू , डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, एस जी पी जी आई तथा कैंसर संस्थान में कुल लगभग 12000 तथा प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों को मिलाकर कुल 20 हजार से अधिक कर्मचारी सभी संवर्ग के कार्यरत है। जिनका पिछले 8 वर्ष से वेतन नहीं बढ़ा है । इससे कर्मचारियों में हीन भावना उत्पन्न हो रही है और वेतन बढ़ोत्तरी का आदेश शासन द्वारा जारी न होने से कर्मचारियों में आक्रोश विद्यमान है । सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थान के कर्मचारियों की निगाहे आने वाली लोकसभा चुनाव पर है सब उम्मीद लगाए है कि चुनाव से पहले सरकार वेतन बढ़ाएगी । ऐसे में अगर वेतन बढ़ोत्तरी नही हुई तो आक्रोशित कर्मचारी एवं उनका परिवार विरोध कर सकते है क्योंकि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं  चिकित्सा शिक्षा विभाग में अन्य विभागों से भी कम वेतन दिया जा रहा है जबकि  यह कर्मचारी पूरे प्रदेश को चिकित्सा जैसी महत्वपूर्ण सेवा उपलब्ध करा रहे है ।

आज पुनः संविदा कर्मचारी संघ की ओर से मा मुख्यमंत्री जी को पत्र भेजा गया है और मांग की गई है कि वेतन बढ़ोत्तरी का आदेश जारी हो।



शनिवार, 23 सितंबर 2023

दर्द को न बनने दे बीमारी इलाज है संभव





 पीजीआई पेन मैनेजमेंट जागरूकता पर कार्यक्रम

दर्द को न बनने दे बीमारी इलाज संभव

  शांति का जाम हो गया था कंधा का उठने लगा हाथ  

दिल की परेशानी के कारण सबने इलाज कर दिया था मना

आरएफए तकनीक से मिली दवाओं से मुक्ति


 नोएडा की रहने वाली 62 वर्षीय शामित देवी के कंधे जाम हो गए थे। हाथ उठाने में ही दर्द से बेहाल हो जा रही थी। इस परेशानी के साथ उन्हें दिल की परेशानी थी जिसके कारण कई डॉक्टरों ने दवा के किसी भी दूसरे इलाज से हाथ खड़ा कर दिया। वह संजय गांधी पीजीआई के पेन मैनेजमेंट की ओपीडी में सलाह के लिए आयी तो जांच बाद पाया कि नर्व से दर्द का एहसास हो रहा है जिसके कारण वह हाथ नहीं उठा पा रही है। इस परेशानी का इलाज विशेषज्ञों ने रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन(आरएफए) तकनीक से किया। दर्द खत्म हो गया।  पेन मैनेजमेंट पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में शांति देवी के केस को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया। एनेस्थीसिया विभाग के पैन मैनेजमेंट विशेषज्ञ प्रो. सुजीत गौतम के मुताबिक शांति देवी फ्रोजेन शोल्डर की परेशानी से ग्रस्त थी जिसके कारण कंधा जाम हो गया था। हाथ उठाने में दर्द होता था । हम लोगों ने आरएफए तकनीक से दर्द को दिमाग पहुंचाने वाली नर्व सुप्रा स्कैलपर नर्व के कनेक्शन को खत्म कर दिया जिसके कारण दर्द का एहसास कम हो गया। इसके बाद उन्हें कुछ एक्सरसाइज बताया जिसके बाद से कंधे का मूवमेंट शुरू हो गया। इसी तरह से ट्राइजमल न्यूरोलॉजिया, ओस्टियो अर्थराइटिस में भी आरएफए तकनीक से राहत दी जा रही है। प्रो. संजय खूबा ने बताया कि कमर दर्द जिसमें फेसिट ज्वाइंट में परेशानी होती है उनमें आर्थोपैथी के माध्यम से राहत मिल सकता है। दर्द को बीमारी बनने से रोकने के लिए इलाज जरूरी है। दर्द कई परेशानी का कारण बनता है।  

  


किडनी और लिवर को बचा सकता है नर्व ब्लॉक और आरएफए

  

विभाग के प्रमुख प्रो. एसपी अंबेश ने बताया कि हर 5 वां व्यक्ति दर्द से परेशान है। इनमें 30 फीसदी की इलाज नहीं मिल पा रहा है। इलाज न मिलने के पीछे डाक्टर, नर्स और मरीज में जानकारी का अभाव है। दर्द की दवा लंबे समय तक लेने से किडनी और लिवर प्रभावित होती है। आरएफए और नर्व ब्लॉक तकनीक से लंबे समय तक बिना दवा के दर्द से राहत मिल सकती है।

 


दर्द बनता है कई परेशानी का कारण


प्रो. संजय कुमार और प्रो. चेतना शमशेरी ने बताया कि दर्द सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक परेशानी का कारण बनता है। अलग –अलग लोगों में दर्द सहने की क्षमता अलग होती है देखा गया है कि अधिक उम्र, अकेलापन से ग्रस्त लोगों में दर्द का एहसास अधिक होता है। दर्द के कारण मानसिक रोग के शिकार हो जाते है। हम लोगों के मेडिकल ट्रीटमेंट के साथ अल्टरनेटिव थेरेपी को भी शामिल किया है।  



किसी भी दिन ले सकते है सलाह

संस्थान के न्यू ओपीडी भवन में प्रथम तल पर डी ब्लाक में रोज ओपीडी होती है जिसमें पेन मैनेजमेंट विशेषज्ञ सलाह देते है। जरूरत के आधार पर मैनेजमेंट के लिए दिशा तय करते हैं।

मंगलवार, 19 सितंबर 2023

एडवांस एंडोस्कोपी के जरिए पेट के शुरूआती दौर कैंसर का बिना सर्जरी होगा इलाज

 


पीजीआई एडवांस एंडोस्कोपी बनेगा विश्वस्तरीय 


एडवांस एंडोस्कोपी के जरिए पेट के शुरूआती दौर कैंसर का बिना सर्जरी होगा इलाज


पैंक्रिएटिक फ्लू़ड कलेक्शन में सर्जरी की जरूरत होगी कम   


गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में बढ़ेगे बेड


प्रो प्रवीर राय बने गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के हेड



शुरुआती दौर के खाने की नली , पेट के कैंसर का इलाज बिना सर्जरी संभव करने के लिए एडवांस एंडोस्कोपी को विश्वस्तरीय बनाने का लक्ष्य गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के नए प्रमुख प्रो. प्रवीर राय तय किया है। कार्यभार ग्रहण करने के बाद बताया कि तमाम परेशानियों का इलाज बिना सर्जरी संभव है । इसके लिए एंडोस्कोपी को एडवांस करने की जरूरत है। इस दिशा में काम करने के लिए संस्थान निदेशक प्रो.आरके धीमन ने सहमति देते हुए आवश्यक उपकरणों को उपलब्ध कराने को कहा है। शुरूआती दौर के कैंसर के आलावा पैक्रिएटाइटस की गंभीर स्थिति में पैक्रियाज के पास पानी भर जाता है जिसके कारण वह पेट के अंगों पर दबाव डालता है। पेट के जिस भाग में दबाव पड़ता है वह अंग सही तरीके से काम नहीं करता है। एडवांस एंडोस्कोपी तकनीक से इस द्रव के निकालना संभव होगा। द्रव को निकालने के लिए सर्जरी करनी पड़ती है। प्रो. प्रवीर राय ने बताया कि एक्यूट एवं क्रॉनिक पेनक्रिएटाइटिस( पैंक्रियाज में सूजन) के गंभीर मामलों में से 40 फीसदी से अधिक केस में पैंक्रिएटिक फ्लूड कलेक्शन की परेशानी होती है। इसकी वजह से बुखार, उल्टी सहित कई परेशानी होती है। कोशिश कर रहे है कि डे केयर के रूप में इस्तेमाल होने 15 बेड को 24 घंटे एक्टिवेट कर सामान्य बेड की तरह इस्तेमाल करें। इससे बेड संख्या बढ़ कर 75 हो जाएगी। इन बेड के बढ़ने से 15 और मरीजों को भर्ती करना संभव होगा। आगे और बेड बढाने की संभावना पर काम करेंगे । संसाधन बढ़ने के साथ यह संभव होगा। प्रो. प्रवीर राय ने प्रो. यूसी घोषाल की जगह कार्यभार ग्रहण किया है। प्रो. घोषाल ने संस्थान से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लिया है।

सोमवार, 18 सितंबर 2023

Aneurysm in carotid artery on both sides, without surgery intervention, problem was solved by installing flow diverter with radiology technique.

 




Neither incision nor stitch stopped the swelling of the vein that supplies blood to the brain.


Intervention radiological technique reached the vein and stopped blood flow.


Aneurysm formed in the carotid artery of the right and left side first.


 Kumar Sanjay. Lucknow


Kausilya Devi, a resident of Ayodhya, was suffering from closed eyelids along with headache. The blinking was not stopping. When she went to many places for treatment, she was told that the treatment would be done through surgery. Kausilya Devi was over 65 due to which she was afraid of surgery. Meanwhile, on the advice of a doctor, he consulted Sanjay Gandhi PGI Intervention Radiologist Prof.  Vivek Singh. The tests revealed that a vein in the carotid artery, the main blood vessel that supplies blood to the brain, has become weak and swollen, which is called an aneurysm in medical language. Due to this, there is pressure on the nerve that controls the opening and closing of the eyelid. . Due to this the eyelid is not opening. This aneurysm is also the cause of headache. Pro. According to Vivek Singh, there is a thick vein on both sides of the neck which is called carotid artery. There was an aneurysm in the carotid artery on his right side due to which the eyelid on the same side was closed. It was fortunate that the swelling (balloon) that had occurred was not bleeding. We reached the balloon through the vein and placed a flow diverter below it, which stopped blood from flowing into the balloon. Blood flow to the brain became normal. The problem went away but after two years the same problem occurred in the carotid artery on the left side. This aneurysm was also treated with the same technique without any surgery. Kaushalya is completely fine.


Special treatment became possible only after assistance from Chief Minister's Fund.


Kaushalya, who came for follow up, told that the cost of treatment without surgery was very high. It was not possible for my family to bear the financial burden. I submitted an application for assistance from the Chief Minister's Relief Fund, the money arrived within 15 days and my treatment became possible. Pro. Vivek Singh says that coil and flow diverter are very expensive in endovascular procedure. Many times ordinary people were unable to get treatment. Special treatment for poor patients also due to assistance from Ayushman and Chief Minister's Relief Fund.





You can take advice any day


Pro. Vivek Singh told that due to aneurysm, bundle of nerves in the brain, joining of nerves of the brain due to injury. Treatment of defects in the structure of the vena galen in children is possible without surgery through interventional radiological techniques. Consultation can be taken in any radiology department.


दोनो तरफ कैरोटेड आर्टरी में एन्यूरिज्म बिना सर्जरी इंटरवेंशन रेडियोलाजी तकनीक से फ्लों डायवर्टर लगा दूर किया परेशानी

 

न चीरा न टांका बंद हो गया दिमाग को खून पहुंचाने वाली नस का सूजन

इंटरवेंशन रेडियोलाजिकल तकनीक से नस में पहुंच कर रक्त प्रवाह किया बंद

पहले दायीं और बायीं तरफ के कैरोटिड आर्टरी में बना एन्यूरिज्म   

 

अयोध्या की रहने वाली कौशल्या देवी को सिर  दर्द के साथ पलके बंद होने की परेशानी हो रही थी। पलक न रूक ही नहीं रही थी।  इलाज के लिए वह कई जगह गयी तो बताया गया कि सर्जरी के जरिए इलाज होगा । कौशल्या देवी की उम्र 65 से अधिक थी जिसके कारण वह सर्जरी से डर रही थी । इसी बीच वह किसी डाक्टर के सलाह पर संजय गांधी पीजीआई के इंटरवेंशन रेडियोलाजिस्ट प्रो. विवेक सिंह से संपर्क किया। परीक्षण के बता पता लगा कि दिमाग को खून सप्लाई करने वाली मुख्य रक्त वाहिका में कैरोटिड आर्टरी में एक जगह नस कमजोर हो कर फूल गई है जिसे डॉक्टरी भाषा में एन्यूरिज्म कहते है कि इसके कारण पलक को खोलने बंद करने वाली नर्व पर दबाव पड़ रहा है। इसके कारण पलक नहीं खुल रही है। सिर दर्द का कारण भी यही एन्यूरिज्म है। प्रो. विवेक सिंह के मुताबिक गले के पास दोनों तरफ मोटी नस होती है जिसे कैरोटिड आर्टरी कहते है। इनके दायीं तरफ के कैरोटिड आर्टरी में एन्यूरिज्म था जिसके कारण उसी तरफ की पलक बंद थी।   गनीमत थी कि जो सूजन( गुब्बारा) हुई थी उसमें रक्त स्राव नहीं हो रहा था । हमने नस के जरिए गुब्बारे के पास पहुंच कर उसके नीचे फ्लो डायवर्टर लगा दिया जिससे गुब्बारे में रक्त जाना बंद हो गया। रक्त प्रवाह दिमाग में सामान्य हो गया । परेशानी दूर हो गयी लेकिन दो साल फिर बायीं तरफ के कैरोटिड आर्टरी में यही परेशानी हो गयी । इस एन्यूरिज्म का भी इलाज इसी तकनीक से बिना किसी सर्जरी के हो गया। कौशल्या पूरी तरह ठीक है।

मुख्यमंत्री  कोष से मिला सहायता तभी संभव हुआ विशेष इलाज

फालोअप पर आयी कौशल्या ने बताया कि बिना सर्जरी  इलाज का खर्च काफी अधिक था। आर्थिक भार वहन करना मेरे परिवार के लिए संभव नहीं था। मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता के लिए प्रार्थना पत्र दिया 15 दिन में पैसा आ गया और मेरा इलाज संभव हो गया। प्रो. विवेक सिंह कहते है कि इंडोवैस्कुलर प्रोसीजर में क्वाइल और फ्लो डायवर्टर काफी महंगा होता है। कई बार सामान्य लोग इलाज कराने में असमर्थ होते थे। आयुष्मान, मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता के कारण गरीब मरीजों का भी विशेष इलाज संभव हो पा रहा है।

 

 किसी भी दिन में ले सकते सलाह

प्रो. विवेक सिंह ने बताया कि एन्यूरिज्म, दिमाग में नस के गुच्छे, चोट के कारण दिमाग की नसों के आपस में जुड़ने. बच्चों में वेना गैलेन की बनावट में खराबी का इलाज बिना सर्जरी के इंटरवेंशन रेडियोलाजिकल तकनीक से संभव है। किसी भी रेडियोलॉजी विभाग में सलाह लिया जा सकता है।  


शुक्रवार, 15 सितंबर 2023

रूस ने दिया भारत को खाद में झटका

 




रूस की कंपनियों ने भारत को फर्टिलाइजर पर डिस्काउंट देना बंद कर दिया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक टाइट ग्लोबल सप्लाई के कारण रूसी कंपनियों ने डीएपी जैसे फर्टलाइजर पर छूट देना बंद कर दिया है। अब वे मार्केट प्राइस पर भारत को फर्टिलाइजर बेच रही हैं। पिछले साल रूस भारत के लिए फर्टिलाइजर का सबसे बड़ा सप्लायर बनकर उभरा था। रूस के इस कदम से भारत के लिए फर्टिलाइजर का आयात महंगा हो सकता है और इससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ बढ़ जाएगा। दुनियाभर में फर्टिलाइजर की कीमत में तेजी आई है। चीन दुनिया में इसका सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है और वह दूसरे देशों में बिक्री में कटौती करने की कोशिश कर रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी सप्लायर्स के साथ बातचीत से जुड़े इंडस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अब कोई डिस्काउंट नहीं मिल रहा है। रूस की कंपनियां मार्केट प्राइस पर फर्टिलाइजर दे रही हैं। 31 मार्च को खत्म फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में रूस से भारत का फर्टिलाइजर इम्पोर्ट 246 परसेंट बढ़कर 43.5 लाख टन रहा। इसकी वजह यह है कि रूस ने डीएपी, यूरिया और एनपीके फर्टिलाइजर्स पर भारत को डिस्काउंट दिया। इससे पहले तक भारत चीन, मिस्र, जॉर्डन और यूएई से फर्टिलाइजर मंगाता था।


कितनी पहुंच गई कीमत

रूसी कंपनियां पहले डीएपी पर प्रति टन 80 डॉलर तक छूट दे रही थीं। लेकिन अब पांच डॉलर का भी डिस्काउंट नहीं मिल रहा है। रूसी डीएपी की कीमत अभी 570 डॉलर प्रति टन है जो दूसरे एशियाई देशों के बराबर है। दुनिया में फर्टिलाइजर की कीमत में पिछले दो महीने में काफी तेजी आई है। इससे भारतीय कंपनियों के लिए विंटर सीजन के लिए स्टॉक बनाना मुश्किल पड़ रहा है। इस दौरान गेहूं की फसल के लिए उर्वरक की मांग बढ़ जाती है। जुलाई में यूरिया की कीमत करीब 300 डॉलर प्रति टन थी जो अब 400 डॉलर पहुंच गई। इसी तरह जुलाई में डीएपी की कीमत भी 440 डॉलर प्रति टन थी। मुंबई की एक कंपनी के अधिकारी ने कहा कि कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ग्लोबल फर्टिलाइजर की कीमतें बढ़ रही हैं। सरकार के पास सब्सिडी बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं है।

Three hospitals disappointed but Apex Trauma Center performed complex surgery

 



PGI Apex Trauma Center performed high risk surgery



 Three hospitals disappointed but Apex Trauma Center performed complex surgery



Four problems: Hip bone was already broken; someone was getting ready for surgery.


 


During his first four illnesses  broke his hip. Three hospitals refused to treat the bone. Problems increased, along with bed shore , chest infection increased but Sanjay Gandhi controlled all the problems at PGI's Apex Trauma Center and got him back on his feet after hip surgery. Orthopedic surgeon of Apex Trauma Center, . According to pro Pulak Sharma, 80-year-old woman Vimala Devi, resident of Lucknow, broke her hip bone while coming down the stairs. Admitted to the hospital nearest to his home. First aid for the fracture was administered. During medical evaluation at the hospital, it was discovered that he had severe heart disease (severe aortic stenosis) and interstitial lung disease, and his BP and sugar levels were also uncontrolled. Seeing this, he was referred to another private hospital. Another private hospital also decided not to perform the operation and advised him non-operative treatment. Medical Superintendent of Apex Trauma Center and Head of Hospital Administration Department, Prof. Rajesh Harsh Vardhan said that this was a very challenging surgery because there were many problems which we accepted.


  


Bed sores and chest infections due to untreated treatment


Due to lack of treatment, Vimala Devi remained bedridden due to which she developed bed sores and chest infection. Had severe heart disease, bedsores, uncontrolled BP, uncontrolled diabetes, chest infection. Three other hospitals refused to operate on him, saying he could die during or after the surgery. The family brought him to Apex Trauma Center.


Anesthesia given with special technique made the surgery successful


 


 On September 11, he was operated on by giving anesthesia through nerve block and advanced technology. His fracture was stabilized and fixed using the latest technology. Both these methods helped in reducing the surgery time to less than an hour.After the operation, he was kept in ICU. Transferred to the ward after 24 hours. Apex Trauma Center proved to be a boon for SGPGI, Vimala Devi.


 


 


 


This team performed surgery


Orthopedic Surgeon Prof. Pulak Sharma, Anesthesia Department Prof. Vansh Priya, Anesthesia Dr. Rafat, Orthopedic Resident Dr. Sanjay

तीन अस्पताल ने ठुकराया लेकिन एपेक्स ट्रामा सेंटर कर दी जटिल सर्जरी

 



हाई रिस्क सर्जरी को दिया पीजीआई एपेक्स ट्रामा सेंटर ने दिया  अंजाम

 तीन अस्पताल ने किया निराश लेकिन एपेक्स ट्रामा सेंटर कर दी जटिल सर्जरी

चार परेशानी पहले से टूट गई कूल्हे की हड्डी कोई सर्जरी के लिए हो रहा था  तैयार

 

पहले चार बीमारी उस पर कूल्हे की हड्डी टूट गयी। हड्डी के इलाज के लिए तीन अस्पताल ने मना कर दिया । परेशानी बढ़ती गई बेड शोर के साथ चेस्ट का इंफेक्शन बढ़ गया लेकिन संजय गांधी पीजीआई के एपेक्स ट्रामा सेंटर के तमाम परेशानी को नियंत्रित कर कूल्हे की सर्जरी कर पैर पर खड़ा कर दिया। एपेक्स ट्रामा सेंटर के आर्थोपैडिक सर्जन प्रो. पुलक शर्मा के मुताबिक लखनऊ की रहने वाली  80 वर्षीय महिला विमला देवी की सीढ़ियों से उतरते समय कूल्हे की हड्डी टूट गई। घर वाले  नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया ।  फ्रैक्चर का प्राथमिक उपचार किया गया।अस्पताल में चिकित्सीय मूल्यांकन के दौरान पता चला कि उसे हृदय की गंभीर बीमारी ( सीवीयर एओर्टिक स्टेनोसिस) और इंटरस्टीशियल लंग डिजीज साथ में उसका बीपी और शुगर का स्तर भी अनियंत्रित था।बढ़ती उम्र और कई अन्य बीमारियों को देखते हुए उन्हें दूसरे निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। दूसरे प्राइवेट अस्पताल ने भी  ऑपरेशन न करने का फैसला किया और उसे नॉन-ऑपरेटिव इलाज की सलाह दी। एपेक्स ट्रामा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक एवं अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो.राजेश हर्ष वर्धन ने कहा कि यह बहुत ही चेलेजिंग सर्जरी थी क्योंकि कई तरह की परेशानी थी जिसे हम लोगों ने स्वीकार किया।  

  

इलाज न होने के कारण बेड सोर और चेस्ट इंफेक्शन  

इलाज न होने के कारण विमला देवी बिस्तर पड़ी रहती थी जिसके कारण  बेड सोर और छाती में संक्रमण हो गया। हृदय की गंभीर बीमारीबेडसोरअनियंत्रित बीपीअनियंत्रित मधुमेहछाती में संक्रमण था। तीन अन्य अस्पतालों ने उसका ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया कह दिया कि  सर्जरी के दौरान या उसके बाद  मृत्यु भी हो सकती है। परिवार वाले एपेक्स ट्रामा सेंटर ले आए ।

विशेष तकनीक से दिया एनेस्थीसिया सफल हुई सर्जरी

 

 11 सितंबर  को नर्व ब्लॉक और उन्नत तकनीक के माध्यम से एनेस्थीसिया देकर उनका ऑपरेशन किया गया। नवीनतम तकनीक का उपयोग करके उसके फ्रैक्चर को स्थिर और ठीक किया गया। इन दोनों तरीकों से सर्जरी का समय एक घंटे से भी कम करने में मदद मिली। ऑपरेशन के बाद  आईसीयू में रखा गया ।  24 घंटे के बाद वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। एपेक्स ट्रॉमा सेंटर एसजीपीजीआईविमला देवी के लिए वरदान साबित हुआ।

 

 

 

इस टीम ने की सर्जरी

ऑर्थोपेडिक सर्जन प्रो  पुलक शर्मा, एनेस्थीसिया विभाग प्रो.   वंश प्रिया , एनेस्थीसिया डा. रफत, आर्थोपैडिक रेजिडेंट डा. संजय 

सोमवार, 4 सितंबर 2023

राष्ट्रधर्म पत्रिका के पूर्व संपादक वीरेश्वर द्विवेदी का निधन

  





राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और राष्ट्रधर्म पत्रिका के पूर्व संपादक वीरेश्वर द्विवेदी का आज लखनऊ के लोहिया  आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे।वह बीते कुछ दिनों से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित चल रहे थे।शरद जगदीश मिश्र ने बताया कि 

17 अगस्त 1945 को कानपुर देहात के राजपुर क्षेत्र के भाल ग्राम में जन्में श्री द्विवेदी ने अपने 52 वर्ष के संघ प्रचारक जीवन के दौरान विविध  दायित्वों का निर्वहन किया।

अशोक सिंघल जी की प्रेरणा से प्रचारक बने वीरेश्वर जी विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री व मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे।श्री राम मंदिर आंदोलन में आपकी भी अहम भूमिका रहीं।

संपादक के तौर पर आपने-राष्ट्रधर्म, पथसंकेत और हिंदू विश्व पत्रिकाओं का संपादन किया। आपकी "संघ नीव में विसर्जित" पुस्तक के साथ ही लगभग 30 पुस्तक व अन्य पठन सामग्री प्रकाशित हो चुकी हैं। अंग्रेजी विषय में परास्नातक वीरेश्वर जी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री और संघ के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के क्षेत्र प्रचार प्रमुख भी रहे। आपको पूर्व सर संघचालक राजेंद्र सिंह 'रज्जू भैया' जी के सानिध्य में लम्बे समय तक काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

आपने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के लखनऊ के पांचो लोकसभा चुनाव में संयोजक के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।

प्रचारक जीवन से पूर्व आप उरई के एक महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष और कानपुर में दैनिक जागरण अखबार के सब एडिटर रहे। नगर कार्यवाह अजीत जी

स्वयंसेवक अमन जी स्वयंसेवक सिद्धार्थ जी स्वयंसेवक देवेंद्र जी सहित तमाम सहित सेवकों ने शोक व्यक्त किया।

 

शुक्रवार, 1 सितंबर 2023

क्या दलित वोट को खींचने की कोशिश कर रहे है स्वामी

  


क्या दलित वोट को खींचने की कोशिश कर रहे है स्वामी 


समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य की 27 अगस्त को की गई धार्मिक टिप्पणी ने एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा दिया है. एक कार्यक्रम के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है. अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता लेकिन क्या विडंबना है...”

   सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, “यह उनकी व्यक्तिगत राय है, इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है. हम धर्मनिरपेक्षता को मानने वाले लोग हैं.” सपा नेताओं ने स्वामी के बयान से किनारा करने के साथ ही उन्हें नसीहत भी दी. विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा, “अपनी राजनीति को चमकाने के लिए कोई भी नेता धर्म को निशाना न बनाए. सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है. हमें किसी भी जाति व धर्म के खिलाफ बोलने का अधिकार नहीं है.” 


 सपा नेता आइपी सिंह ने  “एक्स” (ट्विटर) पर पोस्ट लिखी, “आपने वर्षों पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था, इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आप हिंदू धर्म की लगातार आलोचना करें. आपने पांच वर्ष भाजपा में रहते हुए ये मुद्दे नहीं उठाए. ऐसे विचारों से पार्टी हरगिज सहमत नहीं हो सकती, ये आपके निजी विचार हो सकते हैं.” 


यह पहली बार नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादास्पद बयान सपा के ही गले पड़ गए हों. इस वर्ष की शुरुआत में मौर्य ने गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरित मानस की कुछ पंक्त‍ियों पर आपत्त‍ि जताते हुए इसे हटाने की मांग की थी. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, “कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है.


 सपा अध्यक्ष अखि‍लेश यादव ने इसे दलित राजनीति से जोड़ने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा था, “भाजपा हम लोगों को शूद्र मानती है. मैं विधानसभा में सीएम योगी से कहूंगा कि वो इसके बारे में पढ़कर सुनाएं.” रामचरित मानस पर हुए विवाद पर कोई स्पष्ट स्टैंड न लेने की रणनीति सपा सुप्रीमो ने उस वक्त भी अपनाई जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने बद्रीनाथ, केदारनाथ और जगन्नाथपुरी को बौद्ध मठ करार दिया था. मौर्य ने विभिन्न इतिहासकारों, लेखक और बौद्ध धर्म के विद्वान पंडित राहुल सांकृत्यायन, स्वामी विवेकानंद और दयानंद सरस्वती के हवाले से कहा था, “आदि गुरु शंकराचार्य, उनके सहयोगियों और उन्हें मानने वाले राजाओं ने प्राचीन काल में बड़े पैमाने पर बौद्ध मठों को तुड़वाया. पुरी का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर भी बौद्ध मठ को परिवर्तित करके बनाया गया है. उत्तराखंड के कुमाऊं में भी ऐसा बड़े पैमाने पर किया गया.”


हिंदु मंदिरों को बौद्ध मठ बताने के तीन हफ्ते बाद 21 अगस्त को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी 'महासम्मेलन' में पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने देश को भगवान बुद्ध का रास्ता अपनाने की सलाह दी. 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर इस सम्मेलन का लक्ष्य कुशवाहा, मौर्य, सैनी और शाक्य समुदाय को अपने साथ जोड़ने पर रहा. 


अखिलेश यादव ने अपने भाषण में 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा, “कुछ दिनों पहले मैं प्रधानमंत्री के भाषण को सुन रहा था जिसमें देश को विकसित बनाने का संकल्प लिया जा रहा था... मैं कुशवाहा, मौर्य, सैनी और शाक्य लोगों से कह सकता हूं कि जो लाल किले से विकसित देश बनाने की बात और संकल्प दोहरा रहे थे वे केवल भगवान बुद्ध का रास्ता अपना लें तो भारत अपने आप विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा दिखाई देगा.” स्वामी प्रसाद मौर्य की सरपरस्ती में हुए इस सम्मेलन से स्पष्ट हो गया था कि सपा सुप्रीमो की नजर बसपा के उस वोटबैंक पर है जो वर्ष 2014 के बाद से भाजपा की ओर मुड़ गया है. 


“वर्ष 2022 में सपा ने विधानसभा चुनावों में अब तक का सबसे ज्यादा 32.06% वोट हासिल किए. वर्ष 2017 के चुनाव की तुलना में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा को मिले मतप्रतिशत में 10% से अधिक की बढ़ोतरी बसपा के वोटबैंक के एक बड़े हिस्से के साइकिल की तरफ शिफ्ट से होने से हुई थी.” 


सपा 2024 के लोकसभा चुनाव में भी अपने वोटप्रतिशत में बढ़ोतरी को कायम रखना चाहती है.. इसीलिए सपा दलितों के साथ मौर्य, सैनी, कुशवाहा जैसी जातियों में पैठ बढ़ाने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य का सहारा ले रही है. इसीलिए स्वामी प्रसाद मौर्य कांशीराम के जमाने में दिखने वाले जातिगत आक्रामक बयानों के जरिए इन लक्षि‍त जातियों को संदेश देने की कोशिश कर रहे