रविवार, 6 जून 2021

कोरोना काल में बच्चे और युवों की बदली दिनचर्या बना सकता है बीमार

 





कोरोना काल में बच्चे और युवों की बदली दिनचर्या बना सकता है बीमार

 

सेट करें रूटीन नहीं हो जाएगी देर  

 

कोरोनाकाल में स्कूल की छुट्टी है। कोचिंग बंद है... घर में ही रहना है ...क्या करेंगे जल्दी उठ कर ...देर से सोना...दिन में खा कर सो जाना ...कुछ अच्छा हो जाए तो पकौड़ी भी बन गयी....इस तरह  दिनचर्या बदल गयी। इसके साथ घर में कुछ लोग बीमार भी हो गए अधिकांश की शारीरिक व मानसिक सेहत अब पहले जैसी नहीं रही।  मोटापा से पीड़ित हो गए । बहुत से लोग गहरे मानसिक अवसाद से पीड़ित हैं। ऐसे में किंग जार्ज मेडिकल विवि के मानसिक रोग विशेषज्ञ डा.एसके कार कहते है कि  महामारी के कारण शरीर में आए अनचाहे बदलाव जैसे वजन बढ़नाचिड़चिड़ापननींद कम या बहुत ज्यादा आने को स्वीकारने की जरूरत है। जब तक आप अपने अंदर आए अनचाहे बदलावों को नजरअंदाज करते रहेंगेतब तक उनमें सुधार नहीं किया जा सकता।

 

आज से बनाए योजना

 

 अनचाहे बदलावों को सुधारने के लिए हमें एक नियत समयावधि के लिए योजना बनानी चाहिए। साथ ही यह भी याद रखने की जरूरत है कि आप जो सुधार करना चाहते हैंउनकी समयावधि व्यावहारिक हो ताकि आप आसानी से उसे प्राप्त भी कर सके। उदाहरण के लिए आप अपना दो किलो वजन एक महीने के अंदर घटाना चाहेंगे तो यह व्यावहारिक होगाजबकि महीनेभर में पांच किलो वजन घटाना मुश्किल ये आपकी स्थितियों के मुताबिक असंभव भी हो सकता है।

 

अच्छी नींद भी जरूरी

सुनिश्चित कीजिए कि आप जिस जगह सो रहे हैंवह एक शांत और कम रोशनी वाला कमरा हो ताकि आपकी नींद में खलल न पड़े। सोने से पहले टहलना या फिर किताब पढ़ने जैसी आदतों को दोबारा अपनाना शुरू करें। कमरे के अंदर ही या बालकनी में टहलना बेहतर होगा। साथ ही कैफीनयुक्त पेय का कम करें। मोबाइल फोन और कंप्यूटर से दूरी रखें। 

 

दिनचर्या बनाएं

 शरीर को एक तय दिनचर्या में ढालें। उसके हिसाब से ही व्यायामनहाना-धोनाभोजन करें और नींद लें। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि एक निश्चित दिनचर्या के अभाव में हमारा शरीर और मस्तिष्क सामान्य व्यवहार नहीं करता।

-    योग, व्यायाम, प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करें

 - सोशल मीडिया पर तमाम गलत जानकारी होती है बिना पड़ताल किए उस पर अमल न करें

-आन लाइन क्लास के बाद को दूसरे गतिविधियों में शामिल करें जैसे पेटिंग, किताबें  पढना, घर के छत पर ही टहलना शुरू करें 


फैक्ट...फिगर

 - 10 फीसदी लोग मानसिक परेशानी के शिकार रहे

-42 फीसदी वयस्कों का वजन 6-7 किलो तक अनचाहे रूप से बढ़ गया है।

-66 फीसदी लोगों ने अपनी नींद के पैटर्न में बदलाव दर्ज किया है एक साल में।

-23 फीसदी लोग तालाबंदी के कारण नशे का अत्यधिक प्रयोग करने लगे।

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