मंगलवार, 1 जून 2021

कोरोना टीके के बीच अंतर से मजबूती से होगा मुकाबला

 




कोरोना टीके के बीच अंतर से मजबूती से होगा मुकाबला

 

पहले और दूसरे टीके बीच तीन से 4  महीने का अंतर तो कोरोना से लडाई को लिए मजबूत इम्यून सिस्टम

 

  पहले और दूसरे डोज के बीच समय को बताया सही

 

कुमार संजय

 

जनवरी - दो डोज़ के बीच 28 दिन

 

मार्च - दो डोज़ के बीच 45 दिन

 

मई - दो डोज़ के बीच 90 से 120 दिन( 12 से 16 सप्ताह) 

 

यह है कोरोना वैक्सीन के पहले और दूसरे डोज के बीच का अंतराल । इस अंतराल को लेकर  लोग भ्रम में पड़ गए कि पहली और दूसरी वैक्सीन में कितना अंतर होना चाहिए । इसका जवाब शोध वैज्ञानिकों ने दे दिया है।  इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल लांसेट के रिपोर्ट  सिंगल डोज एडमिनिस्ट्रेशन एंड द इंफुलएंस आफ दी टाइमिंद आफ बूसटर डोज आऩ म्यूनोजेनसिटी एंड इफीसिंएंसी आफ एजेडजी 1222 वैक्सीन ः ए पूल्ड एनलसिस आफ रैंडोमाइज्ड ट्रायल  के मुताबिक  8597 ऐसे लोगों पर शोध के बाद दिया है जिन्हें भारतीय वैक्सीन लगी।   वैक्सीन की इफेक्टिवनेस और शरीर का इम्यून रिस्पांस  दोनों डोज की देरी से प्रभावित होता है। कोवीशील्ड के मामले में दो डोज में अंतर जितना अधिकइफेक्टिवनेस भी उतनी ही अधिक होगी। जब 6 हफ्ते से कम अंतर से दो डोज दिए गए तो इफेक्टिवनेस 50-60 फीसदी रही जबकि अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने पर 81.3 बढ़ गयी। दो डोज के बीच अंतर बढ़ने से  अधिक से अधिक लोगों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए वैक्सीन का एक डोज दिया जा सकेगाऔर  वैक्सीन की इफेक्टिवनेस भी बढ़ेगी। अगर दो डोज के बीच का अंतर बढ़ाया जाता है तो कोरोना वायरस के खिलाफ आईजी एंटीबॉडी रिस्पॉन्स दोगुना तक हो सकता है।   टीके के पहले खुराक के 22 वें 90 वें दिन के बाद  प्रभावशीलता 76·0% थी और इस शुरुआती 3 महीने की अवधि के दौरान सुरक्षा के लिए एंटीबॉडी स्तर कम नहीं हुआ। इस प्रकार देर से दूसरी खुराक के लिए रणनीति सुरक्षित है।

बाक्स 

संक्रमित हो गए है तो निगेटिव होने के चार सप्ताह बाद 

-  हाल में ही कोरोना पॉजिटिव हुआ थामुझे कब टीका लेना चाहिए 

- कोरोना निगेटिव होने के चार सप्ताह बाद आप टीका ले सकते हैं।

 - एक खुराक लेने के बाद यदि कोरोना हो जाये तो दूसरी खुराक कब लेनी चाहिए?
- निगेटिव होने के चार सप्ताह बाद आप टीका ले सकते हैं



 

पहले डोज के बाद पैदा होने लगता है इम्यून रिस्पांस

 

 वैक्सीन का पहला डोज लगने पर आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में इम्यून रिस्पांस पैदा होता है। इनेक्टिव या मृत वायरस जब सिस्टम में आता है तो एंटीबॉडी बनती है। शरीर इन्फेक्शन के पैटर्न को समझता है। यह पहला डोज लेने के कुछ ही घंटों या दिनों में यह होने लगता है। कुछ हद तक प्रोटेक्शन तो मिल ही जाती है।दूसरा डोज निश्चित तौर पर यह इम्यून रिस्पांस बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम में मेमोरी-बी सेल्स को इंफेक्शन फैलाने वाले वायरस को याद रखने के लिए तैयार करता है। पहले डोज के बाद दूसरे का इंतजार कर रहे थेउन्हें बहुत अधिक चिंतित होने की जरूरत नहीं है। पर पूरी तरह प्रोटेक्शन हासिल करने के लिए दूसरा डोज लेना बेहद जरूरी है।

 

 

नई गाइड लाइन से पहले वाले न हो परेशान

  बुजुर्गों के साथ-साथ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को 6 हफ्ते से कम अंतर से कोवीशील्ड के दो डोज लगाए गए हैं। इन लोगों को नई गाइडलाइन की वजह से चिंता नहीं करनी चाहिए। उनके शरीर में दो डोज के बाद एंटीबॉडी रेस्पॉन्स प्रभावी हो जाती है।  वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं तो आपकी इम्यूनिटी अच्छे स्तर पर होगी। आपके गंभीर बीमार होने या मौत की संभावना शून्य हो चुकी होगी। जिन्हें दोनों डोज लग चुके हैंउन्हें इन्फेक्शन हो भी गया तो लक्षण बहुत हल्के या मामूली होंगे.... माइक्रोबायोलॉजिस्ट एसोसिएट प्रोफेसर अतुल गर्ग  


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