रविवार, 14 जनवरी 2024

प्रसिद्ध शायर मुनव्वर राना का निधन

 प्रसिद्ध शायर मुनव्वर राना का  निधन 


छू नहीें सकती मौत भी आसानी से इसको
यह बच्चा अभी माँ की दुआ ओढ़े हुए है

तो अब इस गांव से रिश्ता हमारा खत्म हो गया


फिर आंख खोल ली जाय कि सपना खत्म हो गया




मुनव्वर राणा संजय गांधी पीजीआई में किडनी की परेशानी के बाद भर्ती थे वह लंबे समय से डायलिसिस पर थे बीच में तबीयत खराब होने पर उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया था फिर परिजन उनको पीजीआई लेकर आए थे। इनको फेफड़ों की दिक्कत भी होने लगी सांस लेने में परेशानी होने पर  इन्हें वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। इतवार को रात 11 बजे उनका निधन हुआ।

 राना (जन्म: 26 नवंबर 1952, रायबरेली, उत्तर प्रदेश) उर्दू भाषा के साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता शाहदाबा के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।वे लखनऊ में रहते हैं।


भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय उनके बहुत से नजदीकी रिश्तेदार और पारिवारिक सदस्य देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए। लेकिन साम्प्रदायिक तनाव के बावजूद मुनव्वर राना के पिता ने अपने देश में रहने को ही अपना कर्तव्य माना। मुनव्वर राना की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता (नया नाम कोलकाता) में हुई। राना ने ग़ज़लों के अलावा संस्मरण भी लिखे हैं। उनके लेखन की लोकप्रियता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी रचनाओं का ऊर्दू के अलावा अन्य भाषाओं में भी अनुवाद हुआ है।

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