मंगलवार, 30 जनवरी 2024

वायरस का राज खोलेगा पीजीआई- वायरोलाजी लैब की हो रही स्थापना

 




पीजीआई खोलेगा वायरस का राज

  वायरोलाजी रिसर्च एवं  डायग्नोस्टिक लैब के लिए आईसीएमआर ने दिया 3 करोड़ 80 लाख का बजट

माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रो. अतुल गर्ग सबसे अधिक एस्ट्रामुलर ग्रांट लाने वाले 

 

कई बार आप ने सुना होगा कि किसी खास इलाके में  बुखार के

 कारण लोग परेशान है कारण का पता नहीं लग पा रहा है ऐसे में

 स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां के लोगों के नमूने लेकर वायरल

 रिसर्च इंस्टीट्यूट पुणे या दिल्ली जैसे संस्थान में भेजे जाते है। अब

 किसी भी अनजान कारण का पता लगाना प्रदेश में संभव होगा।

 संजय गांधी पीजीआई में संजय गांधी पीजीआई में वायरोलाजी रिसर्च

 एवं  डायग्नोस्टिक लैब की स्थापना होने जा रही है। इस लैब के स्थापना के

 लिए  माइक्रोबायोलॉजी विभाग  प्रो. अतुल गर्ग ने आईसीएमआर को प्रस्ताव

 भेजा था जिसे स्वीकार कर लिया गया । आईसीएमआर ने  तीन करोड़ अस्सी

 लाख बजट भी जारी कर दिया है।  रिसर्च के लिए सबसे अधिक बजट लाने के

 लिए प्रो. गर्ग को प्रेसिडेंट एवार्ड आफ मैक्सिमस एक्ट्रामुलर ग्रांट से हाल ङी

 में  सम्मानित भी किया गया । प्रो. अतुल ने बताया कि 1.5 करोड़ का बजट आ चुका जिससे काम शुरू हो गया है । अगले साल तक पूरी लैब तैयार हो

 जाएगी।  लैब बनने के बाद वायरस की जांच भी होगी अभी भी हम लोग

 कोरोना, हरपीज , स्वाइन फ्लू सहित कई वायरस की जांच करते है इसके लिए

 वायरोलाजी लैब है नई लैब बनने के बाद वायरस का स्ट्रेन ( प्रकार) सहित बडे

 स्तर पर जांच की सुविधा उपलब्ध होगी।

क्या है वायरस

वायरस सूक्ष्म जीव हैं जो मनुष्यों, जानवरों को संक्रमित कर सकते हैं। वे एक

 सुरक्षात्मक खोल (कैप्सिड) के अंदर आनुवंशिक जानकारी (डीएनए या

 आरएनए) का एक छोटा सा टुकड़ा हैं। कुछ वायरस में एक आवरण भी होता

 है। होस्ट के बिना वायरस विकास  नहीं कर सकते।

 

इतने तरह के होते है वायरस

 वायरस को समान विशेषताओंजैसे आकारआकार और उनके द्वारा ले जाने

 वाली आनुवंशिक सामग्री के प्रकार के आधार पर श्रेणियों में समूहित करते हैं

 

-इन्फ्लूएंजा वायरस

-मानव हर्पीस वायरस

-कोरोना वायरस

-मानव पेपिलोमावायरस

-एंटरोवायरस

-फ्लेवीवायरस

-ऑर्थोपॉक्सवायरस

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